सरकार ने माना कि किसानों की आय दोगुनी करने की योजना नहीं, ख़बर छपी तो लोकसभा वेबसाइट से जवाब छू-मंतर !


किसानों की आय दोगुनी करने का विज्ञापन ही है, योजना नहीं


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यह जानकर किसी को भी हैरानी हो सकती है कि किसानों की आय दोगुनी करने का रात-दिन दावा करने वाली मोदी सरकार के पास इस संबंध में कोई योजना ही नहीं है। यह किसी विपक्षी नेता का बयान नहीं खुद सरकार ने संसद में एक सवाल के जवाब में यह माना है। लेकिन जब यह मामला मीडिया में आया तो लोकसभा की वेबसाइट में उस जवाब को ही बदल दिया गया जिसमें ऐसा कहा गया था।

दरअसल, सांसद आर.पार्थिपन और जो.एस.जार्ज ने किसानों से जुड़े कई सवाल पूछे थे। इस सवाल संख्या 1375 का भाग (क) था कि क्या सरकार खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी करने की कोई योजना बना रही है?

18 दिसंबर को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति की ओर दिए गए इस प्रश्न (क) का सीधा जवाब था- ‘जी नहीं।’

मोदी सरकार जिस तरह किसानों की आय दोगुना करने के विज्ञापन पर करोड़ों फूँक रही है, उसे देखते हुए यह एक हैरानी भरा जवाब था। एनडीटीवी ने 19 दिसंबर को इसकी विस्तार से रिपोर्ट छापी थी। साथ ही जवाब का स्क्रीन शॉट भी छापा था।

ज़ाहिर है, यह रिपोर्ट सरकार के लिए शर्मिंदगी की वजह बन रही थी। इसलिए लोकसभा की वेबसाइट से यह जवाब बदल दिया गया। मिताली अग्रवाल की न्यूज़सेंट्रल में छपी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लोकसभा वेबसाइट में प्रश्न (क) का जवाब ‘जी नहीं महोदया’गायब कर दिया गया है। मीडिया विजिल की पड़ताल में यह बात सही पाई गई। आप यहाँ क्लिक करके लोकसभा वेबसाइट पर जा सकते हैं और फ़र्जीवाड़े को खुद देख सकते हैं।

मोदी सरकार पर हाल में राफेल सौदे के संबंध में सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने के आरोप लगे थे। सरकार ने खुद माना है कि’ टाइपो एरर’ हुआ है। लेकिन यहाँ तो सीधे जवाब ही ‘छू मंतर’ कर दिया गया है।

इस जादूगरी पर कोई चाहे तो ताली बजा सकता है, किसानों के लिए तो यह बस सर पीटने की बात है।


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