नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में सुलगते असम और पूर्वोत्तर सहित पूरे देश में चल रहे विरोध के बीच गुरुवार देर रात राष्ट्रपति की ओर से इसे मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक कानून में बदल गया. राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 125 जबकि विपक्ष में 105 वोट पड़े थे. इस बीच सीएसडीएस ने इस विधेयक पर पूर्वोत्तर के चार राज्य असम, मणिपुर, मेघालय और नागालैंड में बीते अप्रैल में किये गये एक सर्वे का परिणाम जारी किया है, जिसमें दो ही सवाल थे- कितने लोग इसके पक्ष में हैं और कितने लोग इसके खिलाफ ? जिसमें करीब 80 फीसदी लोगों ने इस बिल का विरोध किया है.
Centre Notifies Citizenship Amendment Act https://t.co/6i2YHqzvUD
— Live Law (@LiveLawIndia) December 12, 2019
सर्वे के अनुसार:
असम में 23 फीसदी लोग इसके पक्ष में है , जबकि 70 फीसदी लोगों ने इस बिल का विरोध किया है. वहीं मणिपुर में 88 फीसदी लोगों ने इस विधेयक के खिलाफ मतदान किया है और केवल 9 फीसदी लोगों ने समर्थन किया है.
मेघालय में 74 फीसदी लोगों ने इस बिल का विरोध किया है 18 फीसदी लोगों ने समर्थन किया है. वहीं नागालैंड में 89 प्रतिशत लोगों ने इस विधेयक का विरोध किया है, केवल 9 फीसदी लोगों ने समर्थन किया है.
From our NES 2019 Post Poll in 4 NE States
Question asked to voters: Do you support (S) or oppose (O) the #CAB?
Assam: S 23% – O 70%
Manipur: S 9% – O 88%
Meghalaya: S 18% – O 74%
Nagaland: S 9% – O 89%
The rest didn't answer; fieldwork April 2019@sanjaycsds
— Lokniti-CSDS (@LoknitiCSDS) December 12, 2019
इतना विरोध के बाद भी इस विवादस्पद विधेयक को संसद में पारित करा कर कानून में तब्दील कर दिया गया है.
इधर आज दिल्ली के जंतर मंतर पर इस नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अनिश्चितकालीन अनशन शुरू हो गया है.
वाम दल भी 19 दिसम्बर से इस कानून के खिलाफ आन्दोलन करने का एलान किया है.
अलीगढ, और जामिया यूनिवर्सिटी में कई दिनों से विरोध प्रदर्शन चल रहा है.
President #Kovind Gives Assent To The Citizenship (Amendment) Act, 2019#CitizenshipAmmendmentBill2019 #dailyaddaahttps://t.co/gTvKh4qvpy
— DailyaddaaNews (@Dailyaddaa) December 13, 2019
इधर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में इस विधेयक को चुनौती दी है. इससे पहले इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के चार सांसदों ने सुप्रीम कोर्ट में इस बिल के खिलाफ पहली याचिका दायर कर कहा है कि धर्म के आधार पर वर्गीकरण की संविधान इजाजत नहीं देता. ये बिल संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है, इसलिए इस विधेयक को रद्द किया जाए.
Trinamool Congress @AITCofficial MP @MahuaMoitra moves SC challenging the #Citizenship Amendment Act#CitizenshipAmmendmentBill2019 #CitizenshipBill pic.twitter.com/uNN6JdWlW3
— Live Law (@LiveLawIndia) December 13, 2019
जन अधिकार पार्टी ने भी इस बिल को चुनौती दी है.
Jan Adhikar Party moves SC challenging the Constitutional Validity of #CitizenshipAmendmentAct2019
#CitizenshipBill #CitizenshipAmmendmentBill2019 #SupremeCourt
— Live Law (@LiveLawIndia) December 13, 2019
इस बिल के विरोध प्रदर्शन के दौरान असम में पुलिस की गोली से अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी हैं .