देश की जीवन रेखा कही जाने वाली भारतीय रेल का निजीकरण करने की दिशा में मोदी सरकार बहुत तेजी से काम कर रही है. देश की पहली निजी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन तेजस को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरी झंडी दिखा चुके हैं. अब खबर है कि केंद्र सरकार ने 50 रेलवे स्टेशनों और 150 ट्रेनों का निजीकरण करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
Bumper #privatisation move in #IndianRailways! Task force planned for 50 private railway stations, 150 trains https://t.co/5WgjJ6f73l pic.twitter.com/2EmDRKF9Os
— Financial Express (@FinancialXpress) October 10, 2019
रेलमंत्री और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के बीच हुई कई दौर की बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया है. प्रोजेक्ट पर अमल के लिए सचिव स्तर के एम्पावर्ड ग्रुप को जिम्मेदारी सौंपी गई है.
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने रेलवे बोर्ड चेयरमैन विनोद कुमार यादव को पत्र लिखा है.
पत्र में नीति आयोग के सीईओ ने लिखा है, ‘जैसा आपको जानकारी है कि रेलवे को 400 रेलवे स्टेशनों को चुनकर उन्हें वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाना था. लेकिन यह प्रतिबद्धता कई सालों से जताई जा रही थी. इसके बाद भी वास्तव में ऐसा नहीं हो पाया, सिर्फ गिने चुने मामलों को छोड़कर, जहां पर ईपीसी मोड के जरिए काम हुआ था.’
पत्र में आगे लिखा है – ‘मैंने रेल मंत्री से विस्तृत बातचीत की, जहां पर यह महसूस किया गया कि कम से कम 50 स्टेशनों के लिए यह काम प्राथमिकता के साथ किया जाना चाहिए. जिस तरह 6 एयरपोर्ट को प्राइवेट हाथों में सौंपा गया, उसी तरह सचिव स्तर का एम्पावरड ग्रुप बनाकर यह काम करने की जरूरत है. इस ग्रुप में नीति आयोग के सीईओ, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव, शहरी एवं विकास मंत्रालय के सचिव शामिल हो सकते हैं.’ साथ ही पत्र में लिखा गया है कि शुरुआती चरण में 150 ट्रेनों को प्राइवेट हाथों में सौंपा जाएगा.
इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए बनाए गए एम्पावर्ड ग्रुप में नीति आयोग के सीईओ, रेलवे बोर्ड चेयरमैन, इकॉनोमिक अफेयर डिपार्टमेंट के सचिव, मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अरबन अफेयर के सचिव के साथ रेलवे बोर्ड के सदस्य इंजीनियरिंग और रेलवे बोर्ड सदस्य ट्रैफिक को भी शामिल किया गया है.
Govt to form a task force to draw a blueprint for handing over operations of 150 trains and 50 railway stations to private operators #IndianRailways#Railways#trains#privatisationhttps://t.co/7yG5B0I3Mg
— Business Standard (@bsindia) October 10, 2019
बता दें कि अपने पहले कार्यकाल में रेलवे के निजीकरण की बात पर प्रधानमंत्री मोदी ने इसे झूठी खबर कहा था.
People who are spreading rumors of privatization of Railways are completely wrong: PM Modi pic.twitter.com/IsZS0gyzmJ
— ANI (@ANI) December 25, 2014
दिसम्बर 2014 में प्रधानमंत्री ने रेलवे निजीकरण की खबर को अफवाह और गलत खबर बताया था.
ईस्ट कोस्ट रेलवे श्रमिक यूनियन ने रेलवे के निजीकरण का विरोध किया है.