दिल्ली चुनाव के ठीक पहले नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का बाण छोड़ दिया है. याद हो कि ठीक ऐसा कुछ उन्होंने बीते वर्ष लोकसभा चुनाव के बीच केदारनाथ गुफा में जाकर किया था. अब जब दिल्ली विधानसभा चुनाव में 2 दिन शेष है, उसी वक्त मोदी ने राम मंदिर ट्रस्ट के गठन का ऐलान कर दिया. किंतु इस बार यहां सुप्रीम के आदेश का बहाना है उनके पास.
अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में ट्रस्ट के गठन का एलान किया. बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में इसकी घोषणा की. ट्रस्ट के सभी सदस्यों का हिंदू धर्मावलंबी होना अनिवार्य बनाया गया है.
PM Modi in Lok Sabha: We have readied a scheme for the development of Ram Temple in Ayodhya. A trust has been formed, it is called 'Sri Ram Janambhoomi Tirath Kshetra.' pic.twitter.com/LOWDqzvuLU
— ANI (@ANI) February 5, 2020
बुधवार, 5 फरवरी को प्रधानमंत्री ने लोकसभा में कहा -“मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि आज सुबह कैबिनेट की बैठक में हमने अयोध्या ट्रस्ट पर महत्वपूर्ण फैसले लिए. सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार, हमने एक ट्रस्ट का गठन किया है. ट्रस्ट का नाम श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र होगा, यह एक स्वतंत्र निकाय होगा.”
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— ANI (@ANI) February 5, 2020
इस घोषणा का आदेश राजपत्र द्वारा जारी किया गया है.ट्रस्ट के डीड में ही साफ कर दिया गया है कि इसके गठन के बाद सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं होगी यानी यह सरकारी दखल से पूरी तरह मुक्त होगा.ट्रस्ट को राम मंदिर निर्माण और उसके रखरखाव के लिए धन जुटाने और उसके प्रबंधन की पूरी छूट होगी.
Government of India: Trust by the name 'Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra' has been registered with its registered office at R-20, Greater Kailash Part -1, New Delhi, 110048. https://t.co/EDWOb1x0ZH
— ANI (@ANI) February 5, 2020
इस ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे, और ट्रस्ट का कार्यालय दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में होगा. इस ट्रस्ट में जो लोग सदस्य होंगे उनमें अदालत में राम जन्मभूमि केस के पक्ष में लड़ने वाले वकील रामभक्त केशव इयंगर परासरन का नाम सबसे ऊपर है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार निर्मोही अखाड़े के प्रतिनिधि के रूप में महंत दीनेंद्र दास को भी ट्रस्ट में शामिल किया गया है.
ट्रस्ट में एक दलित सदस्य के होने की बात ख़बरों में है. 1989 में राम मंदिर का शिलान्यास करने वाले दलित कामेश्वर चौपाल का भी नाम इसमें शामिल है.
ट्रस्ट में जो धर्म गुरु शामिल किये गये हैं उनके नाम हैं-जगतगुरु शंकराचार्य ज्योतिष पीठाधीश्वर,स्वामी वासुदेवानंद, (प्रयागराज), जगतगुरु माधवचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नाथर्थ, (उडुपी), हरिद्वार से युगपुरुष परमानंद और पुणे से स्वामी गोविंददेव गिरि.
ट्रस्ट में नागरिक समाज से शामिल लोगो भी हैं जिनमें अयोध्या शाही परिवार से विमलेन्दु मोहन प्रताप मिश्र, अयोध्या से होम्योपैथिक डॉक्टर अनिल मिश्रा शामिल हैं.
इस बीच खबर है कि अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट का विरोध शुरू हो गया है. यहां मंदिर निर्माण के लिए बुधवार को ही गठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के स्वरूप का मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे संतों ने विरोध शुरू कर दिया है.