कोरोना की त्राहि-त्राहि के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गाँधी ने देशव्यापी लॉकडाउन की वक़ालत की है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने भारत के ख़िलाफ़ अपराध कर डाला है जिससे निकलने का एकमात्र तरीक़ा संपूर्ण लॉकडाउन ही है। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन के दौरान ग़रीबों को पूरी मदद दी जाये।
उन्होंने ट्वीट में लिखा है, ” मैं ये साफ़ कहना चाहता हूं कि लॉकडाउन के अलावा कोई और विकल्प नहीं है क्योंकि सरकार के पास रणनीति नहीं है। इन लोगों ने वायरस को इस स्तर तक फैलने में मदद की है और अब इसे रोकने का कोई तरीक़ा नहीं बचा है। भारत के खिलाफ़ एक अपराध किया जा चुका है। ”
इससे थोड़ी देर पहले एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ”भारत सरकार को ये समझ में नहीं आ रहा है, कोरोना को रोकने का एकमात्र तरीका संपूर्ण ल़ॉकडाउन है- जिसमें गरीब लोगों को सरकार की ओर से मदद दी जाए। भारत सरकार की ओर से कोई कार्रवाई ना करने से कई मासूमों की जान जा रही है। ”
I just want to make it clear that a lockdown is now the only option because of a complete lack of strategy by GOI.
They allowed, rather, they actively helped the virus reach this stage where there’s no other way to stop it.
A crime has been committed against India.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 4, 2021
GOI doesn’t get it.
The only way to stop the spread of Corona now is a full lockdown- with the protection of NYAY for the vulnerable sections.
GOI’s inaction is killing many innocent people.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 4, 2021
भारत की स्थिति कोरोना के मामले में देखते ही देखते ख़राब हुई। पहली लहर के बाद कोरोना के मामले कम होते ही मोदी सरकार ने उस विजय का ऐलान करते हुए जश्न मनाना शुरू कर दिया था लेकिन अस्पताल और आक्सीजन या दवाओं की वैसी तैयारी नहीं की गयी जैसा कि दुनिया के दूसरे देशों ने किया। ऐसे में दूसरी लहर आते ही भारत की हालत ख़राब हो गयी जबकि दूसरे देशों ने पर्याप्त सतर्कता और तैयारी करके ख़ुद को बचा लिया है।
राहुल गाँधी शुरू से ही कोरोना की लापरवाहियों का मुद्दा उठाते रहे हैं। लेकिन उनकी सलाहों की सरकार ने हमेशा उपेक्षा की। नतीजा ये हुआ कि हालात लगातार ख़राब हुए जैसा कि राहुल गाँधी ने आशंका जतायी थी। आज लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था की बर्बादी भी जुड़ी हुई है, इसलिए सरकार हिचक रही है, लेकिन लोगों की जान जाने की रफ्तार को देखते हुए अब पूरे देश को भुगतना पड़ेगा।