भारी वित्तीय संकट से जूझ रही सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी महानगर टेलीफोन निगम लि. यानी (एमटीएनएल) ने सरकार से कई साल पुराने बांड निर्गम तथा किराये के बकाये के रूप में 800 करोड़ रुपये मांगे हैं. कंपनी पिछले दो माह से अपने कर्मचारियों के वेतन का भुगतान नहीं कर सकी है.
MTNL, where a massive cash crunch has stalled salary payments for two months now, has approached the government with about Rs 800 crore worth of claims.https://t.co/e8JwBEprga
— NDTV Profit (@NDTVProfitIndia) September 8, 2019
पिछले सप्ताह कंपनी ने इस बात को स्वीकार किया कि वह अपने कर्मचारियों का दो माह का वेतन नहीं दे पाई.
Not only auto sector. Entire industrial & service sector is dying . Telecom sector PSU MTNL has not paid it's employees salary for last 2 months. Most of the exchanges are under threat of power shut down due to non payment of electricity bills. https://t.co/UolP8NuCMp
— MTNL (@MTNL58245953) September 6, 2019
कंपनी ने कहा है कि वह कर्मचारियों के वेतन से कम से कम एक हिस्से के भुगतान का ईमानदारी से प्रयास कर रही है. दूरसंचार विभाग के सूत्रों ने कहा कि एमटीएनएल ने उससे बकाये की मांग की है. इनमें 400 करोड़ रुपये उन बांडों के धन की वापसी है जिनके बारे में कंपनी का दावा है कि कई साल पहले उसने इन्हें सरकार की ओर से जारी किया था.
The #market share of #MTNL has declined to 6.95% at the end of 2018-19 from 7.37% in 2016-17.https://t.co/2CB8chHLGF
— The Hindu (@the_hindu) September 5, 2019
एमटीएनएल कर्मचारी यूनियम फोरम ने पत्र जारी कर बकाया वेतन भुगतान की मांग करते हुए वेतन न मिलने पर 9, 12 और 13 सितम्बर को धरना प्रदर्शन की घोषणा की है.
सूत्रों ने कहा कि दूरसंचार विभाग अभी एमटीएनएल के दावे की जांच नहीं कर पाया है. इसके अलावा कंपनी ने एमटीएनएल के परिसरों में स्थित दूरसंचार विभाग के कार्यालयों के किराये का बकाया भी मांगा है.