हांगकांग और चीन के बीच प्रस्तावित नये प्रत्यर्पण कानून के विरोध में रविवार 9 जून को लाखों लोग हांगकांग की सड़कों पर उतरे. समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार चीन समर्थक हांगकांग की नेता कैरी लैम ने सोमवार को साफ कर दिया कि प्रत्यर्पण कानून पर पीछे नहीं हटा जाएगा. इस विवादित कानून में आरोपितों और संदिग्धों को मुकदमा चलाने के लिए चीन में प्रत्यर्पित करने का प्रावधान है.
Hong Kong’s chief executive, Carrie Lam, said she had no intention of withdrawing contentious legislation that would allow extraditions to mainland China, despite hundreds of thousands of people demonstrating against it the day before https://t.co/RfD2CXS5bK
— The New York Times (@nytimes) June 10, 2019
विशेषज्ञों का कहना है कि इस कानून से हांगकांग के नागरिकों के मानवाधिकार और आज़ादी खतरे में पड़ जाएंगे.
ख़बरों के अनुसार बीते 15 वर्षों में हॉन्ग कॉन्ग शहर में यह सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन था. पुलिस के अनुसार 153,000 लोगों ने मार्च शुरू किया था किन्तु रास्ते में इतने लोग उस जुलूस में शामिल हो गये कि उनकी गिनती करना संभव नहीं था.
Huge protest crowds thronged Hong Kong on Sunday as anger swells over plans to allow extradition to China, a proposal that has sparked the biggest public backlash against the city's pro-Beijing leadership in yearshttps://t.co/w6cr5tAaEa pic.twitter.com/20dmaWmOse
— AFP News Agency (@AFP) June 9, 2019
इस रैली में युवाओं के साथ बुजुर्गों ने भी हिस्सा लिया. कई लोग अपने बच्चों के साथ रैली में शामिल हुए. रैली के दौरान कैरी के विरोध में भी नारे लगे और ‘लेट्स मेक हांगकांग ग्रेट अगेन’ लिखे पोस्टर भी लहराए गए.
इससे पहले 2003 में ऐसा विरोध प्रदर्शन हुआ था जब सरकार ने बेहद अलोकप्रिय राष्ट्रीय सुरक्षा कानून बनाया था.
रविवार को हुए लाखों लोगों के इस विरोध प्रदर्शन के बाद आलोचकों को इस बात का डर है कि अब चीन इस क्षेत्र में अपने राजनीतिक विरोधियों को निशाना बना सकता है. क्योंकि कैरी लैम ने साफ़ शब्दों में कह दिया है कि इस विरोध के बाद भी वह मुख्य भूमि चीन के साथ प्रस्तावित इस कानून को रद्द नहीं करेगी.
सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि कानून आवश्यक था और मानवाधिकार सुरक्षा कानून इसमें शामिल है. उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों की रक्षा के लिए कानून में पहले संशोधन किया गया है और कहा है कि यह हांगकांग की निर्वाचित विधान परिषद पर निर्भर है कि वह और बदलाव करे.
उधर चीनी सरकारी मीडिया का दावा है कि विरोध प्रदर्शन के पीछे “विदेशी ताकतों” का हाथ था.
Hong Kong protests: Chinese state media blames 'foreign forces' https://t.co/OJvSZocQ7L
— BBC News (World) (@BBCWorld) June 10, 2019
आयोजकों का अनुमान है कि रविवार के मार्च में दस लाख लोगों ने हिस्सा लिया था. अगर आयोजकों के अनुमान की पुष्टि सही है, तो यह 1997 में ब्रिटिश द्वारा चीन को सौंपने के बाद से हांगकांग में सबसे बड़ा प्रदर्शन होगा.
रविवार के विरोध प्रदर्शन के बाद, प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसा भड़क गई. जिसमें कम से कम तीन अधिकारी और एक पत्रकार घायल हो गए.
VIDEO: A huge peaceful protest in Hong Kong against controversial plans to allow extraditions to the Chinese mainland descended into violence as police fought running battles with small pockets of demonstrators pic.twitter.com/AMB8li3nXs
— AFP News Agency (@AFP) June 10, 2019
एएफपी समाचार एजेंसी ने विरोध के आयोजक नागरिक मानवाधिकार मोर्चा के जिमी शम के हवाले से कहा है कि बुधवार, 12 जून को जब इस विवादित बिल पर विधायकों द्वारा बहस की जाएगी उस दिन एक और विरोध प्रदर्शन रैली आयोजित की जाएगी. प्रेस वार्ता में उन्होंने और लोगों को इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए अपील करते हुए सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों से भी इस मुद्दे को उठाने का आह्वान किया.
जिमी शम ने कहा, मुझे यह समझ में नहीं आया कि सरकार हमें आरामदायक जीवन जीने देना क्यों नहीं चाहती है, लेकिन हमें चुनौती दे सकती है कि हम किस कीमत पर भुगतान कर सकते हैं.
LIVE: Organizers of Sunday’s mass protest in Hong Kong hold a news conference https://t.co/CD8zyNGQCR
— Reuters (@Reuters) June 10, 2019
विधायी परिषद की सदस्य और लोकतंत्र समर्थक क्लाउडिया मो ने कहा, ‘वह (कैरी लैम) वास्तव में हांगकांग को संकट की ओर धकेल रही हैं. एक अन्य सदस्य आइपी किन-यूएन ने कहा, ‘रविवार को इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने रैली निकाली थी, लेकिन सरकार मूक-बधिर और तानाशाह बन गई है.’
हांगकांग के राजनीतिक विश्लेषक डिक्शन सिंग ने लैम को आगाह करते हुए कहा, ‘अगर वह इस कानून को आगे बढ़ाती हैं तो उनके लिए यह आत्मघाती कदम हो सकता है’.
कैरी लैम का कहना है कि इस कानून में किसी भी तरह से स्वतंत्रता के अधिकार का हनन नहीं किया गया है.
इस विवादित प्रस्तावित कानून ने हांगकांग में एक नए जनांदोलन को हवा दी है. कानून के जानकार, वकील,पत्रकार और बार एसोसिएशनों का कहना है कि इस कानून पर पुनर्विचार होना चाहिए.
एक प्रदर्शनकारी टॉमी लो ने कहा, ‘अगर चीन मनमाने ढंग से कुछ लोगों को मुख्य भूभाग में प्रत्यर्पित करता है तो यह हांगकांग में यहां हमारे जीवन को ना केवल बर्बाद करेगा बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था को भी बर्बाद कर देगा क्योंकि कई लोग यह जगह छोड़ देंगे.’
इस नये कानून पर यूरोपीय संघ के कई देश चिंता जता चुके हैं.