यह अंतर्राष्ट्रीय बाल अधिकार समझौते का 30वां वर्ष है. 20 नवम्बर 1989 को संयुक्त राष्ट्र की आम सभा द्वारा “बाल अधिकार समझौते” को पारित किया गया था. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकारों पर अब…
इस समय देश के दो केंद्रीय विश्वविद्यालयों में छात्रों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है। दोनों ही विरोध प्रदर्शन अपने चरित्र, वैचारिकी और कार्य-कारण संबंधों में एक दूसरे के परस्पर उलट और विरोधी…
आप हमें बताइये कि ‘सस्ती शिक्षा सबका अधिकार’, यह नारा लगा रहे जेएनयू के छात्र ऐसा कौन सा गुनाह कर रहे हैं जो सरकार उन पर लगातार लाठी डंडे की बरसात कर रही…
भारत की राजनीति और सामाजिक ताने-बाने को घुन की तरह चाट रहे अयोध्या के बाबरी मस्जिद-राम मंदिर विवाद में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला तो दे दिया, लेकिन वह न्याय नहीं कर…
नितिन सेठी / Newslaundry Hindi 2017 का बजट पेश होने से सिर्फ चार दिन पहले, शनिवार के दिन एक वरिष्ठ टैक्स अधिकारी को वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश किए जाने वाले दस्तावेज…
जेएनयू प्रशासन मुर्दाबाद! मामिडाला मार ही डाला! संघी वीसी गो बैक! मामिडाला चोर है! बोल रे साथी हल्ला बोल, मामिडाला पर चढ़के बोल! हम अपना अधिकार मांगते, नहीं किसी से भीख मांगते!!! ये…
जाति मूलतः और अंततः स्त्री विरोधी होती है। जाति के तत्व में भेदभाव, हिंसा, वर्चस्व की भावना, स्त्री-विरोध आदि शामिल है। वहां अक्सर संगठन, संस्कार, संस्कृति, देश बचाने की बात कही जाती है।…
9 नवम्बर 2019 को बाबरी मस्जिद-राम मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। सरल लोगों की उम्मीद के विपरीत जो यह समझते थे कि राजनीतिक राम का विवाद समाप्त हुआ,…
जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) में प्रशासन द्वारा प्रस्तावित फीस बढ़ोतरी और अन्य नियमों के विरुद्ध छात्रों के आंदोलन के बीच 14 नवंबर को एक नया विवाद खड़ा करने की कोशिश हुई। जेएनयू प्रशासनिक…
इस देश में कोई नेता मरता है तो हम तुरंत गूगल कर के उसके किए काम और पद देखते हैं। कोई लेखक मरता है तो हम तुरंत उसकी लिखी किताबों के नाम खोजते…
कल 13 नवम्बर 2019 को अमर उजाला में वरिष्ठ साहित्यकार सुधीश पचौरी का लेख आया हुआ था। सुधीश पचौरी की पहचान वरिष्ठ साहित्यकार के रूप में की गयी है। लेख में वे अयोध्या…
भंवर मेघवंशी मैं किसी दलित स्त्री को राम की पुजारिन बनाने और पिछड़े वर्ग की मेहनतकश कौम को दान दक्षिणा मांगते देखने की किसी भी मुहिम से खुद को सहमत नहीं पाता ,क्योंकि…
भारतीय राजनीति के घोर अधःपतन का घिनौना रुप किसी को देखना हो तो वह आजकल के महाराष्ट्र को देखे। जो लोग अपने आप को नेता कहते हैं, वे क्या हैं ? वे सिर्फ…
सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों द्वारा अयोध्या के ज़मीन विवाद के मुकदमे में ‘सर्वसम्मति’ से दिये गये फैसले पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, लेकिन सही-गलत से आगे भी कुछ सवाल हैं…
द टेलीग्राफ (The Telegraph) ने आज सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कलीस्वरम राज की राय छापी है – “सुप्रीम कोर्ट ने जिन कार्रवाइयों को अवैध पाया उनके सम्मान की विडंबना”। अखबार के लिए…
अयोध्या मामले में फैसले पर न्यायमूर्ति गांगुली ने संविधान से पहले के सवाल उठाए, कहा, “संविधान के एक छात्र के रूप में मेरे लिए इसे स्वीकार करना थोड़ा मुश्किल है”। अंग्रेजी दैनिक द…
“इस महाविराट ब्रम्हांड के परिदृश्य में हमारी पृथ्वी लगभग कुछ भी नहीं है. ज़रा सोचिये, आज तक कितने सम्राटों और सेनापतियों ने खून की नदियाँ बहाईं ताकि वे इसी बिंदु के एक छोटे…
‘न खाऊँगा न खाने की दूँगा’ की बात करने वालों की यह असलियत यदि आप पढ़ लेंगे तो समझ जाएँगे कि यह बात करने वालो का दावा कितना बड़ा झूठ था, बशर्ते आप…
पर्यावरण को लेकर दुनिया को अब गंभीर रूप से कदम उठाने की जरुरत है. दुनिया भर के 11,000 से अधिक विशेषज्ञों ने आपातकालीन चेतावनी दी है. 153 देशों के 11 हजार से अधिक…
सात साल लंबे विचार-विमर्श के बाद ऐन अंतिम फैसले के वक्त क्षेत्रीय समग्र आर्थिक भागीदारी (आरसेप) से अपने को अलग करके भारत ने अपना नुकसान किया है या फायदा, इसका अंदाजा कुछ समय…
जो काम पहले नरेन्द्र मोदी अमित-शाह की सरकार विपक्षी नेताओं के साथ करती थी वही काम अब देश के नौकरशाहों के साथ करने लगी है। आज इंडियन एक्सप्रेस अखबार में रितु सरीन की…
भारत को आज़ाद हुए 72 वर्ष हो चुके हैं, किंतु कुछ समाज ऐसे भी हैं जो आज भी अपनी आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं और उनकी ये लड़ाई आज़ादी की लड़ाई से…
अक्सर EVM के समर्थन में लोग यह तर्क देते हैं कि EVM तो इंटरनेट से कनेक्ट होती ही नही है इसलिए EVM को हैक होने या उसमे छेड़छाड़ होने के बात बिल्कुल बेबुनियाद…
कश्मीर को बाकी दुनिया से कटे हुए दो महीने से अधिक हो गए हैं और कुछ निश्चित नहीं है कि आगे क्या होने वाला है। कोई साधन न होने के कारण पूर्ववती जम्मू…
1930 की वैश्विक महामंदी का अमेरिकी जनता पर इतना मनोवैज्ञानिक असर पड़ा कि वहां के लोगों ने अपने खर्चो में दस फीसदी तक की कमी कर दी जिससे मांग प्रभावित हुई’. क्या ठीक…