अजित पवार के उपमुख्यमंत्री बनने के दो दिन बाद ही 70 हजार करोड़ रुपए के सिंचाई घोटाले से जुड़े नौ मामलों की फाइल बंद कर दी गई है। सोमवार को ही केस बंद करने के आदेश जारी हुए। सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा है। हालांकि, महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो का कहना है कि बंद किए गए इन 9 मामलों में अजित पवार आरोपी नहीं थे।
महाराष्ट्र में सत्ता के दंगल में जहां कल सुबह सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। इस बीच एक खबर है कि प्रिया चौहान नाम की एक मतदाता ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील की है कि अदालत बीजेपी-शिवसेना के चुनाव पूर्व गठबंधन पर बने रहने का निर्देश जारी करें।
Update: Maharashtra Anti-Corruption Bureau has clarified that while it has closed the probe into alleged irregularities in nine irrigation projects in Maharashtra, none of these were linked to Dy CM Ajit Pawar.#IrrigationScam https://t.co/0fXMzEZ42p
— The New Indian Express (@NewIndianXpress) November 25, 2019
न्यूज एजेंसी एएनआई ने एसीबी के सूत्रों के हवाले से बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हुई चिट्ठी में जिन मामलों का जिक्र है, वे अजित पवार से जुड़े नहीं हैं।
Maharashtra Anti Corruption Bureau (ACB) DG, Parambir Singh to ANI: None of the cases that were closed today are related to Maharashtra Deputy Chief Minister, Ajit Pawar. pic.twitter.com/bX4KMy83Ej
— ANI (@ANI) November 25, 2019
एसीबी के डीजी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ‘जांच के बाद 24 केस में प्राथमिकी दर्ज हुई। इन 24 मामलों में एफआईआर बंद नहीं हुई हैं। पांच केस में आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है। 45 इन्क्वॉयरी बंद हुई हैं। चूंकि कोई अनियमितता नहीं मिली थी इसलिए इन इन्क्वॉयरिज को बंद किया गया। इन्हें बंद करने का निर्देश दो से चार महीने पहले आया था। जिन नौ इन्क्वॉयरिज को बंद किया गया है उनका अजित पवार से कोई संबंध नहीं है।”
यह भी कहा गया है कि मामले सशर्त बंद किए गए हैं। यानी कोई नई जानकारी सामने आने पर इन्हें जांच के लिए दोबारा खोला जा सकता है।
Maharashtra Anti Corruption Bureau Sources add that the cases that were closed today were conditional, cases could reopen if more information comes to light or courts order further inquiry. https://t.co/rTFoPVawFt
— ANI (@ANI) November 25, 2019
यह घोटाला विदर्भ क्षेत्र में हुआ था जब राज्य में कांग्रेस और राकांपा की गठबंधन सरकार थी। 1999 और 2014 के बीच अजित पवार इस सरकार में अलग-अलग मौकों पर सिंचाई मंत्री थे।
According to highly placed sources in Maharashtra Anti Corruption Bureau (ACB), in the list of cases being circulated on social media, none of the cases belong to alleged irrigation corruption case against Maharashtra Deputy Chief Minister, Ajit Pawar. pic.twitter.com/HVlttfhSmM
— ANI (@ANI) November 25, 2019
आर्थिक सर्वेक्षण में यह सामने आया था कि एक दशक में सिंचाई की अलग-अलग परियोजनाओं पर 70 हजार करोड़ रुपए खर्च होने के बावजूद राज्य में सिंचाई क्षेत्र का विस्तार महज 0.1% हुआ। परियोजनाओं के ठेके नियमों को ताक पर रखकर कुछ चुनिंदा लोगों को ही दिए गए।