महाराष्ट्र में नवगठित उद्धव सरकार मरहूम जज लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की जांच करा सकती है। जनचौक न्यूज़ पोर्टल की खबर के अनुसार सोमवार को एनसीपी मुखिया शरद पवार ने एक न्यूज चैनल के साथ साक्षात्कार में कहा कि अगर कोई मांग की जाती है या फिर उसकी जरूरत होती है तो जज बीएच लोया के मौत के मामले की फिर से जांच की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि “अगर इसकी कोई मांग है तो किसी को जरूर इसके बारे में सोचना चाहिए। वो किस आधार पर इसकी मांग कर रहे हैं और इसमें क्या सच्चाई है। इन सब की जांच होनी चाहिए। अगर इसमें कुछ है तो फिर से इसकी जांच की जा सकती है। अगर नहीं है तो फिर किसी के खिलाफ आधारहीन आरोप लगाना उचित नहीं है।”
Pressure is mounting on MahaVikasAghadi govt to hold fresh probe into Justice Loya's death. CM Uddhav Thackeray may take a final call soon@PawarSpeaks@nawabmalikncp @uddhavthackeray@CMOMaharashtra @ShivSena @fpjindia @sachin_inc
— Sanjay Jog (@SanjayJog7) December 3, 2019
पवार ने एबीपी चैनल को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि उन्होंने कहा है कि जस्टिस लोया के मामले में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है। मैंने केवल समाचार पत्रों में लेख पढ़ा है। इन लेखों को देखने के बाद इस मामले की मूल तक जाकर जांच होनी चाहिए। ऐसी इच्छा महाराष्ट्र के कई लोगों की है। मुझे इस संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं है।
उधर इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी जस्टिस लोया की मौत की जांच की मांग की है।
This is a very serious charge by sister of Justice Loya. Now that we have a non BJP Govt in Maharashtra why can't the Govt set up a SIT who can investigate under the directions of an Independent Judicial Commission which the Govt can set up in a certain time frame. https://t.co/54nLaCTAtA
— digvijaya singh (@digvijaya_28) December 2, 2019
दिग्विजय सिंह ने सोमवार को केस को फिर से खोलने की मांग की। दिग्विजय सिंह ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कहा कि “जस्टिस लोया की बहन ने गंभीर आरोप लगाए हैं। अब हमारे पास महाराष्ट्र में एक गैर बीजेपी सरकार है। वह सरकार क्यों नहीं एक एसआईटी बैठा सकती है जो एक स्वतंत्र न्यायिक आयोग के निर्देशन में जांच करे। इसके लिए सरकार एक पूरा समय तय कर सकती है।”