जवाहरलाल नेहरू युनिवर्सिटी से डेढ़़ साल से लापता छात्र नजीब अहमद की मां फ़ातिमा नफ़ीस ने अपने बेटे का नाम इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकवादी संगठन से जोड़े जाने के मामले में कुछ मीडिया संस्थानों के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में मानहानि का मुकदमा दायर किया है।
ह्यूमन राइट्स लॉ नेटवर्क के माध्यम से दायर अपने मुकदमे में फा़तिमा ने टाइम्स ऑफ इंडिया, टाइम्स नाउ, दिल्ली आजतक और टाइम्स ऑफ इंडिया व इंडिया टुडे समूह के रिपोर्टरों पर मानहानि का दावा करते हुए नुकसान की भरपाई के बदले कुल 2.2 करोड़ रुपये की मांग की है और साथ ही किसी भी तरीके से इस बारे में कोई खबर छापने या दिखाने पर स्थायी रोक लगाने की मांग की है।
फ़ातिमा ने यह मुकदमा पिछले साल मार्च में टाइम्स ऑफ इंडिया में दिलली पुलिस के हवाले से छपी एक ख़बर के सिलसिले में दायर किया है जिसमें बताया गया था कि नजीब इस्लामिक स्टेट में प्रवेश के तरीके ऑनलाइन खोज रहा था और वह गायब होने से ठीक पहले 14 अक्टूबर की रात में आइएस के एक नेता का इंटरव्यू देख रहा था। ध्यान रहे कि नजीब अहमद 15 अक्टूबर 2016 से लापता है।
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बाद में टाइम्स नाउ ने भी इस आशय की ख़बर चलाई थी जिसकी प्रति अब भी इंटरनेट पर सुरक्षित है। कुछ दिनों पहले एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी की आइटी सेल के कुछ लोगों ने इस पुराने वीडियो मीडिया में वायरल कर दिया था और कई नेता इसकी चपेट में आ गए थे, जिन्हें यह बताने पर कि वीडियो पुराना और विवादित हे, उसे हटाना पड़ा था और माफी मांगनी पड़ी थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर रिपोर्टर ने दिल्ली पुलिस के हवाले से लिखी थी लेकिन दिलचस्प घटनाक्रम में दिल्ली पुलिस ने जल्द ही इस बात का खंडन कर दिया कि उसकी जांच में नजीब द्वारा आइएस से संबंधित वेबसाइटों को देखने की बात आई है। खबर लिखने वाले रिपोर्टर ने इसके बाद अपना ट्विटर खाता डीएक्टिवेट कर दिया था।
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फातिमा ने दिल्ली आजतक को भी एक कानूनी नोटिस भेजा था जिसका चैनल ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है।
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मानहानि के मुकदमे में मांग की गई है कि ये सारे मीडिया प्रतिष्ठान नजीब से जुड़ी विवादित खबरों को हर स्वरूप में तुरंत हटाएं, बेशर्त माफीनामा दें और 2.2 करोड़ रुपये का हर्जाना भरें।
Courtesy: Livelaw.in