चमकी बुखार यानी इन्सैफेलाइटिस से मुजफ्फरपुर में हुई 180 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में 24 जून को मुज़फ्फ़रपुर के चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के खिलाफ जांच का आदेश दिया है. मुजफ्फरपुर में लगातार हो रही बच्चों की मौत के बीच सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने शिक़ायत दायर की थी. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र, बिहार और यूपी सरकार को नोटिस जारी कर सात दिन में जवाब मांगा है.
Bihar: Muzaffarpur Chief Judicial Magistrate, Suryakant Tiwari orders investigation against Union Health Minister Dr Harsh Vardhan&Bihar Health Minister Mangal Pandey, in a case of negligence registered against them, in connection with deaths of children in Muzaffarpur due to AES pic.twitter.com/343Uds6yQd
— ANI (@ANI) June 24, 2019
हाशमी ने बच्चों की मौत का जिम्मेदार दोनों मंत्रियों को बताते हुए सीजेएम कोर्ट में परिवाद दाखिल किया था जिस पर संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूर्यकांत तिवारी ने यह आदेश दिया है.
चमकी बुखार यानी एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम के कहर से बच्चों को बचाने और तत्काल विशेषज्ञों का मेडिकल बोर्ड गठित करने की मांग वाली जनहित याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, बिहार और यूपी सरकार को नोटिस जारी कर सात दिन में जवाब मांगा है.
SC issues notice to Centre, Bihar & Uttar Pradesh govts asking them to file affidavits within 7 days giving details of facilities dealing with public health, nutrition and sanitation, for treatment of children suffering from Acute Encephalitis Syndrome (AES) in Muzaffarpur. pic.twitter.com/7eyytB2lQM
— ANI (@ANI) June 24, 2019
न्यायामूर्ति संजीव खन्ना और न्यायामूर्ति बी.आर.गवई की पीठ ने बिहार सरकार को चिकित्सा सुविधाओं, पोषण एवं स्वच्छता और राज्य में स्वच्छता की स्थिति की पर्याप्तता पर एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश भी दिया है. अधिवक्ता मनोहर प्रताप की ओर से दायर याचिका में ‘चमकी’ बुखार को लेकर बिहार सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार को विशेषज्ञों की एक मेडिकल बोर्ड गठित कर उसे तत्काल बिहार के मुजफ्फरपुर व अन्य प्रभावित क्षेत्रों में भेजने का निर्देश देने की मांग की गई है.
साथ ही इस याचिका में इसके अलावा केंद्र और बिहार सरकार को 500 मोबाइल आइसीयू भेजने का निर्देश देने को भी कहा गया है, जो कि विशेषज्ञों से लैस हों जिससे दूरदराज के इलाकों में प्रभावितों को इलाज मुहैया कराया जा सके.
इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने आरोप लगाया था कि मुजफ्फरनगर में बच्चों की मौत के लिए नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं और इसके लिए उन्हें इस्तीफा देना चाहिए.
बिहार के 16 जिलों में दिमागी बुखार या एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम से इस महीने की शुरुआत से 600 से अधिक बच्चे प्रभावित हुए हैं जिनमें से 150 से अधिक बच्चों की मौत की ख़बर है. मुजफ्फरपुर जिले में सबसे अधिक अब तक 117 की मौत हुई है. इसके अलावा भागलपुर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, सीतामढ़ी और समस्तीपुर से मौतों के मामले सामने आए है.
वहीं यूपी के गोरखपुर में भी दिमागी बुखार से अब तक करीब 20 बच्चों के मारे जाने की ख़बर है.