हिंदी चैनलों ने हिंदी भाषा के साथ जैसा खिलवाड़ किया है, उसकी मिसाल मिलना मुश्किल है। मसला चैनल के पर्दे पर नज़र आने वाली लिखावट में वर्तनीदोष का हो या भ्रष्ट उच्चारण वाले…
बीकानेर में दलित छात्रा डेल्टा मेघवाल की संदिग्ध मौत के ख़िलाफ़ बंगलुरु तक में धरना-प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन बालिका वधू की आनंदी की ख़ुदकुशी पर आकाश-पाताल एक कर देने वाले कथित मुख्धारा…
छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता की चुनौतियों का पता लगाने के लिए 13 से 15 मार्च के बीच एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया की जो फैक्ट फाइंडिंग टीम वहां गई थी, उसकी रिपोर्ट में कुछ ऐसी…
“छत्तीसगढ़ में पत्रकारों पर बढ़ते हमलों और माओवादियों से संबंध का आरोप लगाकर उनकी गिरफ्तारी को लेकर `एडिटर्स गिल्ड’ ने गहरी चिन्ता जताई है। `एडिटर्स गिल्ड’ की जांच टीम ने छत्तीसगढ़ के जगदलपुर,…
( द वाशिंगटन पोस्ट में यह लेख 16 मार्च को प्रकाशित हुआ था। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पत्रकारों पर हो रहे अभूतपूर्व हमलों की पड़ताल करते इस लेख का अनुवाद युवा पत्रकार शाहनवाज़…
देश का सबसे बड़ा अख़बार ”टाइम्स ऑफ इंडिया” छाती ठोंककर पहले पन्ने पर झूठ छापता है। 16 मार्च को छपा अख़बार इसी की एक बानगी है। अख़बार की लीड ख़बर जेएनयू में हुए…
आयुष मंत्रालय द्वारा एक ‘नीति’ के तहत मुस्लिमों को योग प्रशिक्षक न नियुक्त करने संबंधी खबर कर के चर्चा में आए पत्रकार पुष्प शर्मा से सरकार को क्या दिक्कत है? क्या इस खबर के…
पत्रकारिता में आने वाले छात्र-छात्राओं में से 55.76 फीसदी छात्र अपने स्कूल के समय में डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, प्रबंधक, राजनीतिज्ञ, वकील, शिक्षक या उद्योगपति बनना चाहते थे लेकिन उनकी आकांक्षाएं पूरी नहीं हो…
किसी ने कहा था कि सच जब तक घर से चलता है तब तक झूठ दुनिया का चक्कर लगा कर आ चुका होता है. प्रोपगंडा के इस दौर में इसीलिए सही ख़बरों का…
अरसे बाद भारत के शिक्षा परिसरों में ऐसी अंगड़ाई दिख रही है जिसका रिश्ता नवजागरण से बनता है। रोहित वेमुला की ख़ुदकुशी और इसके ज़रिये सामने आये शोषण की दिल दहला देने वाली…
क्या आप अपने घर में अखबार की रद्दी रखते हैं? सारे न्यूज चैनल, अखबार लगातार निगेटिव रिपोर्टिंग करके या खबरों की अनदेखी करके भी रोहित वेमुला मुद्दे को दबा क्यों नहीं पाए? ….…