सेवा में,
श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
नई दिल्ली
विषय : उत्तर प्रदेश के कासगंज दंगे में पुलिस द्वारा निर्दोष के घरो पर कुर्की का आदेश चिपकाने और परिवार को धमकी देने और निर्दोष की गिफ्तारी का दबाव बनाने के सन्दर्भ में
महोदय,
आपको यह अवगत कराना चाहता हूँ कि अभी हाल में हुए कासगंज में दंगे में पुलिस ने कई दोषियों के खिलाफ मुकदमा अपराध संख्या 60/2018 अंतर्गत धारा 147, 148, 149, 341, 336, 307, 302, 504, 506, 124ए आई0 पी0 सी0 व 3 राष्ट्रीय ध्वज अपमान निवारण अधिनियम 1950 के रूप में दर्ज किया गया जिसमे एक आरोपी असलम कुरेशी पुत्र साबू था | जब पुलिस ने कुर्की करने के लिए अन्य आरोपियों के घरो पर नोटिस चस्पा करना शुरू किया तो पुलिस वालो को यह पता चला कि असलम पुत्र साबू नाम का कोइ भी व्यक्ति वहां का निवासी नहीं है |
इसके बाद 28 अप्रैल, 2018 को पुलिस ने गैर क़ानूनी तरीके से वहां के ही एक निर्दोष निवासी असलम पुत्र स्व0 चमन के घर पहुच गयी और उसके घर पर नोटिस चस्पा कर दिया | जबकि असलम का नाम उस दर्ज मुक़दमे में था ही नहीं | लेकिन पुलिस ने जबरदस्ती उसके घर पर दबिश देकर उसे गिरफ्तार न करने पर कुर्की करने की धमकी दे रही है |
जबकि स्व0 चमन का नाम कही भी किसी प्रमाण पत्र या आम बोलचाल में साबू नहीं था | फिर पुलिस किस आधार पर असलम पुत्र साबू की जगह असलम पुत्र स्व0 चमन के घर की कुर्की क्यों करवा रही है?
अतः आपसे निवेदन है कि कृपया इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए अविलम्ब पुलिस को इस गैर कानूनी कार्य करने से रोकने की कृपा करे | जिससे एक निर्दोष के घर की कुर्की न हो और उसके मान सम्मान की रक्षा हो सके और मानवाधिकार संरक्षण हो सके |
संलग्नक :
- मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कासगंज के आदेश की प्रति |
- स्व0 चमन मिया के राशन कार्ड और मृतक प्रमाण पत्र की प्रति |
भवदीय
डा0 लेनिन रघुवंशी
सीईओ
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी
+91-9935599333