आज राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के आदेश के बाद भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक बिल करते हुए जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन और धारा 370 के (खंड-1) को छोड़कर सभी खंड समाप्त करने की घोषणा की। जम्मू-कश्मीर को लेकर राज्य सभा में भारत के गृह मंत्री ने तीन घोषणाएं की। पहली घोषणा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म करने की थी। दूसरी घोषणा लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग करने की थी और तीसरी घोषणा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने की थी।
धारा 370 हटने के साथ ही जम्मू-कश्मीर भारत के किसी दूसरे प्रदेश की तरह ही हो जाएगा। वहां से दोहरी नागरिकता जैसे प्रावधान खत्म हो जाएंगे। गृह मंत्री अमित शाह ने लद्दाख के लिये केंद्र शासित प्रदेश के गठन की घोषणा की जहां चंडीगढ़ की तरह से विधानसभा नहीं होगी। जबकि कश्मीर और जम्मू डिवीजन विधान के साथ एक अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां दिल्ली और पुडुचेरी की तरह विधानसभा होगी। गृह मंत्री ने कहा, ‘राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद अनुच्छेद 370 के खंड (1) छोड़कर अन्य कोई भी खंड लागू नहीं होंगे।’
Article 370 scrapped, Jammu and Kashmir will now be Union Territory
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— ANI Digital (@ani_digital) August 5, 2019
राष्ट्रपति ने जारी किया पब्लिक नोटिस: अमित शाह
राज्यसभा में सपा सांसद रामगोपाल यादव के इस आपत्ति के बाद कि “यह संविधान संशोधन है और इसे प्रस्ताव के जरिए नहीं हटाया जा सकता, इसके लिए सिर्फ संविधान संशोधन किया जा सकता है” के जवाब में अमित शाह ने कहा कि सदस्यों को जान लेना चाहिए कि हम किस धारा के तहत ये करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि धारा 370 के अंदर ही इसका प्रावधान है। उन्होंने कहा कि धारा 373 में लिखा है कि राष्ट्रपति पब्लिक नोटिस के तहत इसे लागू और हटा सकते हैं। अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रपति को पब्लिक नोटिफिकेशन से इसे हटाने के अधिकार है और सुबह ही उन्होंने संवैधानिक आदेश जारी करते हुए पब्लिक नोटिफिकेशन निकाला है, राज्य में विधानसभा नहीं है और विधानसभा के सारे अधिकार दोनों सदन के अंतर निहित है और राष्ट्रपति इसे पारित कर चुके हैं।
विपक्ष ने बिल के खिलाफ संसद में विरोध
गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सांसद में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 और अनुच्छेद 370 के सभी खंड हटाने के बिल पेश करने के बाद विपक्ष ने सदन में विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया।
बिल के खिलाफ राज्यसभा में धरने पर बैठे गुलाम नबी आजाद
राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा-“अनुच्छेद 370 के तहत ही जम्मू कश्मीर को भारत के साथ जोड़ा गया था और इसके पीछे लाखों लोगों ने कुर्बानियां दी है। हजारों नेताओं ने अपने नेता और कार्यकर्ता खो दिए हैं।1947 से हजारों आम नागरिकों की जान गई हैं। जम्मू कश्मीर को भारत के साथ रखने के लिए हजारों बलिदान हुए हैं। जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोग हर हालत में भारत के साथ खड़े रहे। मैं इस कानून का कड़े शब्दों में विरोध करता हूं और हम भारत के संविधान की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा देंगे लेकिन हम उस एक्ट का विरोध करते हैं जो हिन्दुस्तान के संविधान को जलाते हैं। बीजेपी ने इसी संविधान की हत्या की है और जिसे अनुच्छेद 370 ने भारत को कश्मीर दिया, उसे ही बीजेपी ने खत्म कर दिया है।” और फिर इसके बाद गुलाम नबी आजाद वहीं धरने पर बैठ गए हैं।
LoP RS Ghulam Nabi Azad speaks on the abrogation of article 370https://t.co/XLAZsmfQEs
— Congress (@INCIndia) August 5, 2019
राज्यसभा में PDP सांसदों संविधान की प्रतियां और कपड़े फाड़कर विरोध जताया
बिल का विरोध करते हुए तमिलनाड़ु के MDMK सांसद वाइको ने कहा –“देश में फिर से इमरजेंसी के हालात आ गए हैं”- इसके बाद सभापति ने कहा कि हालात इमरजेंसी के नहीं अरजेंसी के हैं। उन्होंने हंगामा कर रहे सांसदों से अपने सीट पर जाने के लिए कहा लेकिन कोई भी सांसद वापस जाने को तैयार नहीं है।
MDMK leader Vaiko in Rajya Sabha: You have played with the sentiments of people of Kashmir. When additional army personnel were deployed there, I was worried. Kashmir should not become Kosovo, East Timor and South Sudan. pic.twitter.com/JNeIZYTGwn
— ANI (@ANI) August 5, 2019
गृह मंत्री की घोषणा के बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के सांसद नजीर अहमद लवाय और मीर मोहम्मद फैयाज ने सदन में संविधान की प्रतियां फाड़कर अपना विरोध दर्ज कराया। इन सांसदों को राज्यसभा के सभापति ने सदन से जाने का आदेश दिया। सदन में पीडीपी सांसदों ने अपने कपड़े फाड़ दिए हैं और सभापति ने उन्हें सदन से बाहर जाने के लिए कहा और मार्शलों को सदन के भीतर बुलवा लिया।
डीएमके ने किया प्रस्ताव का विरोध
डीएमके सांसद तिरुची शिवा ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा –“वहां विधानसभा नहीं है और राष्ट्रपति शासन लागू है। यह फैसला विधानसभा की सहमति के बाद लिया जाना चाहिए था। शिवा ने कहा कि कई कारणों से कश्मीर के लोगों को 370 के तहत विशेष राज्य का दर्जा दिया गया था। अचानक से सरकार प्रस्ताव लेकर आ गई और यह किसी अन्य राज्य के साथ भी हो सकता है। डीएमके सांसद ने कहा कि कश्मीर में विधानसभा चुनाव तक इंतजार करना चाहिए, हमें क्या जल्दी थी। कश्मीर के लोग इस फैसले के बारे में क्या सोचते हैं, यह जान लेना भी जरूरी था। अब वहां 370 के साथ 35A भी हट चुकी है और कोई भी वहां जा सकता है।”
CPM सांसद टीके रंगराजन- “यह काला दिन है। सरकार ने जम्मू-कश्मीर-लद्दाख के लोगों से सलाह नहीं ली, विधानसभा भंग कर दी। इस तरह सरकार एक और फिलिस्तीन बना रही है।”
TK Rangarajan,CPI(M) in Rajya Sabha: It's black day.Indian constitution has been raped by BJP govt. You didn't consult people of J&K-Ladakh. You dissolved Assembly,you don't want to hold any election. You've taken another 35000 Army people there. You're creating another Palestine pic.twitter.com/ed0hToi8MV
— ANI (@ANI) August 5, 2019
हमें क्या चाहिए कश्मीर की जमीन या आवाम: मनोज झा
राज्यसभा में RJD सांसद मनोज झा ने कहा- “अनुच्छेद 370 पर जो हुआ उसका पक्ष कैसे भी नहीं ले सकता क्योंकि मैं बोनी समझ का नहीं हूं। हमें क्या चाहिए कश्मीर की जमीन या आवाम। बहुमत आने पर बड़े अच्छे और बुरे ख्याल आते हैं लेकिन अच्छे वाले को पकड़ना चाहिए। संविधान मान्यताओं की कमी के विरोध में हैं, संवैधानिक इतिहास की हत्या के विरोध में हैं, हिन्दुस्तान की मोहब्बत का पैमाना हमारे भीतर आपसे कम नहीं है. कश्मीर के लिए खराब रास्ता खोल लिया है। सरकार को कश्मीरियों को गले लगाना चाहिए, कश्मीर अपने आप करीब आ जाएगा।”
प्रस्ताव के खिलाफ JDU का वॉक आउट
राज्यसभा में जेडीयू सांसद राम नाथ ठाकुर ने कहा कि इस प्रस्ताव के खिलाफ हम सदन से वॉक आउट करते हैं। उन्होंने कहा कि कोर्ट या समझौते से फैसला हो उसे धारण करने के पक्ष में हैं।70 साल में न विकास हुआ, न ओबीसी को आरक्षण मिला। आरजेडी के मनोज झा ने इसका विरोध किया है।
सपा ने बताया असंवैधानिक
सपा के रामगोपाल ने इसे असंवैधानिक बताते हुए कहा कि अगर आपने 2 हिस्सों में बांट दिया है जो जम्मू कश्मीर में आरक्षण कैसे लागू होगा।ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC)भी इस बिल के कड़े विरोध में है।
लोकतंत्र के लिए काला दिन – महबूबा मुफ्ती
कल रात से ही अपने आवास पर नजर बंद की गई पूर्व सीएम व पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने जम्मू कश्मीर के बँटवारे और राज्य का दर्जा छीने जाने को लोकतंत्र के लिए काला दिन बताते हुए कहा- ”आज का दिन भारतीय लोकतंत्र का स्याह दिन है। अनुच्छेद 370 निरस्त करने का भारत सरकार का एकतरफा फैसला गैर कानूनी, असंवैधानिक है। जम्मू-कश्मीर में भारत संचालन बल बन जाएगा। अनुच्छेद 370 पर उठाया गया कदम उपमहाद्वीप के लिए विनाशकारी परिणाम लेकर आएगा, वे जम्मू-कश्मीर के लोगों को आतंकित कर इस क्षेत्र पर अधिकार चाहते हैं। भारत कश्मीर के साथ किये गए वादों को पूरा करने में नाकाम रहा है।”
Today the people of Jammu & Kashmir who reposed their faith in institutions of India like parliament & Supreme Court feel defeated & betrayed. By dismembering the state & fraudulently taking away what is rightfully & legally ours, they have further complicated the Kashmir dispute
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 5, 2019
जबकि एक और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा- “ ये कश्मीर के लोगों के साथ धोखा है। धारा 370 हटाना जम्मू कश्मीर के लोगों पर आक्रमण करना है, इसके गंभीर परिणाम होंगे।”
Statement of Omar Abdullah, Vice-President of National Conference and former Chief Minister of Jammu & Kashmir, on revoking of Article 370 and other decisions announced by Government of India. pic.twitter.com/L9RXggb10k
— ANI (@ANI) August 5, 2019
Violence will only play in to the hands of those who do not have the best interests of the state in mind. This wasn’t the India J&K acceded to but I’m not quite ready to give up hope yet. Let calm heads prevail. God be with you all.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 4, 2019
जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने किया विरोध
बिहार में एनडीए के सहयोगी जेडीयू ने सरकार के इस कदम का विरोध किया है। पार्टी प्रवक्ता के सी त्यागी ने कहा –“हमारी अलग सोच है। हमारे नेता नीतीश कुमार जेपी नारायण, राम मनोहर लोहिया और जॉर्ज फर्नांडिस के विचारों को मानती है। और मेरा मानना है कि धारा 370 नहीं हटाए जाने चाहिए।”
KC Tyagi, JD(U): Our chief Nitish Kumar is carrying forward the tradition of JP Narayan, Ram Manohar Lohia & George Fernandes. So our party is not supporting the Bill moved in the Rajya Sabha today. We have different thinking. We want that Article 370 should not be revoked. pic.twitter.com/AdyWWJJzgk
— ANI (@ANI) August 5, 2019
जम्मू-कश्मीर मसले पर सरकार के साथ खड़े हुए BSP, BJD, AIADMK ,YSRCP, शिवसेना
राज्यसभा में शिवसेना, बीजेडी , AIADMK और YSRCP ने जम्मू कश्मीर आरक्षण और पुनर्गठन प्रस्ताव का समर्थन किया है जबकिजम्मू कश्मीर आरक्षण और पुनर्गठन बिल को बसपा ने समर्थन दिया है। AIADMK सांसद नवनीत कृष्णन ने कहा-“हम इस प्रस्ताव को साथ है और विपक्षी दलों को घबराने की जरूरत नहीं है, यह प्रावधान अस्थाई था और इसे हटाया जा सकता है। सरकार इसके लिए प्रस्ताव लेकर आई है और देश की संप्रभुता के लिए यह एक अहम कदम है।”
बहुजन समाज पार्टी के सांसद सतीश चंद्र मिश्र ने राज्यसभा में कहा –“ हमारी पार्टी इसका पूर्ण समर्थन करती है। हम चाहते हैं कि बिल पास हो। हमारी पार्टी धारा 370 बिल और अन्य विधेयक का कोई विरोध नहीं कर रही है।”
बीजेडी सांसद प्रसन्ना आचार्य ने कहा –“सही मायनों जम्मू-कश्मीर आज भारत को अंग हो गया। मेरी पार्टी सरकार के इस कदम का समर्थन करती है।”
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा –“धारा 370 एक कलंक था उसे आज खत्म किया गया है।70 साल से यह देश इस शैतान को लेकर चल रहा था। राउत ने कहा कि आज असर मायने में जम्मू कश्मीर का विलय भारत में हो गया है। उन्होंने कहा कि इसे हटाने को लेकर धमकियां दी जा रही हैं अगर हिम्मत है तो अब हाथ जलाएं। मजबूत सरकार ने एक मजबूत फैसला लिया है और अब सरकार की हिम्मत दिख रही है। कश्मीर की जनता का 70 साल तक शोषण करने वाले ही आज इसका विरोध कर रहे हैं।”
समर्थन में केजरीवाल का ट्वीट
आप नेता व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट में लिखा-” हम जम्मू कश्मीर के अपने फैसलों पर सरकार का समर्थन करते हैं। हमें उम्मी है कि इससे राज्य में शांति और विकास होगा।”
We support the govt on its decisions on J & K. We hope this will bring peace and development in the state.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 5, 2019
नए विधेयक के बाद क्या होगा जम्मू–कश्मीर का नया स्वरूप
- जम्मू-कश्मीर के दो टुकड़े हो जाएंगे। पहला जम्मू-कश्मीर और दूसरा लद्दाख।
- जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा छिन जाएगा और वो दिल्ली की तरह एक केंद शांसित राज्य बनकर रहेगा।
- लद्दाख भी केंद्र शासित राज्य होगा लेकिन वहां पुडुचेरी की तरह विधानसभा नहीं होगी। और इसकी कमान उपराज्यपाल के हाथ में होगी।
- जम्मू कश्मीर के जनता के विशेषाधिकार खत्म हो जाएंगे। उनकी दोहरी नागरिकता खत्म हो जाएगी।साथ उनकी जमीन जायदाद अब कोई भी खरीद सकेगा।
जम्मू कश्मीर में लगा कर्फ्यू, महबूबा, उमर अब्दुल्ला, सज्जाद लोन नजरंबंद,
कल रविवार शाम फारुख अबुदुल्ला के घर पर कश्मीर की सर्वदलीय बैठक करने के बैठक में शामिल पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला, सज्जाद लोन समेत कई महत्वपूर्ण कश्मीरी नेताओं को उनरे घरों में नजरबंद कर दिया गया। इसके साथ ही पूरे जम्मू कश्मीर में कर्फ्यू लगा दिया गया। राजधानी श्रीनगर समेत कई जगहों पर धारा 144 लगा दी गई है। वहीं सूत्रों के हवाले से खबर है कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने हालात के मद्देनजर आपात बैठक बुलाई है जिसमें जम्मू और काश्मीर के डीजीपी भी मौजूद हैं। वहीं जम्मू में रैपिड एक्शन फोर्स के 30 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है।
मोबाइल सेवा और इंटरनेट बंद
जम्मू कश्मीर के एसडीएम रैंक के सभी डिस्ट्रिक्ट ऑफीसर्स को सैटेलाइट फोन दिए गए हैं। इसके अलावा सभी तरह की सेलुलर मोबाइल सेवाएं बंद कर दी गई हैं। पूरे प्रदेश में इंटरनेट सेवा भी रोक दी गई है, जम्मू की डिप्टी कमिश्नर सुषमा चौहान ने बताया कि जम्मू में इंटरनेट सेवा रोक दी गई है।
परीक्षाएं, इंटरव्यू, स्कूल कॉलेज स्थगित
जम्मू संभाग के सारे स्कूल कॉलेज अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। कश्मीर सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने सारी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने भी डोडा, श्रीनगर औऱ बारामूला जिलों में ड्राइवर पदों के लिए पूर्वनिर्धारित 7 अगस्त की तारीख को स्थगित कर दिया है। चीफ सेक्रेटरी जम्मू काश्मीर हाईकोर्ट द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी करके सूचना दी गई है।
वहीं रियासी जिले के डिप्टी कमिनर ने आदेश जारी करके कहा है कि जिले के सभी स्कूल कॉलेज अगले आदेश तक बंद रहेंगे।
कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय (CUK) और कश्मीर यूनिवर्सिटी (KU) में सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं।
मस्जिदों और होटलों के रिकार्ड इकट्ठे किए गए
इससे पहले 3 और 4 अगस्त को सेना और स्थानीय पुलिस ने जम्मू और कश्मीर के तमाम मस्जिदों से उनके रिकार्ड मांगे थे और होटलों में भी तलाशी अभियान चलाई गई थी।
कल सर्वदलीय बैठक में राज्य की स्वायत्तता बचाने के लिए एकजुट हुए थे सभी कश्मीरी दल
नज़रबंद किये जाने से पहले कल शाम तमाम आशंकाओं के बीच जम्मू कश्मीर में मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के नेताओं ने श्रीनगर में रविवार शाम कश्मीरी सर्वदलीय बैठक करके राज्य को प्राप्त विशेष दर्जे को बचाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता ज़ाहिर की थी। और सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव भी पास किया। प्रस्ताव में कहा गया है कि आर्टिकल 35ए, अनुच्छेद 370 और अन्य किसी भी तरह की असंवैधानिक कार्रवाई को जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों के प्रति आक्रामक रवैया माना जाएगा।
इस सर्वदलीय बैठक में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, पीपुल्स कांग्रेस के अध्यक्ष सज्जाद लोन, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और अन्य दलों के नेता मौजूद थे।
कश्मीरी दलों की सर्वदलीय बैठक के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने बैठक में पारित प्रस्ताव पढ़ते हुए कहा, ”सर्वसहमति से ये तय हुआ है कि सभी दल जम्मू कश्मीर और लद्दाख की स्वायत्ता और विशेष दर्जे को बचाने के लिए एकजुट रहेंगे।”
सभी राज्यों को किया गया अलर्ट, की 8000 अतिरिक्त जवानों को भेजा गया कश्मीर
संसद में बिल पेश होने के बाद जम्मू-कश्मीर के हालात बिगड़ने की आशंका के चलते सरकार ने सभी राज्यों को एलर्ट रहने की एडवायजरी जारी की है, इसके अलावा सरकार ने सी-7 विमानों के जरिए 8000 से अधिक अतिरिक्त जवानों को कश्मीर भेजा है।
Close to 8,000 paramilitary troops airlifted and moved in from Uttar Pradesh, Odisha, Assam and other parts of the country to the Kashmir valley. Troops induction still going on. pic.twitter.com/9y4P8RlBuT
— ANI (@ANI) August 5, 2019