भुज के मजीद को ज़मीन निगल गई या आसमान खा गया?

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मजीद थेबा का पता नहीं चलने पर अब सड़क पर उग्र आन्दोलन होगा

पूरे गुजरात के न्यायप्रिय लोग अहमदाबाद से भुज यात्रा में चलेंगे

26 दिन से एक मुस्लिम महिला अपने पति का पता लगाने व FIR दर्ज कराने के लिए दौड़ रही है 


गुजरात के कच्छ जिले के भुज शहर में 26 दिन पहले 19 जुलाई 2018 की रात को 9 बजे मजीद थेबा के घर में पुलिस जाती है। मियां बीवी खाना खा रहे होते हैं। तभी पुलिस पूछती है ये मजीद का घर है? उन्होंने कहा, जी हां साहेब ये मजीद का ही घर है। इसके बाद पुलिस गाली गलौज करती है, फिर मजीद के साथ मारपीट करती है।

इतना ही नहीं, पुलिस मजीद की गर्भवती बीवी को भी मारती है। गर्भवती बीवी को पेट मे चोट लगने से दर्द होता है जिससे पुलिस उसको ऑटो रिक्शा से सिविल हॉस्पिटल भेज देती है और फिर रात को 2 बजे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करवा कर उसकी बीवी को फिर से पुलिस स्टेशन बुलाती है। फिर उस औरत को घर भेज दिया जाता है और जब वो घर पहुँचती  है तो उसका पति गायब होता है।

उसकी पत्नी आशियाना थेबा ने ज़िले के एस.पी, कलेक्टर को लिखित फरियाद दी जिसमें एक पुलिसवाले का नाम भी होता है। उस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी। मजीद को गायब हुए महीना भर हो रहा है। सवाल उठता है कि उसकी गुमशुदगी के मामले में अब तक कोई एफआइआर क्यों नहीं हुई?

मजीद थेबा को ढूँढने व उसकी पत्नी आशियाना थेबा की FIR दर्ज करने के लिए माइनॉरिटी कोआर्डिनेशन कमेटी गुजरात के कन्वेनर मुजाहिद नफ़ीस नें पुलिस महानिदेशक, गृह राज्यमंत्री व मुख्य सचिव गुजरात को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

अगर FIR दर्ज नहीं हुई तो माइनॉरिटी कोआर्डिनेशन कमेटी पूरे राज्य में आन्दोलन, धरना प्रदर्शन करेगी ताकि गुजरात के मुसलमानों को उनके नागरिक अधिकार मिल सकें।

भवदीय,

मुजाहिद नफ़ीस


प्रेस विज्ञप्ति


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