नेता जी के चारों ओर समर्थकों की भीड़ है, नारे भी लगे, केक भी कटा, एक-दूसरे को खिलाया भी गया, माला भी पहनाई गई और गले भी मिला गया। सत्ताधारी पार्टी के एमएलए जी का जन्मदिन था, आखिर कैसे सूना-सूना निकल जाता? और क्या हुआ, जो धज्जियां उड़ गई राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से लेकर सोशल और फ़िज़िकल डिस्टेंसिंग के नारों की! नेता जी के हाथ में पहले हुए ग्लव्स बिल्कुल सुरक्षित थे, उनको किसी ने बता दिया था कि बस हाथ काले नहीं होने चाहिए – भले ही अपनी जान भी ख़तरे में आ जाए और फिर जनता की जान, कब ख़ुद से ऊपर थी?
ये हैं, कर्नाटक की तुरुवेकेर सीट से केंद्र और राज्य दोनों की सत्ता में आसीन भारतीय जनता पार्टी के एमएलए एम जयराम। इनके इलाके में इनका जन्मदिन जब धूमधाम से मना तो, न सिर्फ केक काटा गया बल्कि सूनी सड़कों को गुलज़ार कर दिया गया। भारी संख्या में समर्थक इकट्ठे हुए और बिरयानी भी पका कर बांटी गई। लेकिन ये बात याद रखी जानी चाहिए कि एमएलए जयराम ने ग्लव्स नहीं उतरने दिए, भले ही वो लोगों की भीड़ इकट्ठी कर, उसके बीच खड़े हो गए हों। नेता के जन्मदिन पर इतना ख़तरा तो जनता भी उठा ही सकती है।
विधायक जयराम भी पूरी शान ओ शौकत से इस आयोजन में शामिल हुए। कुंवर की तरह सिर पर पगड़ी पहनी, कंधे पर राजा सा अंगवस्त्र और चेहरे से नीचे, छिपा हुआ झूलता मास्क, जो वो किसी भी तस्वीर में पहने नहीं दिखाई दे रहे हैं। जन्मदिन पर ही इस तरह का जोख़िम उठाकर विधायक एम जयराम ने साबित कर दिया कि वो ही इस इलाके के लोगों के सच्चे नेता हैं, क्योंकि लोग अगर लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहे हैं, समर्थक ही कोरोना वायरस से नहीं डर रहे हैं तो नेताजी भी उतने ही निडर हैं – तो वो सोशल डिस्टेंसिंग में यक़ीन रखते हैं और न ही फिज़िकल डिस्टेंसिंग में। पता नहीं वो अपने प्रधानमंत्री में यक़ीन रखते हैं या नहीं, जो राष्ट्र के नाम हर संदेश में एक ही बात दोहरा रहे हैं कि सुरक्षित दूरी बनाए रखिए…