दास मलूका
शाखा बाबू आसन्न युद्ध की खुशी से झूम रहे थे।
आखिरकार पाकिस्तान पर अटैक की उनकी भविष्यवाणी मोदी ने सच साबित कर दिखाई। याद करिए पिछला एपीसोड जब दास मलूका ने आपको पुलवामा हमले के बाद भगवती चाट भंडार का आंखो देखा हाल बताया था।
कट टू दि फ्लैश बैक-
एक चैनल पर टीवी की एंकर रिपोर्टर से सवाल करते-करते रो पड़ी। रिपोर्टर रिपोर्ट देने से पहले एंकर को सांत्वना देने लगा। एंकर ने आंखें पोछीं और भर्राए गले से एंकरिंग फिर चालू।
दुकान में मौजूद हर शख्स थोड़ी देर के लिए सन्न ! फिर ‘कॉमन मिनिमम’ राय बनी
“पाकिस्तनवा पर एक बेर फेर अटैक ज़रूरी है, मानिए चाहे मत मानिए”
इस राय के बीच शाम की जलेबी लेने आए शाखा बाबू की अकेली आवाज़ सुनाई पड़ी।
“मोदिए करेगा, मानिए चाहे मत मानिए”
बैक टू शाखा बाबू अगेन
गोसाईं बाबा के चैनल पर चीत्कार करती पहली खबर के साथ ही जो शाखा बाबू एक बार टीवी से चपके तो चपके ही रह गए। शाम की शाखा तक नहीं गए।
बधाई देने वाले खुद चल घर आए, शाखा बाबू छाती फुलाकर बोले-
“कहे थे न ssss, मोदिए करेगा, मानिए चाहे न मानिए….बताइए, दो हजार किलो का पेलोड बमे पेल दिया, एक्के बार में 300 खलास”
अगले ने हें हें- हें हें करते पूछा “पेलोड बम…ई का होता है महराज, ई कब बना ?”
“अरे जो सत्तर साल में जो नहीं हुआ, मोदिया सब कर रहा है…एटम बम बना के का उखड़ा, काम तो पेलोडवे न आया” चिढ़े से शाखा बाबू ने कुछ इतरा कर जवाब दिया।
शाखा बाबू की मोदी-मोहब्बत से पूरा मुहल्ला वाक़िफ़ है। इस मोहब्बत का उनके सामने एहतराम भी सबको है, कुछ उमर का लिहाज भी होगा। मगर एक नहीं है तो उनकी पतोहू को।
“मार मुंहझौंसा जबसे आया है मन भर सीरियलो देखे को तरस गए हैं, बेर-सबेर बोले लगता है, आ बुढऊ लगते हैं रिमोट पेरने, इ नहीं कि एक ठो टीबिए इनको दे देता”
शाखा बाबू के सपूत कुछ नहीं बोलते। न ही, न सी। न बाप से न बीवी से। और बेटा तो कबका उनके हाथ से बहक गया है।
दरअसल शाखा बाबू के सपूत पउव्वा प्रेमी हैं, शाम को दफ्तर से लौटने के बाद हाथ मुंह धोकर शुरु हो जाते हैं। जैसे-जैसे उनकी शीशी में द्रव का स्तर नीचे सरकता जाता है, वो रह-रह कर गैस विमोचन करते जाते हैं। जाहिर है इस विमोचन में न रंग होता है न गंध होती है, मगर आवाज़ गज़्ज़ब की होती है !
ख़ैर शाखा बाबू के पोते ने मां से पूछा – “हे मम्मी, जानती हो मिगवा उड़ता है तो कैसे आवाज़ करता है ?”
“कैसे”
“जैसे पापा शाम को पादते हैं”
“उ का पीता है”
“उड़ने वाला पेट्रोल”
बेटे के इस जवाब के बाद शाखा बाबू की पतोहू चौंक कर बैतुल ख़ला के दरवाज़े की ओर देखने लगी, जिसमें अभी-अभी उसके पतिदेव अपनी शीशी खाली कर प्रवेश कर चुके थे।
लेकिन शाखा बाबू की खुशी पाकिस्तान को 24 घंटे भी बर्दाश्त नहीं हुई।
चर्मा जी के चैनल का चोमू चीत्कार उठा। पाकिस्तान ने भी हमारे यहां घुस कर मारा है। और तो और उसके जहाज को चहेंटने के चक्कर में अपना दो मिग भी गया और दो पायलट भी धरे गए।
शाखा बाबू सदमे में आ गए। दो बार उठ कर पेशाब करने जाना पड़ा। चैनलों पर गर्जन-तर्जन कर रहे तमाम करनैल-जरनैल भी उनको चोमू दिखने लगे।
दिल तो और बैठ गया जब पोते ने अपने मोबाइल पर वायरल हो रहा बेबस पायलट का ख़ून सना वीडियो दिखा दिया।
धीरे-धीरे पायलट का नाम भी पता चल गया। टीवी का शोर उन्हें मातमी लगने लगा। हालांकि गनीमत रही कि रात होते होते ख़बर बदल गयी। मिग दो से एक हो गया। पायलट भी दो से घट कर एक ही रह गया। लेकिन शाखा बाबू की उदासी न गयी। जब एक रोटी खाकर थाली सरका दी तो पतोहू का दिल भी पसीज गया।
“काहे मन छोटा करते हैं…टीबिया में कह तो रहा था कि मोदी है,तो मुमकिन है!”
शाखा बाबू हूं sss ऊं sss करके रह गए।
रात करवट बदलते कटी, लेकिन बड़े दिनों बाद सुबह सपूत के उठते ही सवाल दागे – “इ वियना कहां है हो ?”
शाखा बाबू के सपूत सन्न….ये तो उनको भी नहीं पता था। पीछे से पत्नी ने टहोका और दिया-
“बता काहे नहीं देते….बुढऊ कल से मुंह लटकाए हैं”
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टीवी पर अब अभिनंदन और वंदन की तुकबंदी वाला क्रंदन चालू हो चुका था। स्क्रीन की चौखटों में कल चोमू दिख रहे चेहरे, अब वियना-वियना चहक रहे थे। जब कोई बताता कि वियना संधि के सहारे पहले भी पायलट लौटे हैं, शाखा बाबू का चेहरा चमकने लगता। जब कोई कह देता कि इतना आसान भी नहीं है, शाखा बाबू चैनल बदल देते !
शाम तक शाखा बाबू का दिल खुश कर देने वाली खबर आयी। इमरान खान ने पायलट को लौटाने का ऐलान कर दिया।
शाखा बाबू को क्रिकेट का खास शौक नहीं था, लेकिन उन्हें अब इमरान के कप्तानी के दिन वाले ‘शाही किस्सों’ की याद आने लगी थी। लेकिन मन था कि इमरान को क्रेडिट देने को तैयार नहीं था।
उनके असमंजस को गोसाईं बाबा ने समझ लिया, उनके चैनल का भारत कुमार गरजा।
“मोदी की कूटनीति रंग लाई, इमरान खान ने भारतीय पायलट को लौटाने का ऐलान किया।“
शाखा बाबू का भ्रम दूर हो चुका था।
“अच्छा ! तो मोदी की कूटनीति के चलते सारी दुनिया ने इमरान को घेरा, तब पायलट को छोड़ रहा है। वर्ना आसान तो नहिंए था।“
शाखा बाबू के मुंह से भी श्लोक की तरह नया वाला जुमला निकला।
“मोदी है, तो मुमकिन है”
थोड़ी ही देर में मोदी जी खुद नमूदार हुए,
“एक पायलट प्रोजेक्ट हुआ हैsss, ये अभी प्रैक्टिस थीsss…रियल भी होना है…”
शाखा बाबू की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े । मुंह से बोल तो निकल ही नहीं रहे थे।
मोदी जी के टीवी पर आने के साथ ही बाहर लोफर्टी कर रहा पोता भी घर में लौट आया।
लेकिन वो जोर-जोर से हाथ हिला-हिला कर झूम रहा था।
“अपना मोदी आएगा – अपना मोदी आएगा
बहुमत से ही आया था – फिर बहुमत से ही आएगा
अब खौफ़ नहीं है सरहद पर, स्वच्छता है घर-घर में
अपना मोदी आएगा – फिर बहुमत से ही आएगा”
शाखा बाबू को पोते पर पड़े इस दौरे से मतलब नहीं था, वो तो बस जानना चाहते थे,कैसे आएगा !
“मोदी इज रॉक स्टार बाबा, मोदी इज रॉक स्टार”
बहुमत से ही आया था – फिर बहुमत से ही आएगा
शाखा बाबू मन ही मन खुश हो रहे थे….लेकिन फिर भी पूछा कैसे आएगा रे ?
क्योंकि अपने मोदी जैसा कोई हार्ड इच नईं है….हार्ड इच नईं है !
पोता इस ताज़ा-ताज़ा ‘मोदी रैप’ में गंजेड़ियों की तरह डूबा झूमे जा रहा था।
उधर चर्मा जी के चैनल पर एक बे-आवाज काली पट्टी नीचे चल-चल कर गुम हो रही थी।
कुपवाड़ा में 4 और जवान शहीद, आतंकी ने मलबे से उठ कर किया अटैक।
सपूत ऑफिस से पता लगा कर लौटे थे वियना कहां है, लेकिन पहले पउव्वे की सील तोड़ने के लिए बेकरार गिलास तलाश रहे थे। पतोहू के मन में अलग संशय कुलबुला रहा था,
पीकर अभी खाली मिगवा जैसी आवाज़े निकालते हैं, किसी दिन उड़िए गए तो !!!