
अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में इतवार की रात पुलिस द्वारा छात्रों पर किए गए बर्बर दमन के बीच एक वीडियो भाजपा के आइटी सेल के मुखिया अमित मालवीय और भाजपा के अन्य नेताओं ने वायरल किया जिसमें छात्रों को “हिंदुओं की कब्र खुदेगी…” का नारा लगाते हुए देखा जा रहा है। यह वीडियो संपादित और फर्जी है।
मूल वीडियो 12 दिसंबर का है जिसमें अलीगढ़ के छात्र कुछ और नारे लगा रहे हैं। पहले वह वीडियो देखें जो 12 दिसंबर को आया था। इसमें जो नारे लगे थे वे कुछ यूं थे− “हिंदुत्व की कब्र खुदेगी, AMU की छाती पर, सावरकर की कब्र खुदेगी, AMU की छाती पर, ये बीजेपी की कब्र खुदेगी, AMU की छाती पर, ब्राह्मणवाद की कब्र खुदेगी, AMU की छाती पर, ये जातिवाद की कब्र…।”
Are you listening;
All the way from AMU.
Long Live AMU#AMUrejectscab#CABBill2019#CitizenshipAmendmentBill pic.twitter.com/WN77Kwvcz9— پیر زادہ محبوب الحق (@psmh019) December 12, 2019
इस वीडियो को जूम इन कर के, इसके आँडियो में तब्दीली कर के इसे इतवार की रात फिर से भाजपा के लोगों द्वारा पोस्ट कर के वायरल करवाया गया। इसकी जांच आल्ट न्यूज़ ने तफ़सील से की है और इस बात की पुष्टि की है कि भाजपा की IT सेल के मुखिया अमित मालवीय, यूपी भाजपा के प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी, दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता तेजिंदर बग्गा आदि द्वारा डाला गया वीडियो फर्जी और संपादित है।
AMU students are chanting ‘हिंदुओ की कब्र खुदेगी, AMU की धरती पर…’
Chaps at Jamia want ‘हिंदुओं से आज़ादी…’
If this is the mindset that pervades in these ‘minority’ institutions, imagine the plight of Hindus and other minorities in Pakistan, Bangladesh and Afghanistan… pic.twitter.com/VRNeOyhaHY
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 15, 2019
आम तौर से भाजपा दफ्तर के भीतर की खबरें जारी करने वाले एक अपुष्ट लेकिन लोकप्रिय ट्विटर हैंडिल बीजेपी इनसाइडर ने काफी दिनों बाद सोमवार की सुबह एक ट्वीट कर के दिलचस्प जानकारी दी है कि नारेबाज़ी वाला एएमयू का यह वीडियो भाजपा के केंद्रीय दफ्तर में ही एडिट किया गया था। मीडियाविजिल हालांकि इसकी अपने स्रोतों से पुष्टि नहीं करता है।
Video posted by @amitmalviya edited at our office!
— BJP Insider (@11AshokaRoad) December 16, 2019
इतना तो तय है कि 12 दिसंबर और इतवार की रात जारी किए गए दोनों वीडियो का मिलान करने पर साफ़ पता चलता है कि भाजपा के आइटी सेल और अन्य नेताओं के जारी किए वीडियो एडिट किए हुए हैं। सवाल बस इतना है कि क्या ये वीडियो खुद भाजपा के दिल्ली स्थित केंद्रीय कार्यालय में छेड़े गए?