जेल में बंद गुरमीत राम रहीम को पैरोल के खिलाफ जन संगठनों और हरियाणा की जनता ने पूरे राज्य में भीषण विरोध प्रदर्शन की तैयारी की थी. इसमें कई संगठन लगे थे. सरकार डर गई और उसने अर्जी ही वापस करवा दी.
आम तौर से सोशल मीडिया पर यही प्रतिक्रिया देखी जा रही है कि अर्जी वापसी के फैसले से सरकार और राम रहीम की मिलीभगत सामने अाई है और सरकार ने जनता की प्रतिक्रिया के डर से अर्जी वापस करवाई है.
बलात्कार और हत्या के मामले में जेल में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह ने जबरदस्त विरोध के चलते आज अपनी पैरोल की याचिका वापस ले ली.
गुरमीत राम रहीम सिंह ने खेती-बाड़ी करने का बहाना देकर 42 दिनों की पैरोल याचिका मांगी थी. जैसे ही यह ख़बर जंगल की आग की तरह फैली, हर तरफ इसका विरोध और आलोचना होने लगी.
राम रहीम की अर्जी आने के बाद जेल अधीक्षक ने सिरसा जिला प्रशासन को पत्र लिखा था.राम रहीम सिंह इंसा द्वारा पैरोल के लिए लगाई गई अर्जी पर सीएम मनोहर लाल ने कहा था कि किसी भी कैदी के लिए पैरोल मांगना उसका हक है.
Haryana: Rape, murder convict Ram Rahim Singh withdraws parole plea after backlash https://t.co/np8etCCYbD
— India Resists (@India_Resists) July 2, 2019
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल ने चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि सरकार डेरा प्रमुख को पैरोल देती है तो वह हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे.
सीपीएम (पंजाब) राज्य सचिव सुखविंदर सिंह सेखों ने कहा था कि भाजपा सरकार ऐसे “कुख्यात अपराधी” को जिसे 2017 में हत्या और बलात्कार के विभिन्न आरोपों के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी उसे जमानत देकर आग से खेलने जा रही है. खट्टर सरकार द्वारा अपने संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए योजना बनाई जा रही है, यह पंजाब और हरियाणा में शांतिपूर्ण माहौल और कानून व्यवस्था के लिए बहुत हानिकारक साबित होगा.
वहीं स्वराज इंडिया के योगेन्द्र यादव ने भी इसकी आलोचना करते हुए बीजेपी और विपक्षी दलों की आलोचना की है.
Remember:
Govt was ready for parole.
BJP leaders supported it.
Big opposition didn't oppose.Swaraj India and some citizens openly opposed parole, threatened legal action.
So, citizens do make a difference, once in a while!
Thanks for your support. https://t.co/XTRf9F5n1O— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) July 2, 2019
गुरमीत राम रहीम को सीबीआई कोर्ट द्वारा 25 जुलाई 2017 को दो साध्वियों के साथ दुष्कर्म का दोषी करार दिया गया था. इसके अतिरिक्त सांध्य दैनिक ‘पूरा सच’ के संपादक रामचंद्र छत्रपति की हत्या मामले में भी सीबीआई कोर्ट ने डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह को दोषी करार दिया था. इसके अतिरिक्त डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के दो मामले कोर्ट में ट्रायल पर है. इनमें एक रणजीत सिंह हत्या का और दूसरा डेरा प्रेमियों को नपुंसक बनाने का है.
सुदेश कुमारी, प्रांतीय महासचिव, जन संघर्ष मंच हरियाणा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति :-
आज दिनांक 2 जुलाई 2019 को कुरुक्षेत्र में जन संघर्ष मंच हरियाणा की प्रांतीय महासचिव सुदेश कुमारी ने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए बताया कि दिनांक 30 जून 2019( रविवार) को जन संघर्ष मंच हरियाणा की गोहाना में आयोजित की गई एक विशेष मीटिंग में डेरा सच्चा सौदा के मुखिया बलात्कारी- कातिल व हार्डको्र अपराधी गुरमीत राम रहीम को पैरोल पर जेल से रिहा करने के लिए खट्टर सरकार द्वारा रची जा रही साजिश के खिलाफ मंच ने दिनांक 4 जुलाई 2019 को प्रदेश के अनेक जिला मुख्यालयों पर विरोध – प्रदर्शन आयोजित किए जाने और मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार को जिला प्रशासन के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित करने का फैसला लिया था जिसके लिए सभी जगह पुरजोर तैयारी चल रही थी कि समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी मिली कि चौतरफा दबाव के चलते घृणित अपराधी डेरा मुखी ने पैरोल की अपनी अर्जी वापिस ले ली है ।
ऐसी स्थिति में जन संघर्ष मंच हरियाणा ने 4 जुलाई को किये जाने वाले विरोध प्रदर्शन धरना व मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार को ज्ञापन प्रेषित करने का फैसला फिलहाल वापिस ले लिया है। सुदेश कुमारी ने कहा कि अगर दोबारा भाजपा सरकार ने इस तरह की साजिश रचने की कोशिश की तो मंच इसका कड़ा प्रतिवाद करेगा,मुहतोड़ जवाब देगा और पूरे प्रदेश में बड़ा आंदोलन चलाने के लिए विवश होगा। इस मौके पर उनके साथ मंच के नेता डा.लहना सिंह , चन्द्र रेखा,कुमारी ऊषा ,नरेश बारणा, करनैल सिंह,संसार चन्द्र मौजूद रहे।