आम चुनाव में कुछ अप्रत्याशित नतीजे सामने आने वाले हैं। कुछ बड़े नाम काल कवलित हो जाएंगे और कुछ बेहद नए और अराजनीतिक चेहरे संसद में दिखायी देंगे, तो कुछ पहली बार लड़ने वाले युवाओं की अकाल पराजय होगी।
इनमें सबसे ताज़ा चेहरे हैं पूर्वी दिल्ली से क्रिकेटर गौतम गंभीर जो 52 फीसदी वोट लेकर कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली से दोहरी बढ़त बनाए हुए हैं जबकि आम आदमी पार्टी की आतिशी मार्लेना इस सीट से तीसरे स्थान पर चल रही हैं।
इसी तरह नई दिल्ली से अजय माकन पीछे चल रहे हैं, उत्तर पश्चिमी दिल्ली से भाजपा के हंस राज हंस 62 फीसद वोट लेकर सबके मुकाबले काफी आगे चल रहे हैं और दिल्ली के लालू कहे जाने वाले महाबल मिश्रा पश्चिमी दिल्ली सीट पर भाजपा के परवेश साहिब सिंह वर्मा से बहुत पीछे चल रहे हैं।
दिल्ली में शीला दीक्षित उत्तर-पूर्वी सीट पर मनोज तिवारी से काफी पीछे चल रही हैं। आम आदमी पार्टी के दिलीप पांडे, राघव चड्ढा और पंकज गुप्ता अपने पहले ही चुनाव में भ्रूण हत्या का शिकार होने की स्थिति में हैं।
उत्तर प्रदेश में सबसे चौंकाने वाली स्थिति कांग्रेस के परंपरागत गढ़ अमेठी में है जहां स्मृति ईरानी के मुकाबले राहुल गांधी कोई पांच हजार वोट पीछे चल रहे हैं, हालांकि यह स्थिति उलट भी सकती है। फतेहपुर सीकरी में यूपी कांग्रेस के प्रभारी राजबब्बर भाजपा के राजकुमार चाहर से काफी पीछे चल रहे हैं। कानपुर में कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल भाजपा प्रत्याशी से पीछे चल रहे हैं। गठबंधन प्रत्याशी की स्थिति यहां बेहद नाजुक है। बनरस में कहने की बात नहीं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाकी दोनों अहम प्रत्याशियों से काफी बढ़त बना चुके हैं और जीत तय है।
यहां चौंकाने वाली बात यह है कि कांग्रेस के अजय राय जो दूसरे स्थान पर माने जा रहे थे वे तीसरे पर चल रहे हैं जबकि गठबंधन प्रत्याशी शालिनी यादव उनसे आगे हैं। इसी तरह चंदौली में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय गठबंधन प्रत्याशी संजय चौहान से आगे चल रहे हैं। भदोही में बाहुबली नेता रमाकांत यादव जो चुनाव से पहले कांग्रेस में आए थे, केवल साढ़े पांच हजार वोट लेकर फिलहाल बुरी तरह पीछे हैं। यहां भी भाजपा आगे है।
ग़ाज़ीपुर की सीट पर अपेक्षा के मुताबिक गठबंधन के अफ़ज़ाल अंसारी केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा से आगे चल रहे हैं। मनोज सिन्हा के हारने के कयास पहले से लगाए जा रहे थे। कुशीनगर से कांग्रेस के दिग्गज नेता आरपीएन सिंह भाजपा प्रत्याशी से बहुत पीछे हैं। फिरोज़ाबाद से शिवपाल सिंह यादव हार रहे हैं। आज़मगढ़ से अखिलेश यादव और कन्नौज से उनकी पत्नी डिम्पल यादव अपनी सीट बचा लेंगे।
बिहार में लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी की स्थिति बेहद नाजुक है। बिहार की स्टार सीट बेगूसराय में कन्हैया कुमार और तनवीर हसन के मुकाबले भाजपा के गिरिराज सिंह लंबी बढ़त बना चुके हैं, हालांकि कन्हैया दूसरे नंबर पर चल रहे हैं। आरा से भाजपा के आरके सिंह को सीपीआइ(एमएल) के राजू यादव से कड़ी टक्कर मिल रही थी अब आरके सिंह करीब पचास हजार वोट से आगे हो गए हैं।
पार्टियों की स्थिति पर बात करें तो बिहार में कुल 40 संसदीय सीटों पर केवल दो सीटों पर आरजेडी की बढ़त है। बाकी एनडीए 32 सीटों पर आगे है और छह सीटों पर रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति आगे है। उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा का वजूद खतरे में है।
मध्यप्रदेश के भोपाल में कांग्रेसी दिग्गज दिग्विजय सिंह आतंकवाद के आरोप में ज़मानत पर बाहर आकर भाजपा से चुनाव लड़ रही प्रज्ञा ठाकुर से पीछे चल रहे हैं।
दक्षिणी मुंबई से कांग्रेस के मिलिंद देवड़ा पीछे चल रहे हैं जिनके लिए मुकेश अंबानी ने प्रचार का संदेश जारी किया था।