जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा प्रस्तावित फीस वृद्धि व अन्य नियमों के खिलाफ कल जेएनयू छात्रों के संसद मार्च के दौरान छात्रों और शिक्षकों पर पुलिस द्वारा बर्बर लाठी चार्ज और दमन के खिलाफ आज शाम जेएनयू शिक्षक संघ जेएनयूटीए (JNUTA) विरोध प्रदर्शन करेंगे।
https://twitter.com/jnu_voice/status/1196662302008692736
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय और जेएनयू प्रशासन की मनमानी रवैया के खिलाफ जेएनयू छात्र संघ के नेतृत्व में छात्र बीते तीन सप्ताह से लगातार हड़ताल पर हैं।
कल छात्रों के मार्च को शाम को सफदरगंज के इलाके के पास पुलिस ने रोक लिया था। अंधेरा होने पर भी छात्र सड़क पर ही डटे हुए हुए थे। उन्होंने मांग रखी थी कि वे तब तक नहीं हटेंगे जब तक उनके छात्रसंघ के अध्यक्ष को पुलिस हिरासत से छोड़ा नहीं जाता है। हालांकि, पुलिस ऐक्शन में आई है और उन्होंने इलाके की स्ट्रीट लाइट बंद करते हुए छात्रों को पीछे की ओर खदेड़ना शुरू कर दिया।
JNU is India's top Univ.
If Govt stops waiving taxes for corporations, it could fund 250 JNUs.
Taxpayers money collected for education cess remains unspent.
Taxes should be spent on education, healthcare for all.
That's why #TaxPayersWithJNU pic.twitter.com/6FuWzsnKYd— Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) November 19, 2019
बीते कल यानी 18 नवंबर को छात्रों ने फीस बढ़ोतरी की वापसी व अन्य प्रस्तावित नियमों को वापस लेने की मांग के साथ जेएनयू से संसद तक की मार्च का आयोजन किया था।
https://www.facebook.com/sfijnuunit/videos/435163557142011/
इस शांतिपूर्ण मार्च को रोकने के लिए पुलिस ने जबरदस्त बल प्रयोग किया, लाठीचार्ज किया जिसमें काम से काम 15 छात्रों के ज़ख़्मी होने की सूचना है।
Delhi: Police remove Jawaharlal Nehru University (JNU) students who are protesting near Safdarjung Tomb, demanding complete fee roll back along with other demands. pic.twitter.com/NOxxlVoZg4
— ANI (@ANI) November 18, 2019
वहीं छात्रसंघ अध्यक्ष ओईसी घोष सहित करीब 100 छात्रों को हिरासत में लिया था पुलिस ने। हालांकि देर शाम उन सभी को रिहा कर दिए जाने की खबर हैं।घायल छात्रों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
Amit Shah’s Delhi police brutally assaulted JNU students for demanding the rollback of increased fee. Is it the way to treat students?#EmergencyinJNU
pic.twitter.com/INfnwW0spV— Ravi Nair (@t_d_h_nair) November 18, 2019
पुलिस का कहना है कि उसने कोई लाठीचार्ज नहीं किया।
Delhi Police:The Delhi Police staff acted with restraint all along and despite continued defiance by some groups of students, methods of persuasion were resorted to, and there was no use of water cannons, tear gas shells or lathi-charge at any stage of the protest. #JNUProtests pic.twitter.com/w1AB9kR7YB
— ANI (@ANI) November 18, 2019
तो क्या ये वीडिओ फर्जी है ?
#WATCH Delhi: Clash between Jawaharlal Nehru University (JNU) students and police, earlier today. Delhi Police PRO has said that they will inquire into lathi charge allegations made by JNU students. pic.twitter.com/5yOhuDBvdi
— ANI (@ANI) November 18, 2019
https://www.facebook.com/nbharukhea1/videos/1021281954873133/
Defying heavy police cordon and brutal police violence, students of #JNU and Delhi today produced a glorious glimpse of student unity and student power. Fascism can never triumph as long as we have this vibrant and resolute student vigilance. #EmergencyinJNU #completerollback pic.twitter.com/5E2yv8OUYS
— Dipankar (@Dipankar_cpiml) November 18, 2019
नेत्रहीन छात्र पर भी कोई रहम नहीं किया पुलिस ने।
https://twitter.com/jnu_voice/status/1196650073624477697
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई की निंदा की है।
युवाओं छात्रों से इतनी नफ़रत ये हैं शशीभूषण पांडेय एक नेत्रहीन JNU का छात्र किस बर्बरता से दिल्ली पुलिस ने इनको पीटा है आप खुद देखिये। pic.twitter.com/BW4NHJYI4j
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) November 18, 2019
शरद यादव ने कहा कि JNU के छात्रों के साथ सरकार का व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है। इस प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूशन में दूर दराज के इलाकों से गरीब छात्र उच्च शिक्षा ग्रहण करने आते हैं और सरकार उनसे यह अधिकार छीनना चाहती है। बढ़ाई हुई फीस को तुरंत वापिस लेनी चाहिए जिससे कि माहौल शांत हो सके।
हालांकि छात्रों का सोमवार सुबह शुरू हुआ संसद मार्च दिनभर चले बवाल के बाद देर शाम खत्म हो गया। हिरासत में लिए गए छात्रों के रिहा होने के बाद स्टूडेंट्स कैंपस लौट गए हैं। वहीं, जेएनयू छात्रसंघ से जुड़े स्टूडेंट लीडर्स ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव से मुलाकात की और उन्हें मांग पत्र सौंपा।
किन्तु ,स्टूडेंट काउंसिल के वाइस प्रेसिडेंट साकेत मून ने कहा, ‘विरोध खत्म नहीं हुआ है लेकिन पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए छात्रों को रिहा किए जाने के बाद हम वादे के अनुसार कैंपस लौट रहे हैं। इस विरोध का भविष्य क्या होगा यह संयुक्त सचिव से मुलाकात के बाद ही तय किया जा सकेगा’।