चुनाव चर्चा: ‘रागा’ की बाजीगरी और भाजपा की जादूगरी में झूलता मध्य प्रदेश



चंद्र प्रकाश झा 


ध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव के लिए मतदान 28 नवंबर 2018 को होगा। मतदान,  इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) से होगा।  मतगणना उन्हीं ईवीएम से 11 दिसंबर को देश के अन्य जगहों पर कराये जा रहे चुनाव एवं उपचुनावों की काउंटिंग के साथ होगी।

मध्य प्रदेश की सत्ता पर भारतीय जनता पार्टी पिछले लगातार 15 बरस से काबिज है। मध्य प्रदेश का ही हिस्सा रहे और वर्ष 2000 को पृथक प्रदेश बने छत्तीसगढ़ में साथ ही चुनाव हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भी भाजपा 15 बरस से सत्ता में है। इनके अलावा मिजोरम, तेलंगाना और राजस्थान विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। साथ ही मौजूदा लोकसभा के कर्नाटक में पसरे तीन निर्वाचन क्षेत्रों , मांड्या,   शिमोगा और बेलारी ( सुरक्षित ) में उपचुनाव हो रहे हैं। कर्नाटक में एक विधान सभा सीट पर भी उपचुनाव हो रहा है। सभी के चुनाव परिणाम 11 दिसंबर को  मिल जाने की संभावना है। राजस्थान में भी भाजपा की ही सरकार है। मिजोरम में कांग्रेस की और तेलंगाना में क्षेत्रीय दल, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की सरकार है। कर्नाटक में पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी.देवेगौड़ा के जनता दल -सेक्युलर, कांग्रेस और अन्य की इसी बरस विधान सभा चुनाव के बाद की परिस्थितियों में बने गठबंधन की सरकार है।  तेलंगाना में निर्धारित समय से कई माह पहले चुनाव कराये जा रहे हैं।

मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल  231 सीटें हैं। एक मनोनीत सीट है। भाजपा ने  2013 के पिछले चुनाव में 165 सीटें जीती थी। कांग्रेस को 58 , बसपा को 04 और अन्य को 03 सीटें मिली थीं। प्रदेश से 40 सांसद हैं , जिनमें से 11 राज्य सभा के और 29 लोक सभा के हैं।

राज्य की सीमाएं छत्तीसगढ़ के अलावा उत्तर प्रदेश,  महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान से लगती है। इसे यूँ ही नहीं, भारत का ह्रदय प्रदेश कहते हैं। एक नवम्बर 2000 को छत्तीसगढ़ के गठन के पहले भारत का सबसे बड़ा मध्य प्रदेश ही था। इसे पहले ‘सेंट्रल प्रोविंस’ कहते थे और इसकी राजधानी नागपुर थी। 1956 में राज्यों के पुनर्गठन के बाद मराठी–भाषी नागपुर समेत विदर्भ के क्षेत्र तत्कालीन बॉम्बे प्रांत के हिस्से हो गए, जिसको बाद में गुजरात और महाराष्ट्र प्रांत में विभक्त कर दिया गया। मध्य प्रदेश में अभी 52 जिले और 10 संभाग हैं। अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लोग अलग-अलग जिलों में राज्य की कुल आबादी के 30 से लेकर 50 प्रतिशत तक हैं। आदिवासियों की आबादी 2011 में करीब 21 प्रतिशत थी। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी ) 2013-14 में ₹ 4,509 अरब रूपये था। प्रति व्यक्ति आमदनी देश में छठीं सबसे कम के स्तर पर थी। मध्य प्रदेश की  जनसंख्या 2011 में करीब साढ़े सात करोड़ थी। इनमें से अभी करीब पांच करोड़ वोटर हैं। वोटिंग के लिए इस बार 65341 सेंटर बनाये जाएंगे।

प्रदेश में अभी गुजरात की पूर्व मुख्य मंत्री आनंदी बेन पटेल, राज्यपाल है। वही राज्य विधानसभा चुनाव के लिए दो नवम्बर को अधिसूचना जारी करेंगी। अधिसूचना जारी होने के दिन से चुनाव प्रत्याशियों के नामांकन पत्र दाखिल करने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। नामांकन के लिए भाजपा,  कांग्रेस आदि के सभी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा के बाद ही चुनावी मुकाबले की साफ तस्वीर उभर सकेगी। राज्य विधायिका का एक ही सदन है। मौजूदा विधान भवन, प्रख्यात वास्तुकार चार्ल्स कोरिया के डिजाइन के आधार पर 1967 में निर्मित हुआ था।

 

सर्वे

एबीपी न्यूज -सी वोटर्स के सर्वे के अनुसार मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव में सबसे ज्यादा 119 सीटें कांग्रेस के खाते में जा सकती हैं। यह संख्या स्पष्ट बहुमत से तीन सीटें ज्यादा है। सर्वे के मुताबिक़ भाजपा की 105 सीटों पर ही जीत संभावित है। अन्य के खाते में 6 सीटें जा सकती है। कांग्रेस को 43 प्रतिशत, भाजपा का 42 और अन्य का 15 फीसदी वोट शेयर रहने का अनुमान है। सर्वे में राज्य में लोकप्रियता के हिसाब से सर्वाधिक 61 प्रतिशत  मत मुख्यमंत्री चौहान को हासिल बताया गया है। कांग्रेस नेताओं में से ज्योतिरादित्य सिंधिया को 17 प्रतिशत, कमल नाथ को 6 प्रतिशत और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को 5 प्रतिशत मत प्राप्त होने की बात कही गई है।

 

मुद्देशिवराज शासन – व्यापामं घोटाला

भाजपा के शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश में 13 बरस से मुख्यमंत्री  पद पर विराजमान हैं। वह 29 नवम्बर 2005 को भाजपा के ही बाबू लाल गौड़ की जगह राज्य के 17 वें मुख्य मंत्री बने थे। बताया जाता है कि शिवराज 1972 में 13 वर्ष की अल्पायु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य बन गए थे।  भाजपा अगर यह चुनाव जीत लेती है तो उन्ही के फिर मुख्यमंत्री बनने की संभावना है। वह 5 मार्च 1959 को पैदा हुए थे और पहली बार 1990 में सीहोर जिला की बुढ़नी विधान सभा सीट से निर्वाचित हुए थे। वह 2003  के विधानसभा चुनाव में राघोगढ़ सीट पर कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से हार गए थे। शिवराज जी के बुढ़नी सीट से ही विधान सभा चुनाव लड़ने की पूरी संभावना है। भोपाल के बरकतुल्ला विश्विद्यालय से दर्शन शास्त्र में एम. ए. की शिक्षा प्राप्त शिवराज जी विदिशा से 1991 से पांच बार लोकसभा सदस्य रहे हैं। उनका विवाह साधना सिंह से हुआ और दो पुत्र हैं, कार्तिकेय और कुणाल।

शिवराज पर ही नहीं उनकी पत्नी, पुत्र और पत्नी के भाई  संजय सिंह मसानी  पर भी भ्रष्टाचार के आरोप रहे हैं। वर्ष  2007 में कांग्रेस नेता एवं  वकील रमेश साहू की शिकायत पर भोपाल की एक अदालत ने चर्चित डम्पर घोटाला में शिवराज और उनकी पत्नी साधना सिंह के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। आरोप था कि साधना सिंह ने एक सीमेंट फैक्ट्री को पट्टे पर देने के लिए दो करोड़रूपये के डम्पर की खरीद में अपना आवासीय पता और पति का नाम गलत दिया। लोकायुक्त पुलिस ने जांच की। बाद में  2011 में अदालत को सौंपी गई लोकायुक्त की रिपोर्ट में शिवराज और उनकी पत्नी को क्लीन चिट मिल गई।

बहरहाल, भष्टाचार के आरोपों ने शिवराज का पीछा नहीं छोड़ा। 30 नवम्बर 2013 को उनका नाम बहुचर्चित मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ( एमपीपीईबी) घोटाला में उभरा , जिसे व्यापामं घोटाला भी कहते हैं। मध्यप्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल की तहकीकात में यह पाया गया कि मध्य प्रदेश की राजकीय सेवाओं की नौकरियों में भर्ती के लिए चयन परिक्षण में व्यापमं अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की। इस घोटाला से सम्बंधित 40 व्यक्तिओं की रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु होने की आधिकारिक पुष्टि की जा चुकी है। गैर-सरकारी आंकड़ों के अनुसार पुलिस हिरासत से लेकर अजीबोगरीब सड़क दुर्घटनाओं में ऐसे मरने वालों की संख्या सौ से अधिक है। घोटाले में राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकान्त शर्मा और करीब सौ अन्य राजनीतिज्ञों समेत दो हज़ार से अधिक लोगों को गिरफ़्तार किया गया। उनमें से कोई भी अदालत में दोषसिद्ध नहीं हो सका। अधिकतर की रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। इसको लेकर देशभर में उठी चिंताओं के बाद जुलाई 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने व्यापाम घोटाला की जांच केंद्रीय गुप्तचर ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के आदेश दिए।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को इंदौर में चुनावी भाषणों में ‘  पनामापेपर्स’  और व्‍यापम घोटाला का जिक्र कर  शिवराज जी और उनके पुत्र कार्तिकेय पर भी निशाना साधा। इस पर भड़के शिवराज जी ने कहा है कि वह कांग्रेस अध्‍यक्ष के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दाखिल करेंगे।  उन्होंने  ट्वीट किया, ‘ पिछले कई वर्षों से कांग्रेस मेरे और मेरे परिवार के ऊपर अनर्गल आरोप लगा रही है। हम सबका सम्मान करते हुए मर्यादा रखते हैं, लेकिन आज तो राहुल गांधी ने मेरे बेटे कार्तिकेय का नाम पनामापेपर्स में आया है, यह कहकर, सारी हदें पार कर दी। हम उन पर आपराधिक मानहानि का केस करने जा रहे हैं।’ (बाद में राहुल गाँधी ने सफ़ाई दी है कि उन्हें कन्फ्यूज़न हो गया था। पनामा पेपर्स में नाम छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे का है।)

 

भाजपा

अटकलें हैं कि भाजपा ने पिछले चुनाव के अपने उम्मीदवारों में से अधिकतर को बदलने की ठानी है। भाजपा चुनाव अभियान समिति के संयोजक एवं  केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर,  मुख्यमंत्री चौहान और भाजपा प्रदेश  अध्यक्ष राकेश सिंह के भोपाल आवास और भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर पार्टी टिकट के दावेदारों का तांता लगे रहने की खबर है। भाजपा ने किसी के साथ चुनावी गठबंधन नहीं किया है। चुनावी प्रचार में भाजपा की तरफ से  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी तक नहीं उतरे हैं। शिवराज की चुनाव से पूर्व प्रचार के लिए 14 जुलाई 2018 को उज्जैन से एक रथनुमा बस पर निकाली ‘जन आशीर्वाद यात्रा ‘ को सभी 230 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों से गुजरना था। इस यात्रा को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने हरी झंडी देकर रवाना किया था। यह यात्रा  187 निर्वाचन क्षेत्रों तक ही पहुंची थी कि बंद कर दी गई।

 

राहुल गांधी  प्रचार

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का चुनाव प्रचार के लिए राज्य में लगातार आने से सरगर्मी बढ़ी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ, पार्टी के प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष एवं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया , विधान सभा में विपक्ष के नेता एवं दिवंगत पूर्व मुख्य मंत्री अर्जुन सिंह के पुत्र अजय सिंह, पार्टी के केंद्रीय प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह आदि नेता प्रत्याशियों की चयन प्रक्रिया के अंतिम चरण के सिलसिले में दिल्ली में व्यस्त बताये जाते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 29 अक्टूबर को उज्जैन में चुनावी रैली में कहा कि फ्रांस से राफेल युद्धक विमान खरीद मामले में प्रधानमंत्री मोदी ने 30,000 करोड़ रुपये अपने ‘ दोस्त अनिल अंबानी की जेब ‘ में डाले। मोदी जी ने सरकारी कम्पनी हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से कॉन्ट्रैक्ट छीन कर अनिल अंबानी की कंपनी को दे दिया, जिसके पास विमान बनाने का कोई अनुभव नहीं है। राफेल की जांच जब सीबीआई करने लगी तो आधी रात को प्रधानमंत्री मोदी ने सीबीआई डायरेक्टर को बदल डाला। राहुल गांधी ने पूरी आक्रामकता में रैली में प्रधानमंत्री मोदी को इंगित करते हुए ‘ चौकीदार चोर है ‘ के नारे भी लगवाए। कांग्रेस अध्यक्ष का कहना था कि प्रधानमंत्री  मोदी विदेश फरार हुए मेहुल चोकसी, विजय माल्या और नीरव मोदी को भाई कहते हैं। मोदी सरकार ने अमीरों का 3.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया। लेकिन गरीबों के लिए कुछ नहीं किया। विजय माल्या देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिला,  मेहुल चोकसी ने जेटली जी की बेटी के बैंक खाता में धन जमा करवाए। भाजपा और ‘संघ वाले’ देश के गरीबों की जेब से पैसा निकाल कर अमीरों को दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को तबाह कर दिया है। पूर्व सैनिकों की ‘ एक रैंक-एक पेंशन’ की मांग पर प्रधानमंत्री मोदी झूठ बोलते हैं। उन्होंने कटाक्ष किया , ‘ अगर आप पकौड़े तलोगे, तो भी बीजेपी वाले आपके पैसे ले जाएंगे। ये लोग आपका तेल और पकोड़े दोनों ही ले जाएंगे।’

 

तिलक-टीका

राहुल गांधी माथे पर तिलक-टीका लगाए हुए दिखे, जो उन्हें इस रैली से पहले उज्जैन के महाकाल मंदिर में उनकी पूजा के दौरान लगाया गया था। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा वाले धर्म की बात करते हैं, लेकिन उनका धर्म ही भ्रष्टाचार है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में अगर नई सरकार कांग्रेस की बनती है तो वह 10 दिन में किसानों के कर्ज माफ कर देगी, वरना 11वें दिन ही पार्टी का दूसरा मुख्यमंत्री होगा जो कर्ज माफ करेगा। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री चौहान जहां भी जाते हैं, घोषणा पर घोषणा करते हैं। उन्होंने 20,000 घोषणाएं की हैं। भाजपा सरकार ने राज्य के किसानों पर गोली चलाकर उन्हें जेल में डाल दिया। सरकार ने शिप्रा नदी की सफाई के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर डाले। पर उसका पानी पीने लायक नहीं है. अगर किसी मंत्री को पानी पिला दिया, तो मंत्री ही बेहोश हो जाएगा। उज्जैन की रैली से कुछ दिन पहले  राहुल गांधी ने मुरैना की भी चुनावी सभा में मोदी सरकार पर तीखे प्रहार किये। उन्होंने कहा कि देश में कांग्रेस-राज में आई हरित क्रांति ने किसानों को मजबूत किया और अधिकार दिया। उन्होंने कहा ,” हम भूमि अधिग्रहण क़ानून लाये और कहा कि किसान-पंचायत से पूछकर जमीन ली जायेगी, जिसकी कीमत बाज़ार भाव से चार गुना होगी। पर 2014 में मोदी सरकार बनते ही उस भूमि अधिग्रहण क़ानून को खत्म करने के प्रयास शुरू हो गए।’ उन्होंने नोटबंदी, जीएसटी, राफेल और नीरव मोदी आदि कई मुद्दों पर भी मोदी सरकार पर तीखे आरोप लगाए। राहुल गांधी ने सोमवार और आज मँगलवार भी भाजपा के गढ़ माने जाने वाले मालवा-निमाड़ क्षेत्र के इंदौर में रोड शो किया तथा झाबुआ, खरगोन, धार, मऊ में चुनावी सभाएं कीं।

भाजपा ने राहुल गांधी पर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल उज्जैन के महाकाल मंदिर जाकर पूजन अर्चन कर नरम हिंदुत्व कार्ड खेलने का आरोप लगाया है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने इसे ‘ फैंसी ड्रेस हिंदुत्व’  कहा है। भाजपा ने राहुल गांधी से कांग्रेस नेता शशि थरूर के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की है जिन्होंने आरएसएस के एक अनाम नेता के अर्से पहले के इस कथन को हवा दी है कि प्रधान मंत्री शिवलिंग पर ऐसा बिच्छू हैं जिन्हे चप्पल मार कर हटाया नहीं जा सकता है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने कहा कि कांग्रेस भाजपा पर धर्म -आधारित राजनीति करने का मिथ्या आरोप लगाती रही है लेकिन सच यह है कि खुद राहुल गांधी ऐसा कर रहे हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस ने उन्हें पिछले वर्ष गुजरात विधान सभा चुनाव के दौरान ही राहुल को ‘ शिव भक्त ‘ कहना शुरू कर दिया था।

 

बसपा

पहले चर्चा थी कि मध्य प्रदेश विधान सभा के इस बार के चुनाव में कांग्रेस, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्य मंत्री मायावती की अध्यक्षता वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से गठबंधन कर सकती है। बाद में मायावती ने घोषणा कर दी कि बसपा कांग्रेस से कोई गठबंधन नहीं करेगी। बसपा ने कहा कि वह राज्य में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के साथ गठबंधन करेगी। बसपा ने अबतक अपने 72 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। पार्टी अध्यक्ष मायावती के अनुमोदन के बाद ग्वालियर-चंबल संभाग, रीवा संभाग, बैतूल, महाकौशल की कुछ सीटों और भोपाल की बैरसिया सीट के लिए उम्मीदवारों के नाम जारी किए गए हैं।

 

सपा

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के अनुसार उनकी पार्टी मध्य प्रदेश में पहले से ही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ गठबंधन कर चुकी है। वह बसपा के साथ गठबंधन करने बातचीत कर  रही है। तीनों पार्टियों का शीर्ष नेतृत्व गठबंधन को अंतिम रूप देने का फैसला करेगा। सपा 10 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। वह कुल करीब  30 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा कर सकती है।

 

जयस

‘अबकी बार आदिवासी सरकार ’के नए नारा के साथ चुनावी मैदान में उतर रहे  जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) की कांग्रेस से गठबंधन की बातचीत चल रही है। इसके संरक्षक डॉ. हीरालाल के अनुसार उनकी पार्टी प्रस्तावित गठबंधन के तहत 40 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े कर सकती है। उन्होंने कहा ,’   हम भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहते हैं।’ हीरालाल खुद भी चुनाव लड़ना चाहते हैं। खबर है कि गठबंधन के बारे में अंतिम निर्णय राहुल गांधी ही करेंगे। कांग्रेस, जयस को 15 से अधिक सीट नहीं देना चाहती। गठबंधन न होने पर जयस के 80 उम्मीदवार चुनाव मैदान में निर्दलीय उतर सकते हैं। इस पार्टी का निर्वाचन आयोग से पंजीकरण अभी नहीं हुआ है।

 

जादूगर

इस बार चुनाव जीतने के लिए  भाजपा कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहती है। वह वोटरों को रिझाने जादूगरों की भी मदद लेने की तैयारी कर रही है। भाजपा यह प्रयोग पहली बार करेगी। भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल के अनुसार  मैजिक शो का आयोजन ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में किया जाएगा। इसका  उद्देश्य मतदाताओं को भाजपा सरकार की उपलब्धियों से अवगत कराना है।

 



(मीडियाविजिल के लिए यह विशेष श्रृंखला वरिष्ठ पत्रकार चंद्र प्रकाश झा लिख रहे हैं, जिन्हें मीडिया हल्कों में सिर्फ ‘सी.पी’ कहते हैं। सीपी को 12 राज्यों से चुनावी खबरें, रिपोर्ट, विश्लेषण, फोटो आदि देने का 40 बरस का लम्बा अनुभव है।)