इस वर्ष अब तक मुंबई शेयर बाज़ार में 32 फीसदी गिरावट और निफ्टी में 50 फीसदी गिरावट के बीच बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते ढाई महीने में जीवन बीमा निगम को करीब 1.9 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. इस नुकसान में न सिर्फ कोरोना का हाथ है बल्कि सरकार के कहने पर कई छोटी बड़ी कंपनियों को दिवालिया होने से बचाने में एलआइसी ने जो निवेश किया है, उसका भी कंपनी की सेहत पर असर पड़ा है.
ख़बर के मुताबिक दिसंबर 2019 को खत्म हुए तिमाही तक एलआइसी की कुल होल्डिंग 6.02 लाख करोड़ रुपये तक थी, जो अब घटकर 4.14 लाख करोड़ रुपये रह गयी है. यह रिपोर्ट एसएंडपी, बीएसई 500 इंडेक्स की 209 कंपनियों की स्टडी के आधार पर है, जिनमें दिसंबर 2019 तक एलआइसी ने 1 फीसदी से अधिक की हिस्सेदारी रखी है. बीएसई के कुल बाजार पूंजीकरण में इन कंपनियों की कुल हिस्सेदारी करीब 65 फीसदी तक है.
#LIC has suffered a notional loss of about Rs 1.9 trillion in the past two-and-half months#coronavirus #COVID19
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— Business Standard (@bsindia) March 19, 2020
एलआइसी को होने वाले इस कुल नुकसान में करीब 30 फीसदी यानी 50,810 करोड़ रुपये बैंक समेत वित्तीय सेक्टर और गैर-वित्तीय सेक्टर (एनबीएफसी) की कंपनियों और बीमा कंपनियों की वजह से हुआ है. तेल और गैस सेक्टर की कंपनियों की वजह से 36,020 करोड़ रुपये, सिगरेट मकेर्स से 17,374 करोड़ रुपये, आइटी सेक्टर से 15,826 करोड़ रुपये, मेटल सेक्टर से 12,045, आटोमोबाइल सेक्टर से 11,329 करोड़ रुपये और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर से 10,669 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसके अलावा इन ढाई महीनों में अन्य सेक्टर की कंपनियों से एलआइसी को करीब 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
रिपोर्ट में इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक और प्रबंध निदेशक जी चोक्कलिंगम के हवाले से लिखा गया है कि कोविड-19 की वजह से सेवा क्षेत्र की कंपनियों को सबसे अधिक नुकसान होगा. कृषि क्षेत्र पर असर तो नहीं पड़ेगा लेकिन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर स्पलाई को लेकर परेशानियां बढ़ सकती हैं.अन्य सेक्टर में टेलिकॉम सेक्टर इससे बच पाएगा, वहीं होटल, ट्रैवल और टूरिज्म सेक्टर के लिए यह कठिन दौर होगा. इन सबसे निवेशकों पर सीधा असर पड़ेगा, जिसमें से एलआइसी भी एक है.