मनीष गुप्ता हत्याकांड मामले में SIT की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जिसमे पुलिस का घिनौना चेहरा और साफ हो गया है। मनीष की पुलिस द्वारा पीट-पीटकर हत्या के बाद से कई सवाल उठ रहे थे कि आखिर पुलिसकर्मी मनीष के कमरे की जांच करने क्यों पहुंचे थे? मनीष को ही क्यों निशाना बनाया गया? जिसका जवाब SIT की जांच में साफ हो गया है। दरअसल, जांच में यह सामने आया है की वसूली के खेल में मनीष को मौत के घाट उतार दिया गया। इस खेल में होटल प्रशासन और पुलिस दोनों की मिलीभगत थी। इस केस में होटल प्रशासन को भी आरोपी बनाने की तैयारी है।
एसआईटी ने खुलासा किया कि होटल प्रशासन ने उस रात पुलिस को मनीष और उसके दोस्तों के ठहरने की जानकारी दी थी, जिसके बाद पुलिस कर्मी चेकिंग के नाम पर उसके कमरे में पहुंच गए। जब मनीष ने इसका विरोध किया तो पुलिस द्वारा लिंचिग की वारदात को अंजाम दिया गया। इस संबंध में एसआईटी ने पुख्ता सबूत जुटाए हैं।
एसआईटी का पूरा खुलासा…
एसआईटी सूत्रों के मुताबिक होटल प्रशासन की ओर से रामगढ़ताल पुलिस को जानकारी दी गई कि होटल के कमरा नंबर 512 में दूसरे राज्यों और शहरों के लोग ठहरे हुए हैं। थानेदार जगत नारायण सिंह बल के साथ पहुंचे और मनीष के कमरे में घुस गए। वहां चेकिंग करने पर किसी तरह की कोई कमी नहीं मिली। पुलिसकर्मी का मकसद वसूली करना था, लेकिन अंत में जब मनीष ने यह कह दिया कि हम आतंकवादी नहीं हैं जो इस तरह चेकिंग कर रहे हैं।
इतना कहते ही पुलिसकर्मी भड़क गए और मनीष को पीट-पीटकर मार डाला। एसआईटी की जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि मनीष की हत्या रंगदारी के खेल में की गई थी। भ्रष्टाचारी पुलिसकर्मियों ने रंगदारी के लिए एक निर्दोष की जान ले ली। एसआईटी के सामने अभी तक कोई अन्य मकसद नहीं आया है।
सिर्फ मनीष के कमरे की क्यों की पुलिस ने चेकिंग?
गैर जिला व अन्य राज्यों से आने वालों को पुलिसकर्मी निशाना बनाते है। यहीं कारण था की घटना की रात पुलिसवालों ने केवल मनीष के कमरे की ही चेकिंग की थी। रामगढ़ताल पुलिस के लिए वसूली का यह खेल काफी समय से चल रहा था। ऐसी वसूली में होटल प्रशासन की भी मिलीभगत रहती है। एसआईटी सूत्रों के मुताबिक जब भी कोई बाहरी या दूर शहर से होटल में आता था तो होटल प्रशासन पुलिस को सूचना देता था। तब पुलिस अपनी फोर्स के साथ वहां छापेमारी कर चेकिंग के नाम पर वसूली करती थी।
मनीष की पत्नी ने भी उठाए थे होटल प्रशान पर सवाल…
यह पुरी वारदात 27 सितंबर की रात गोरखपुर के कृष्णा पैलेस होटल में छह पुलिसकर्मियों ने मनीष के कमरे पर छापा मारा। चेकिंग के नाम पर पुलिस ने पहले मनीष के साथ अभद्रता की और फिर उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी। बता दें कि मनीष की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता लगातार यह सवाल उठाती रही हैं कि होटल प्रशासन की मिलीभगत है। इसलिए होटल प्रशासन ने घटना के बाद सबूतों को नष्ट कर दिया। उन्होंने होटल के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की थी।
जिसने जानकारी दी क्या सिर्फ उसे बनाया जाएगा आरोपी?
इस मामले में कुछ और साक्ष्य जुटाकर आलाधिकारियों से बातचीत कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि होटल प्रशासन का आरोपी बनना लगभग तय है। एसआईटी यह भी पता कर रही है कि पुलिस को सूचना किसने दी। केवल उसी को आरोपी बनाना है कि वहां के अधिकारियों को। सूत्रों के मुताबिक, कई अन्य बिंदुओं पर भी मामले की जांच चल रही है।