राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में 40 दिन से रोज़ाना हो रही सुनवाई आज समाप्त हो गयी और अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया। इसके बाद संभावित तनाव के मद्देनज़र न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथाँरिटी (NBSA) ने एक एडवायज़री जारी करते हुए मीडिया को दिशानिर्देश दिया है कि वह अदालत के फैसले पर कोई अटकलबाज़ी न लगाये, बाबरी विध्वंस के फुटेज न चलाए, किसी भी तरह के उत्सव या जश्न का प्रसारण न करे और और चैनलों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोई भी अतिवादी विचार वे अपनी बहसों में प्रसारित न होने दें।
सुप्रीम कोर्ट की मैराथन सुनवाई नाटकीय तरीके से अपने अंजाम तक पहुंची। इस ज़मीन विवाद में सुन्नी वक्फ़ बोर्ड संभवतः अपना मुकदमा वापस ले सकता है। इसके अलावा मध्यस्थता पैनल ने अदालत में एक और रिपोर्ट दाखिल की है जिसके बारे में कोई जानकारी नहीं है कि उसमें क्या है।
कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। अगले तीन दिनों में सभी पक्षाें को राहत के लिए लिखित नोट दाखिल करने का वक्त दिया गया है। अपनी तय समय सीमा से घंटे भर पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनवाई पूरी कर ली।
Breaking: After a marathon hearing that went on for a record 40 days, the Supreme Court today reserves judgment in the Ayodhya matter.#AyodhyaHearing #AyodhyaCase pic.twitter.com/3TIVlHDTS6
— The Leaflet (@TheLeaflet_in) October 16, 2019
सुनवाई के दौरान एक नाटकीय घटनाक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने हिंदू महासभा के वकील द्वारा जमा कराये गये कागज़ात को फाड़ दिया और बिना माफी मांगे कहा कि उन्होंने जज के कहने पर यह किया है।
Day 40 of the hearing in the #Ayodhyacase begins with the #CJI making it clear that arguments will close at 5 pm today. "Enough is enough," says Justice Gogoi.#AyodhyaCase#BabriMasjid#RamMandir
— Utkarsh Anand (@utkarsh_aanand) October 16, 2019
इस बीच आखिरी दिन मीडिया की रिपोर्टों से सुन्नी वक्फ़ बोर्ड को लेकर काफी भ्रम फैला है। कुछ मीडिया संस्थानों ने सुनवाई के आखिरी दिन रिपोर्ट किया कि सुन्नी वक्फ़ बोर्ड अपना दावा वापस लेने को तैयार है। कुछ और जगहों पर इस रिपोर्ट का खंडन आया जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो गयी।