बेरोज़गारी और भुखमरी के मामले में भारत के नाम जिस दौर में नए रिकॉर्ड बन रहे हैं, उसी समय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक रिकॉर्ड बना रहे हैं। वाक़ई किसी ग़रीब देश में ऐसा अमीर प्रधानमंत्री शायद ही कभी हुआ हो। आप यह सुनकर चौंक जाएँगे कि चार सालों में पीएम मोदी की विदेश यात्राओं पर सरकारी ख़ज़ाने से साढ़े तीन अरब रुपये से ज़्यादा ख़र्च हुए हैं।
यह कोई आरोप नहीं है। आरटीआई कार्यकर्ता भीमप्पा गडड को ख़ुद पीएमओ से मिली जानकारी है। आरटीआई के जवाब में बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते चार वर्षों में अपनी विदेश यात्रा पर 355 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। 41 विदेशी दौरों में उन्होंने 52 देशों की यात्रा की जिसमें 355 करोड़ रुपए खर्च हुए। इन यात्राओं के दौरान मोदी करीब 165 दिनों के लिए विदेश में रहे।
आरटीआई के जवाब के मुताबिक सरकार ने पीएम की नौ दिवसीय त्रिकोणीय यात्रा (फ्रांस, जर्मनी और कनाडा) पर 31 करोड़ 25 लाख 78,000 रुपये खर्च किए, जो कि एक ही यात्रा पर खर्च की गई उच्चतम राशि है।
वहीं प्रधानमंत्री की भूटान की यात्रा पर सबसे कम खर्च किया गया। 15-16 जून 2014 में उनकी पहली विदेश यात्रा पर 2,45,27,465 रुपये खर्च किए गए थे।
आरटीआई कार्यकर्ता भीमप्पा गडड ने कहा- ‘मैंने कुछ साल पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों द्वारा विदेशी यात्राओं के विवरण के लिए भी आवेदन किया था। हाल ही में समाचार रिपोर्ट्स में प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं की भारी आलोचना की गई थी। जिसके बाद ही मैंन उनके विदेश दौरे के विवरण मांगने के लिए आरटीआई के तहत आवेदन किया और मैं आंकड़ों को देखकर चौंक गया।’
वैसे, दिलचस्प बात है कि मीडिया ने इस ख़बर को काफ़ी ढँके-छुपे अंदाज़ में पेश किया। अख़बारों के कोने-अँतरों में यह ख़बर छपी लेकिन इलेक्ट्रानिक मीडिया में इसकी चर्चा शायद ही हुई हो। परिचर्चा तो बिलकुल भी नहीं।