वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर नहीं रहे। कल रात दिल्ली के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया। वे 95 साल के थे।
उनकी अंत्येष्टि दिन में एक बजे लोदी रोड स्थित विद्युत शवदाह गृह में होगी।
सुबह उनकी मौत की ख़बर आते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने श्रद्धांजलि स्वरूप ट्वीट किए लेकिन उसमें अपनी संघी राजनीति को चुपके से घुसा दिया।
Kuldip Nayar was an intellectual giant of our times. Frank and fearless in his views, his work spanned across many decades. His strong stand against the Emergency, public service and commitment to a better India will always be remembered. Saddened by his demise. My condolences.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 23, 2018
नैयर के इमरजेंसी विरोधी होने के बहाने कांग्रेस विरोधी राजनीति को साधने का काम उनके निधन के तुरंत बाद सत्ताशीर्ष से ही शुरू हो गया। इमरजेंसी विरोध के अलावा लाल बहादुर शास्त्री की ताशकंद में मौत के राज़ को लेकर भी नैयर पर फब्तियां कसी जा रही हैं।
ऐसा तब है जब जबकि इंडियन एक्सप्रेस के पूर्व संपादक और पूर्व राज्यसभा सांसद रहे कुलदीप नैयर ताजिंदगी सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ़ लड़ते रहे, भारत और पाकिस्तान के बीच ट्रैक-2 कूटनीति के लिए कोशिश करते रहे और जब तक घुटनों में बल रहा तब तक मानवाधिकारों के पक्ष में लगातार जूझते रहे। वे किसी के भी बुलाने पर अगर स्वस्थ होते तो एक बार में कार्यक्रमों में चले आते थे। यहां तक कि पिछले दिनों जब वे चलने-फिरने में असमर्थ थे तब भी उन्हें दिल्ली के एकाध सामाजिक कार्यक्रमों में देखा गया।
https://twitter.com/ashokepandit/status/1032474384168964097
इतनी यशस्वी सार्वजनिक जिंदगी बिताकर गए इस शख्स के लिए जिस किस्म की नफ़रत सुबह से देखने को मिल रही है, वह निंदनीय है।
Sad to hear of the passing of Kuldip Nayar, veteran editor and writer, diplomat and parliamentarian, and a determined champion of democracy during the Emergency. His readers will miss him. Condolences to his family and associates #PresidentKovind
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 23, 2018
कुछ बड़े नेताओं और शख्सियतों ने उन्हें निम्न शब्दों में श्रद्धांजलि दी है:
#KuldeepNayyar I lost a very good & close friend. He was a patriotic,straight forward & great human being. A veteran journalist champion on secularism who used to write without any fear. I am deeply saddened & in his death, we have lost not only a great writer but a true guide.
— SHARAD YADAV (@SharadYadavMP) August 23, 2018
RIP Kuldip Nayar, India’s first reporter to become editor in an era when top newsroom jobs were reserved for editorialists. A genuine scoop-man, and Ind-Pak peace visionary. You will be missed by journalists and peace activists
— Shekhar Gupta (@ShekharGupta) August 23, 2018
Champion of our democratic rights, civil liberties and at the forefront of those battles, Kuldip Nayar served India with distinction. His advocacy of people to people ties with Pakistan was special. His presence in current battles would have been a source of strength. Condolences pic.twitter.com/6FbLc5NNdP
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) August 23, 2018