बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में शामिल दलों ने शनिवार को संकल्प पत्र जारी किया। ‘प्रण हमारा संकल्प बदलाव का’ टैग लाइन के साथ जारी किये गए इस संकल्प पत्र में युवाओं को 10 लाख रोजगार, नियोजित शिक्षकों को समान काम-समान वेतन, शिक्षा मित्रों को स्थायी करने, शिक्षा पर कुल बजट का 12 फीसदी हिस्सा खर्च करने, आशा कर्मियों और जीविका दीदियों का मानदेय दोगुना करने व नियमित वेतन देने, प्रवासी मजदूरों के लिए कर्पूरी श्रम केंद्र खोलने, किसानों की कर्ज माफी, बंद चीनी मिलों को फिर से खोलने और विधान सभा के पहले दिन तीनों कृषि बिल के खिलाफ प्रस्ताव पास कराने समेत कई वायदे किये गये हैं।
महागठबंधन के संकल्प पत्र को जारी करने के लिए हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में महागठबंधन में शामिल सभी दलों के नेता मौजूद थे। इस मौके पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने संकल्प लिया है कि हमारी सरकार बनते ही पहली कैबिनेट में युवाओं को 10 लाख रोजगार देने पर मुहर लगेगी। उन्होंने कहा कि अगर जनता मौका देती है तो पहली कैबिनेट में पहला दस्तखत 10 लाख नौकरियों को लेकर करेंगे।
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार को पलायन और बेराजगारों का प्रदेश बना दिया गया है, इसलिए हमारी प्राथमिकता में रोज़गार है। कृषि और शिक्षा पर सरकार का जोर रहेगा। कानून का शासन स्थापित होगा और सरकार के संचालन में वंचितों और महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ेगी। सरकार का दरबाजा आमजनता के लिए खुला रहेगा और अफ़सरशाही राज़ का खात्मा होगा। उन्होंने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है। नीतीश कुमार पिछले 15 वर्षों से राज्य में शासन कर रहे हैं लेकिन विशेष श्रेणी का दर्जा नहीं दिया गया। उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा कि डोनाल्ड ट्रंप तो अमेरिका से आकर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देंगे।
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि यह चुनाव, नई दिशा बनाम दुर्दशा का चुनाव है। यह चुनाव, नया रास्ता- नया आसमान बनाम हिन्दू-मुसलमान का चुनाव है। ये चुनाव खुद्दारी और तरक्की बनाम बंटवारा और नफरत का चुनाव है। अगर हम तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सरकार बनाते हैं तो हम तीन कृषि विरोधी कानूनों को समाप्त करने के लिए पहले विधानसभा सत्र में एक विधेयक पारित करेंगे।
भाकपा माले की केंद्रीय कमेटी की सदस्य व दीघा से माले प्रत्याशी शशि यादव ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि लाखों आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं, विद्यालय रसोइयों को सम्मानजनक वेतन दिलाने की प्रक्रिया तेज होगी और इसके लिए केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ाया जाएगा क्योंकि ये सारी योजनाएं केंद्र प्रायोजित हैं। उन्होंने कहा कि बिहार जनांदोलन की भूमि रही है लेकिन 15 वर्षों में एकबार भी किसी आंदोलन के शिष्टमंडल से मुख्यमंत्री ने बात नहीं की है। शशि यादव ने कहा कि जन आंदोलन पर दर्ज मुकदमे वापस होंगे जैसा कि 1977 में कर्पूरी जी के नेतृत्व में हुआ था।
शशि यादव ने कहा कि बिहार में स्वयं सहायता समूह और जीविका समूह से 1 करोड़ के आसपास महिलाएं जुड़ी हैं, कोरोना लॉकडौन के चलते वे अपने लोन की किस्ती जमा नहीं कर पा रही हैं। लाखों करोड़ रुपये की छूट पूंजीपतियों को देने वाली सरकार के पास इनके एक साल की किस्ती माफ करने के लिए पैसे नही है, वहीं इन महिलाओं से भारी ब्याज वसूले जाते हैं। इस सवाल को भी आने वाली सरकार गम्भीरता से लेगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं और दलितों पर बढ़ते अपराध के खिलाफ समाज और तंत्र को संवेदनशील बनाया जाएगा। बिहार में हाथरस नहीं होगा, इसकी जिम्मेदारी सरकार लेगी।
संकल्प बदलाव का
- 15 वर्ष के एनडीए शासन में रिक्त पड़े 4.50 लाख पद भरने के साथ साथ नए 5.50 लाख स्थाई पदों का सृजन कर कुल 10 लाख स्थाई नौकरियों की समयबद्ध बहाली की प्रक्रिया पहली कैबिनेट बैठक में पहले दस्तखत के साथ शुरू होगी।
- राज्य के युवाओं के सभी सरकारी बहाली परीक्षाओं के आवेदन फॉर्म निशुल्क होंगे तथा राज्य के अंतर्गत गृह जिला से परीक्षा केंद्र तक की यात्रा मुफ्त होगी।
- देश के हर राज्य में कर्पूरी श्रमवीर सहायता केंद्र बनेंगे जहां से किसी भी तरह की आपदा एवं आवश्यकता पड़ने पर श्रमवीर प्रवासी व उनके परिवार को बिहार सरकार से मदद मिल सकेगी।
- मनरेगा के तहत प्रति परिवार के बजाय प्रति व्यक्ति को काम का प्रावधान, न्यूनतम वेतन की गारंटी एवं कार्य दिवस को 100 से बढ़ाकर 200 किया जाएगा। मनरेगा के तर्ज पर शहरी रोजगार योजना भी बनायी जाएगी।
- संविदा प्रथा को समाप्त कर नियोजित शिक्षकों को स्थायी कर समान काम, समान वेतन की नीति पर अमल किया जाएगा और सभी विभागों में निजीकरण को समाप्त किया जाएगा। साथ ही स्थायी और नियमित नौकरी की व्यवस्था की जाएगी।
- राज्य में वर्ष 2005 में लागू नई अंशदायी पेंशन योजना को बंद कर पूर्व की भांति पूरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी।
- कार्यपालक सहायक, सांख्यकी स्वयंसेवक, लाइब्रेरियन, आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं, आशा कर्मियों, मध्याह्न भोजन रसोई कर्मियों, ग्रामीण चिकित्सकों, जीविका दीदियों के अधिकारों का विस्तार। इसकी शुरुआत आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं, रसोईकर्मियों के मौजूदा मानदेय को दोगुना करके और जीविका दीदियों को नियमित वेतन व नौकरी उपलब्ध कराई जाएगी।
- जीविका स्वयं सहायता समूह के कैडर का स्थाई किया जाएगा। जीविका कैडर के मौजूदा दर के मानदेय को दोगुना किया जाएगा। सारे कैडर को कम से कम 4 हजार रुपये महीने का मानदेय दिया जाएगा। जीविका स्वयं सहायता समूह ऋण में 3 लाख से 4 लाख रुपये तक का टॉप अप किया जाएगा जो कि मौजूदा दर (1 लाख से 2 लाख) का दोगुना होगा।
- प्रदेश में बंद पड़े चीनी मिल, जूट मिल, पेपर मिल सहित अन्य उद्योग धंधों को पुनर्जीवित करना हमारी प्राथमिकता होगी। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, इकाई, इंडस्ट्री, स्पेसिफिक क्लस्टर्स, फूड पार्क, फूड प्रोसेसिंग यूनिट, आईटी पार्क, हर बाजार के समीप सरकारी गोदाम, कोल्ड स्टोरेज व वेयरहाउस का निर्माण व व्यवस्था कराई जाएगी।
- प्रदेश के थानों और प्रखंड कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करेंगे।
- ग्रामीण और शहरी गरीबों के आवासों और शहरी स्ट्रीट वेंडरों के रेहड़ी पटरियों आदि की दुकानों को पुनर्वासित करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था होने तक ढहाने की और उन्हें बेदखल करने की मुहिम को रोका जाएगा।
- बाढ़ नियंत्रण, जल प्रबंधन और बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास के लिए तात्कालिक व दीर्घकालीन नीतियों व उपायों को लागू करना।
- बिहार विधानसभा से ऐसा कानून पारित करना जो केंद्र सरकार की तीन किसान विरोधी कानूनों को बिहार में नाकाम करे। इस कानून के तहत राज्य की मंडियों से किसानों के फसलों के लागत मूल्य का डेढ़ गुना दाम पर सरकारी खरीद की गारंटी। हर पंचायत में खरीद केंद्र की स्थापना।
- कृषि ऋण माफ किये जाएंगे और कृषि भूमि लगान माफ किया जाएगा। सस्ते दर पर लोन, बिजली, पानी, खाद, बीज आदि को बटाईदारों सहित सभी किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।
- सभी प्रमंडलों में सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों का निर्माण किया जाएगा। प्रत्येक जिले के सदर अस्पताल में डायलिसिस केंद्र खोले जाएंगे जिससे गरीबों को मुफ्त डायलिसिस की सुविधा दी जाएगी।
- शिक्षा पर राज्य बजट का 12 प्रतिशत खर्च करना। प्राथमिक स्कूलों में हर 30 छात्र पर एक शिक्षक व माध्यमिक स्कूलों में हर 35 छात्र पर एक शिक्षक की गारंटी करना, शिक्षकों को स्थाई नौकरी व उचित और नियमित प्रशिक्षण की व्यवस्था।
- सभी स्कूलों में ललित कल, कंप्यूटर और खेल के लिए शिक्षक की नियुक्ति। अंबेडकर छात्रावास, कस्तूरबा विद्यालयों वे एससी एसटी छात्र छात्राओं के ल ए अन्य स्कूलों और छात्रावासों पर 6 महीने के अंदर श्वेत पत्र जारी करवाना, जिसके आधार पर इनके आधारभूत संरचना और सुविधाओं में मरम्मती हो सके।
- विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के आधारभूत संरचना की मरम्मत, शैक्षणिक सत्र और परीक्षा को नियमित कर समयबद्ध तरीके से कराया जाएगा। वित्त रहित महाविद्यालयों के कर्मचारियों की समस्याओं का सार्थक निदान किया जाएगा।
- नौकरशाही को राजनीतिक नियंत्रण से मुक्त करना हमारी प्राथमिकता होगी। ट्रांसफर प्रक्रिया के लिए मेरिट आधारित SOP तैयार किया जाएगा जिसमें कार्य क्षमता, विभागीय मूल्यांकन और प्रदर्शऩ पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- बिहार में मौजूदा बिजली के दरों को कम किया जाएगा। बिहार जैसे गरीब राज्य में लगभग सबसे महंगी बिजली दर पर बिजली बेची जा रही है। इस जन विरोधी नीति में बदलाव कर उपभोक्ताओं को राहत दी जाएगी।
- हर गांव-टोला और हर घर में पीने का स्वच्छ पेय जल, बिजली और पक्की सड़क सुनिश्चित की जाएगी। हर गरीब को प्रस्तावित अंबेडकर आवास योजना के अंतर्गत मकान उपलब्ध कराया जाएगा। हर पंचायत में ग्राणीणों के लिए निशुल्क कंप्यूटर सेंटर होंगे। सोलर सामुदायिक भवन जिसमें एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था होगी। सोलर ट्यूबबेल की व्यवस्था होगी।
- बिहार में आधारभूत संरचना को सुद्धढ कर पुल-पुलियों, नए एक्सप्रेस वे , हवाई अड्डों का निर्माण एवं पर्यटन स्थलों को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस कर विकास के नए आयाम लिखे जाएंगे। प्रदेश के चहुमुखी विकास को प्राथमिकता देते हुए बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में सम्मिलित करने को लेकर हम प्रतिबद्ध हैं। विधि व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के लिए पुलिसकर्मियों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण के साथ साथ पुलिस विभाग का आधुनिकीकरण किया जाएगा।
- स्मार्ट ग्राम योजना के तहत हर पंचायत में मान्यता प्राप्त डॉक्टर व प्रशिक्षित नर्स सहित क्लिनिक खोले जाएंगे।
- मास्टर प्लान के तहत समयबद्ध सीमा में शहरों, नगर निकायों के विकास। रियायती दर पर जमीन व टैक्स छूट और माफी , एवं न्यूनतम दर पर ऋण और निर्बाध विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था की जाएगी।
- खतरे में पड़े हुए सभी संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए नई सरकार प्रतिबद्ध रहेगी। हम मानते हैं कि जन आंदोलनों और जन आलोचना से शासन कमजोर नहीं मजबूत होता है। आंदोलनों से वार्ता करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध होगी। बिहार में किसी भी आंदोलनकारी या निर्दोष नागरिक को फर्जी केस लगाकर प्रताड़ित नहीं किया जाएगा। देश में ऐसे अन्यायपूर्ण केसों और गिरफ्तारियों के खिलाफ बिहार विधानसभा प्रस्ताव पारित किया जाएगा।