मोदी मैजिक? कर्नाटक में पीएम जहां प्रचार किया, वहां की 1-1 सीट की पड़ताल – पार्ट 1

कर्नाटका विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजों में कांग्रेस ने न केवल सत्ता में वापसी की है, उसके बहुमत का आंकड़ा 36 साल में सबसे अधिक है। कांग्रेस ने कर्नाटका में 135 विधानसभा सीटें जीती हैं और राज्य के साथ केंद्र में सत्ताधारी भाजपा को 66 पर समेट दिया है। अगर इसी बात को हम क्रिकेट की भाषा में कहते तो कांग्रेस के 135 रनों के जवाब में भाजपा सिर्फ 66 रनों पर ऑलआउट हो गई यानी कि आधे से अधिक रनों से हार…

लेकिन इस हार की ज़िम्मेदारी लेने के लिए भाजपा की केंद्रीय लीडरशिप से कोई आगे नहीं आया। इस की ज़िम्मेदारी आगे आकर ली कर्नाटक के सिटिंग/पूर्व मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने। ये दूर से देखने में ठीक भी लगेगा क्योंकि वो ही भाजपा शासित सरकार के सीएम थे और उनकी सरकार के कामकाज पर ही वोट पड़ना था। लेकिन क्या वाकई इस चुनाव में हार का सारा ठीकरा बीआर बोम्मई के सिर पर फोड़ दिया जाना चाहिए, क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस हार की ज़िम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए? दरअसल आंकड़े तथा तथ्य, सीधा और साफ बताते हैं कि ये चुनावी हार कम से कम इस बार सीधे प्रधानमंत्री की छवि पर चोट है, इन चुनावों में हार की ज़िम्मेदारी से वो बच नहीं सकते।

बीजेपी ने ऑन द रेकॉर्ड पीएम के नाम पर ही चुनाव लड़ा!

कर्नाटक के इन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने पूरा चुनाव ही स्थानीय मुद्दों पर लड़ा। कांग्रेस ने बोम्मई सरकार पर 40 फ़ीसदी कमीशन के आरोप लगाए और एक बेहतरीन तरीके से डिज़ाइन किया गया कैंपेन रन किया। ज़्यादातर जगह राज्य के ही बड़े नेताओं पर प्रचार की ज़िम्मेदारी थी, वो ही चुनाव को लीड कर रहे थे और राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा का सर्वाधिक समय, कर्नाटका में ही बिताया था। लेकिन दूसरी ओर भाजपा ने खुले तौर पर, बाकायदा प्रचारित कर के, मीडिया में कह के, आधिकारिक तौर पर पूरा कर्नाटका चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर ही लड़ा। सरकार समर्थित मीडिया, जो अब लगभग सारी टीवी मेनस्ट्रीम और अख़बार की ज़्यादातर मीडिया है – उसने भी पीएम के चेहरे को जीत की गारंटी के तौर पर प्रचारित किया।

इसलिए भाजपा अब चाहें किसी को भी ये ज़िम्मेदारी लेने के लिए आगे कर दे, आख़िर कैसे प्रधानमंत्री मोदी इस ज़िम्मेदारी से बच सकेंगे? इसलिए हम ने ये भी तय किया कि कम से कम हम कर्नाटका के उन इलाकों की विधानसभा की एक-एक सीट के नतीजों का ही एक अध्ययन कर लें, जहां प्रधानमंत्री मोदी ने प्रचार किया, रैलियां की या रोड शो किए। कांग्रेस अभी सीएम का पद किसको सौंपा जाएगा, इस पर मंथन कर रही है, तब तक  चुनाव आयोग के अंतिम नतीजों के हमारे अध्ययन से प्राप्त डेटा हम अब आपके सामने रख रहे हैं;

कितना प्रचार किया प्रधानमंत्री ने, कर्नाटक विधानसभा चुनावों में?

भाजपा को चुनावों की तारीखों का एलान होते ही ज़मीन से रिपोर्ट मिल चुकी थी कि जिन इलाकों में वो अब तक अच्छा करती आ रही है, वहां भी उसकी स्थिति फिलहाल अच्छी नहीं थी। स्थानीय स्तर पर न तो सीएम समेत भाजपा नेताओं की छवि अच्छी थी और न ही सरकार का काम इतना प्रभावी था कि भाजपा उस पर चुनाव में उतरती। ये भी ज़मीनी सर्वेज़ से पता चल चुका था कि सांप्रदायिक मुद्दे काम नहीं आने वाले हैं। भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर दांव खेला और इसमें कोई शक अभी भी नहीं था कि पीएम की अपनी एक लोकप्रियता इस राज्य में है। इसलिए युद्धस्तर पर पीएम ने कर्नाटक में चुनाव प्रचार किया, ऐसे इलाके चुने गए – जिनमें से कुछ भाजपा के पहले से मज़बूत इलाके थे लेकिन पार्टी वहां पकड़ खो रही थी और कुछ ऐसे इलाके, जहां पर मुकाबला टक्कर का दिख रहा था। लेकिन प्रचार के बीच में ही केंद्रीय नेतृत्व को समझ में आ गया कि मामला बन नहीं रहा है और पीएम का सार्वजनिक तौर पर बजरंग दल को बजरंग बली से जोड़ने, द केरला स्टोरी का ज़िक्र करने जैसा सांप्रदायिक दांव खेलना पड़ा लेकिन सब फेल हो गया। पीएम ने कर्नाटक चुनावों में कुल 19 रैलियां और 6 रोड शो किए लेकिन नतीजा क्या रहा, वो हम आपको विस्तार में सीटवार बता रहे हैं;

पीएम की 19 रैलियों के बाद, उन इलाकों में क्या मिला भाजपा को?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 रैलियां जिन ज़िलों/इलाकों में की, वहां की विधानसभा सीटों का रिकॉर्ड कुछ इस तरह रहा –

बीदर

नरेंद्र मोदी ने अपने इस आक्रामक चुनावी अभियान की शुरुआत बीदर जिले के हुमनाबाद से की। यहां उन्होंने रैली की और इस ज़िले में 6 छह विधानसभा सीटें आती हैं। यहां माना जा रहा था कि इस प्रचार से शायद भाजपा बेहतर कर सके और ऐसा हुआ भी। मराठी और तेलुगू भाषियों के प्रभाव वाले, महाराष्ट्र और तेलंगाना से सीमा साझा करने वाले – बीदर ज़िले की सीटों के नतीजे भाजपा के लिए अच्छे रहे;

  1. बासवकल्यान – भाजपा उम्मीदवार शरणु सालगर जीते
  2. हुमनाबाद – भाजपा के सिड्डू पाटिल जीते
  3. बीदर दक्षिण – भाजपा के डॉ. शैलेंद्र बेलदले जीते
  4. बीदर – कांग्रेस के रहीम खान जीते
  5. भल्कि – कांग्रेस के ईश्वर खांद्रे जीते
  6. औराद – भाजपा के प्रभु बी चवान जीते

कुल सीटें – 6, भाजपा – 4, कांग्रेस 2

 

विजयपुर/बीजापुर

ऐतेहासिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण इस ज़िले को अब विजयपुर भले ही कहा-लिखा जाए लेकिन स्थानीय लोग इसे आज भी बीजापुर ही कहते हैं। बीजापुर या विजयपुर में 8 विधानसभा सीटें हैं और यहां पर भी महाराष्ट्र की सीमा इतनी ही दूर है, जितना दिल्ली से गुड़गांव…बीजापुर ज़िले में प्रधानमंत्री ने दूसरी रैली की थी, 2018 के चुनावों में भाजपा ने यहां 8 में से 3 और कांग्रेस ने भी 3 सीटें जीती थीं। यहां के नतीजों पर पीएम की रैली का असर ये हुआ कि भाजपा को इस बार 1 सीट कम मिली और कांग्रेस को 3 सीटें ज़्यादा मिली;

  1. मुदेबिहाल – कांग्रेस के चन्नाबासवराज उर्फ़ अप्पाजी जीते
  2. देवार हिपारगी – भाजपा के एसबी पाटिल जीते
  3. बासवना बागेवाड़ी – कांग्रेस का शिवानंद पाटिल जीते
  4. बाबलेश्वर – कांग्रेस के एमबी पाटिल जीते
  5. बीजापुर सिटी – भाजपा के बीआर पाटिल जीते
  6. नागथन – कांग्रेस के केवी दोंडीबा जीते
  7. इंदी – कांग्रेस के वाई वी पाटिल जीते
  8. सिंदगी – कांग्रेस के एएम मनागुली जीते

बीजापुर की 8 सीटें, कांग्रेस – 6, भाजपा – 2

बेलगावी

कर्नाटक का बेलगावी इलाका भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए कितना अहम था, ये इस बात से समझा जा सकता है कि इस ज़िले में 18 विधानसभा सीटें आती हैं। पीएम मोदी ने कुदाची और बेलहोंगल में 2 रैलियां की। ये दोनों ही सीटें भाजपा हारी और कांग्रेस यहां भारी वोट लेकर जीती है। इसके अलावा यहां 18 सीटों में कांग्रेस ने 11 सीटें जीती और भाजपा सिर्फ 7 जीत सकी।

  1. निप्पनी – भाजपा के जेएस अन्नासाहेब जीते
  2. चिक्कोदि सदल्गा – कांग्रेस के जीपी हुक्केरी जीते
  3. अथानी – कांग्रेस के लक्ष्मण एस सावदी जीते
  4. कागवाड़ – कांग्रेस के बीए कागे जीते
  5. कुदाची (यहां पीएम मोदी ने रैली की थी) – कांग्रेस के एमके तम्मन्नावार जीते
  6. रायबाग – भाजपा के एडी महालिंगप्पा जीते
  7. हुक्केरी – भाजपा के केएन उमेश जीते
  8. अराभवी – भाजपा के बीएल जरकीहोली जीते
  9. गोकाक – भाजपा के आरएल जरकीहोली जीते
  10. येमकनामर्दी – कांग्रेस के एसएल जरकीहोली जीते
  11. बेलगाम उत्तर – कांग्रेस के आसिफ़ (राजू) सेत जीते
  12. बेलगाम दक्षिण – भाजपा के अभय पाटिल जीते
  13. बेलगाम रूरल – कांग्रेस की लक्ष्मी हेबलकर जीती
  14. खानापुर – भाजपा के वीएस हलगेकर जीते
  15. कित्तूर – कांग्रेस के बाबासाहेब पाटिल जीते
  16. बैलाहोंगल (यहां भी पीएम ने रैली की थी) –  कांग्रेस के केएम शिवानंद जीते
  17. सौनदत्ती येलाम्मा – कांग्रेस के विश्वास वसंत वैद्या जीते
  18. रामदुर्ग – कांग्रेस के एएम पट्टन जीते

बेलगावी की सीटें – 18, भाजपा – 7, कांग्रेस 11

बेंगलुरु – शहरी (अरबन) और बेंगलुरु उत्तर सीट

प्रधानमंत्री के कर्नाटका कैंपेन में चौथा जिला बेंगलुरु था। पीएम ने उत्तर बेंगलुरु में दो और बेंगलुरु शहर में एक रोड शो किया। इन दोनों इलाकों में कुल मिलाकर 13 विधानसभा सीटें हैं,  इन 13 सीटों के नतीजे इस तरह से हैं;

बेंगलुरू अरबन

  1. येलहंका – भाजपा के एसआर विश्वनाथ जीते
  2. ब्यातारायनपुरा – कांग्रेस के कृष्णा बायरेगौड़ा जीते
  3. येशवंतपुरा – भाजपा के एसटी सोमशेखर जीते
  4. दसराहल्ली – भाजपा के एस मुनिराजू जीते
  5. महादेवपुरा – भाजपा की मंजुला एस जीती
  6. बेंगलुरू दक्षिण – भाजपा के एम कृष्णप्पा जीते
  7. अनेकल – कांग्रेस के बी शिवन्ना जीते

बेंगलुरू उत्तर

  1. केआर पुरा – भाजपा के बीए बासवराजा जीते
  2.  महालक्ष्मी लेआउट – भाजपा के के. गोपालैया जीते
  3. हेब्बल – कांग्रेस के बी. सुरेश जीते
  4. मल्लेश्वरम – भाजपा के डॉ. अश्वथ नारायन जीते
  5. पुलकेशीनगर – कांग्रेस के एसी श्रीनिवासा जीते
  6. सर्वग्नानगर – कांग्रेस के केजे जॉर्ज जीते

ये इलाके पहले से ही भाजपा का गढ़ माने जाते हैं। तो सवाल ये है कि पीएम को यहां पर इतना लंबा-चौड़ा और भव्य प्रचार करने की ज़रूरत क्यों पड़ी? क्या यहां भाजपा ज़्यादा सीटें हार सकती थी? इन 13 सीटों पर नतीजे रहे – भाजपा – 8 सीटें, कांग्रेस – 5 सीटें।

कोलार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली कोलार में की। कोलार प्रसिद्ध सोने की खदानों का इलाका है और ज़िले में 6 विधानसभा सीटें हैं। इन सीटों के नतीजों को देखेंगे तो एक बार और सोचना पड़ेगा कि आख़िर प्रधानमंत्री ने यहां रैली क्यों की? पहले इन सीटों के नतीजे;

  1. श्रीनिवासपुर – जेडी(एस) के जीके वेंकटशिवारेड्डी जीते
  2. मुलबगल – जेडी(एस) के समृद्धि वी मंजूनाथ जीते
  3. कोलार गोल्ड फील्ड (KGF) – कांग्रेस की रूपकला एम जीती
  4. बंगारपेट – कांग्रेस के एसएन नारायनस्वामी जीते
  5. कोलार – कांग्रेस के केजी मंजूनाथ जीते
  6. मलूर – कांग्रेस के केवाई नंजेगौड़ा जीते

यानी कि यहां के नतीजों को देखें तो प्रधानमंत्री की रैली के बावजूद यहां पर भाजपा एक भी सीट नहीं जीत सकी। 6 में से दो सीटें जनता दल सेकुलर के खाते में गई और 4 सीटें कांग्रेस ने जीती। इस ज़िले में सिर्फ 2013 में KGF सीट भाजपा ने जीती थी, तो अब सवाल ये है कि आख़िर क्यों पीएम ने यहां रैली की? क्या दूसरी सीटों पर घटते वोटबैंक की भरपाई करने के लिए? या फिर भाजपा को पीएम मोदी के ऊपर इतना भरोसा था कि उनकी रैली से यहां वोट मिल सकते हैं? जो भी हो, पीएम के चेहरे से यहां कुछ भी नहीं बदला…

रामनगरा

इस ज़िले में 4 विधानसभा सीटें हैं, यहां भी प्रधानमंत्री मोदी ने चन्नापटना में रैली की। चन्नापटना ही वो सीट है, जहां से पिछली बार जेडीएस नेता और पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी भाजपा उम्मीदवार को हराकर विधायक बने थे। लेकिन इसी ज़िले की कनकपुरा सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार भी चुनाव लड़ रहे थे। ज़ाहिर है कि निशाना था, इस सीट पर हो सके तो जेडीएस से पुराना हिसाब चुकाना और कांग्रेस के वोटों में भी सेंध लगाकर राजनैतिक संदेश देना। पीएम ने अपनी रैली में जेडीएस और कांग्रेस दोनों पर कर्नाटक को एटीएम की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। लेकिन इन 4 विधासभा सीटों का अंजाम भी देख लीजिए;

  1. मगादि – कांग्रेस के एचसी बालकृष्णा जीते
  2. रामनगरा – कांग्रेस के एचए इक़बाल हुसैनी जीते
  3. कनकपुरा – कांग्रेस के डीके शिवकुमार जीते
  4. चन्नापटना – जेडी(एस) के एचडी कुमारास्वामी जीते

रामनगरा ज़िले की चारों सीटों पर न केवल भाजपा हारी, बल्कि बुरी तरह हारी। चन्नापटना छोड़ कर, किसी भी सीट पर भाजपा मुकाबले में नहीं थी और इस सीट के अलावा कहीं 20 फ़ीसदी वोट भी उसको नहीं मिले। पीएम मोदी के चेहरे का जादू…

हासन

हासन ज़िले में 7 विधानसभा सीटें हैं। ये पीएम के चुनाव प्रचार का सातवां ज़िला था और यहां विश्व प्रसिद्ध बेलूर मठ है। पीएम ने न केवल बेलूर में अपनी रैली की बल्कि उसके पहले 23 अप्रैल को बेलूर मठ में रात भी बिताई थी। इन सात सीटों के नतीजे भी देख लेते हैं;

  1. श्रवणबेलगोला – जेडी(एस) के सीएन बालकृष्णा जीते
  2. अरासिकेरे – कांग्रेस के केएम शिवलिंगे गौड़ा जीते
  3. बेलूर – भाजपा के एचके सुरेश जीते
  4. हासन – जेडी(एस) के स्वरूप प्रकाश जीते
  5. होलेनरसीपुर – जेडी(एस) के एचडी रेवन्ना जीते
  6. अरकलगुड – जेडी(एस) के ए मंजू जीते
  7. सकलेसपुर – भाजपा के सेमंत मंजू जीते

यानी कि इस इलाके की 7 सीटों में से जेडीएस ने 4 सीटें जीती, भाजपा ने 2 सीटें जीती और कांग्रेस ने 1। आप इसे अगर पीएम के चेहरे का जादू मानना चाहें तो आपको कौन रोक सकता है?

मैसूर

11 विधानसभा सीटों वाले ज़िले मैसूर में पीएम ने जहां नंजनगुड में रैली की, वहीं मैसूर शहर में बाक़ायदा रोड शो किया। ये ज़िला अहम इसलिए है कि यहां से कर्नाटक के पूर्व सीएम और कांग्रेस के राज्य के सबसे बड़े नेता सिद्दारमैया चुनाव लड़ते हैं। ये ही उनका जन्मस्थान भी है। ज़ाहिर है संदेश देने के लिए ये ही ये रोड शो और रैली की गई थी। हासिल क्या रहा, ये आप नीचे देख सकते हैं;

  1. पिरियापटना – कांग्रेस के के. वेंकटेश जीते
  2. कृष्णाराजनगरा – कांग्रेस के डी. रविशंकर जीते
  3. हुनसूर – जेडी(एस) के जीडी हरीशगौड़ा जीते
  4. हेग्गड़ादेवनाकोटे – कांग्रेस के अनिल चिक्कामधु जीते
  5. नंजनगुड – कांग्रेस के दर्शन ध्रुवनारायणा जीते (यहां पीएम ने रैली की थी)
  6. चामुंडेश्वरी – जेडी(एस) के जीटी देवेगौड़ा जीते (यहां प्रसिद्ध चामुंडेश्वरी मंदिर है)
  7. कृष्णाराजा – भाजपा के टीएस श्रीवत्शा जीते
  8. चामराजा – कांग्रेस के के. हरीशगौड़ा जीते
  9. नरसिम्हाराजा – कांग्रेस के तनवीर सैट जीते
  10. वरुणा –  कांग्रेस के सिद्दारमैया जीते
  11. टी नरसीपुरा – कांग्रेस के डॉ. एचसी महादेवप्पा जीते

इस तरह से मैसूर की 11 सीटों में से भाजपा ने सिर्फ 1 जीती, 2 सीटें जेडीएस ने जीती लेकिन 8 सीटें कांग्रेस ने जीती। कांग्रेस ने नंजनगुड की वो सीट भी जीती, जहां पीएम ने रैली की थी। पीएम का रोड शो चामुंडेश्वरी विधानसभा सीट के इलाकों में हुआ लेकिन वहां जनता दल सेकुलर ने बड़ी जीत हासिल की। भाजपा ने सिर्फ एक ही सीट जीती और पीएम के रोड शो और रैली दोनों फ्लॉप रहे।

चित्रदुर्ग

चित्रदुर्ग ज़िले में 6 विधानसभा सीटें आती हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने चित्रदुर्ग की अपनी रैली में, एक ऐसा आरोप लगाया – जो अपने आप में बेहद आपत्तिजनक होना चाहिए था। उन्होंने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम लिए बिना कहा था कि बाटला हाउस एनकाउंटर में आतंकियों के मारे जाने की ख़बर सुनकर कांग्रेस की सबसे बड़ी नेता की आंखों में आंसू आ गए थे। इस की पुष्टि वो कैसे करेंगे और ये आरोप कितना आपत्तिजनक था, इसका शायद ही अब इस देश में किसी को फ़र्क पड़ता हो। इस ज़िले की 6 सीटों के नतीजे इस तरह से रहे;

  1. मोलाकलमुरु – कांग्रेस के एनवाई गोपालकृष्णा जीते
  2. चल्लाकेरे – कांग्रेस के टी रघुमूर्ति जीते
  3. चित्रदुर्ग – कांग्रेस के केसी वीरेंद्र पप्पी जीते
  4. हिरियुर – कांग्रेस के डी सुधाकर जीते
  5. होसादुर्ग – कांग्रेस के बीजी गोविंदप्पा जीते
  6. होलालकेरे – भाजपा के एम चंद्रप्पा जीते

यानी कि चित्रदुर्ग की 6 सीटों में से भाजपा के हाथ सिर्फ 1 सीट आई, जबकि 5 सीटों पर कांग्रेस ने लगभग एकतरफा जीत हासिल की। यहीं की मोलाकलमुरु से बीजेपी के कद्दावर नेताओं में से एक बी श्रीरामुलु हारे, जो पिछली बार विधायक थे। पीएम मोदी की रैली का अगर ये करिश्मा है कि इस ज़िले से पिछले चुनाव की जीती हुई 4 सीटें गंवा दी हैं, तो ऐसा करिश्मा क्या भाजपा चाहेगी भी?

रायचूर

रायचूर ज़िले में 7 विधानसभा सीटें हैं और पीएम मोदी ने यहां सिंधनूर में चुनावी सभा की और एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के सांप वाले बयान को लेकर उन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि खड़गे गांधी परिवार को खुश करने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं। यहां चुनावी नतीजे आप नीचे देख सकते हैं;

  1. रायचूर रूरल – कांग्रेस के बासनगौड़ा दद्दल जीते
  2. रायचूर अरबन – भाजपा के डॉ. शिवराज पाटिल जीते
  3. मानवी – कांग्रेस के जी हम्पैया नायक जीते
  4. देवदुर्गा – जेडीएस की करीमा नायक जीती
  5. लिंगासुगुर – भाजपा के एमडी वज्जल जीते
  6. सिंधनूर – कांग्रेस के हम्पनगौड़ा बादरली जीते (यहां पीएम ने रैली की थी)
  7. मसकी – कांग्रेस के बासनगौड़ा तुरविहाल जीते

रायचूर में प्रधानमंत्री ने सिंधनूर में रैली की थी, जहां पर कांग्रेस के उम्मीदवार को 41.98 फ़ीसदी वोट मिले, जबकि भाजपा उम्मीदवार को मिले 29.47 फ़ीसदी वोट। इस ज़िले की 7 सीटों में 4 कांग्रेस ने जीती, भाजपा के खाते में 2 सीटें आई। यहां एक और ख़ास बात है कि कांग्रेस ने पिछली बार से दो सीटें अधिक हासिल की, वहीं बीजेपी ने सिटिंग एमएलए गंवाया, 1 नई सीट जीती और कुछ हासिल नहीं किया। पीएम मोदी के जादू में भाजपा बस जादू ही देखती रह गई।

इस रिपोर्ट के अगले भाग में हम और इलाकों की सीटों का भी सविस्तार चुनाव विश्लेषण आपके सामने रखेंगे, जहां पीएम मोदी के चेहरे को भुनाने के लिए भाजपा ने कर्नाटका विधानसभा चुनाव-2023 में पीएम की रैलियां और रोड शो की थी। पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने का दावा करने वाली भाजपा को, उनके नाम का कितना फ़ायदा कर्नाटक में मिला, कुछ राजनैतिक विश्लेषकों का ये दावा कि पीएम मोदी का चेहरा न होता, तो भाजपा को जो सीटें मिली, वो भी न मिलती – इन सारे दावों की तथ्यात्मक पड़ताल सिर्फ एक-एक सीट का विश्लेषण कर के ही हो सकती है। अगली रिपोर्ट का इंतज़ार करें।

स्रोत – भारत के चुनाव आयोग का डेटा – कर्नाटका विधानसभा चुनाव 2023

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