महाराष्ट्र: भीमा-कोरेगांव केस केंद्र को नहीं देंगे-उद्धव, CAA-NRC पर शिवसेना-NCP में मतभेद

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि भीमा-कोरेगांव केस एनआइए को नहीं देंगे. उद्धव ठाकरे  ने कहा- “यलगार परिषद केस और भीमा-कोरेगांव केस दो अलग मामले हैं. भीमा-कोरेगांव केस मेरे दलित लोगों से जुड़ा हुआ है और इसकी जांच केन्द्र को नहीं सौंपी जाएंगी. इसे केन्द्र के हवाले नहीं किया जाएगा. केंद्र यलगार परिषद केस पहले ले चुका है. 

बता दें कि, यलगार परिषद केस एनआईए को सौंपे जाने के बाद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की तरफ से सार्वजनिक तौर नाखुशी जाहिर किए जाने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह घोषणा की है.

वहीं, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए),एनआरसी और एनपीआर के मुद्दे पर महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी के बीच खींचतान बढ़ गई है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सीएए का समर्थन किया तो एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि सीएए पर हम अपने रुख पर कायम हैं. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि उद्धव ठाकरे की निजी राय है सीएए का समर्थन, अपने इसके खिलाफ वोट किया था.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा सीएए और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) दोनों अलग हैं और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) अलग है. सीएए लागू होने पर किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है. राज्य में एनआरसी नहीं है और इसे लागू नहीं किया जाएगा. इसके जवाब में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने ठाकरे के बयान को उनका निजी नजरिया बताया और कहा कि एनसीपी एनपीआर-एनआरसी और सीएए के खिलाफ है.

बता दें कि,महाराष्ट्र सरकार ने प्रदेश में एनपीआर के तहत जनगणना के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. शिवसेना-एनसीपी गठबंधन में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले दोनों के बीच एल्गार परिषद केस में मतभेद सामने आया था. अब एनसीपी एनपीआर-एनआरसी और सीएए के मुद्दे पर दोनों में मतभेद और बढ़ने की सम्भावना है.


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