सैन्य बल के दम पर जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी आवाम के लोकतांत्रिक अधिकारों पर कब्जा कर लेने के बाद 8 अगस्त को रात 8 बजे तमाम राष्ट्रीय चैनलों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित जो आँकड़े गिनाए वो झूठे हैं। भारत सरकार द्वारा जारी मानव विकास सूचकांक के आंकड़े इसकी तसदीक़ करते हैं! जिस गुजरात में 14 साल वे मुख्यमंत्री रहे और जिस गुजरात मॉडल की वे दुहाई देते रहे, उनका गुजरात ‘मानव विकास सूचकांक’ की रैंकिंग में राज्यों की सूची में जम्मू कश्मीर से नीचे है।
मानव विकास सूचकांक क्या है
मानव विकास सूचकांक (HDI) एक सूचकांक है जिसका उपयोग देशों को “मानव विकास” के आधार पर आंकने के लिए किया जाता है। इस सूचकांक से इस बात का पता चलता है कि कोई राज्य या देश विकसित है, विकासशील है अथवा अविकसित है। मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) जीवन प्रत्याशा, शिक्षा, और प्रति व्यक्ति आय संकेतकों का एक समग्र आंकड़ा है, जो मानव विकास के चार स्तरों पर देशों को श्रेणीगत करने में उपयोग किया जाता है। जिस राज्य/देश की जीवन प्रत्याशा, शिक्षा स्तर एवं जीडीपी प्रति व्यक्ति अधिक होती है, उसे उच्च श्रेणी प्राप्त होती हैं।
मोदी ने जिस गुजरात मॉडल को पूरे देश पर लागू किया है उसकी और जम्मू-कश्मीर की तुलनात्मक रिपोर्ट देखना दिलचस्प होगा!
गुजरात बनाम जम्मू-कश्मीर
औसत आयु
गुजरात में एक आम इंसान की औसत आयु-69 वर्ष, जबकि जम्मू कश्मीर में औसत आयु 74 वर्ष है यानी गुजरात की तुलना में जम्मू-कश्मीर के लोग औसतन 5 वर्ष अधिक जीवित रहते हैं।
गरीबी रेखा के नीचे रहने वाली आबादी
जम्मू-कश्मीर में ग्रामीण आबादी का सिर्फ 12 प्रतिशत गरीबी रेखा के नीचे है जबकि गुजरात में 22 प्रतिशत ग्रामीण आबादी गरीबी रेखा के नीचे है। शहरी आबादी के मामले में भी जम्मू-कश्मीर में सिर्फ 7.2 प्रतिशत शहरी आबादी गरीबी रेखा के नीचे है, जबकि गुजरात में 10.14 प्रतिशत है।
बच्चों के मामले में
बच्चों के मामले में भी जम्मू कश्मीर राज्य गुजरात से हर मामले में आगे है ।
जन्म दर / बाल मृत्यु दर
गुजरात में जन्म दर 2.2 प्रतिशत है, जबकि जम्मू-कश्मीर में जन्म-दर सिर्फ 1.7 प्रतिशत है। गुजरात में पैदा होने वाले 1000 बच्चों में से 33 बच्चे 5 वर्ष की उम्र का होने से पहले मर जाते हैं जबकि जम्मू कश्मीर में यह अनुपात 26 है यानी गुजरात की तुलना में 7 अधिक बच्चे जिंदा रहते हैं।
सामान्य से कम वजन के बच्चे
गुजरात में 39 प्रतिशत बच्चों का वजन जितना होना चाहिए उससे कम है, यानी कुपोषित हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर में यह प्रतिशत सिर्फ 17 है।
अगस्त 2017 में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण ने बताया कि गुजरात में 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में 38.5% बच्चे रुग्ण (stunted) थे, 26.4% बच्चे कमजोर और 39.3% बच्चों का वजन कम था।
टीकाकरण
जम्मू कश्मीर में 75 प्रतिशत बच्चों का पूर्ण टीकारण हो गया है, जबकि गुजरात में सिर्फ 50 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण हुआ है।
लड़कियों/ स्त्रियों के मामले में
साक्षरता दर में भी जम्मू-कश्मीर, गुजरात पर भारी पड़ता है। जम्मू कश्मीर में 87 प्रतिशत लड़कियां स्कूल जाती हैं जबकि गुजरात में सिर्फ 75 प्रतिशत लड़कियां स्कूल जाती हैं।
महिला कुपोषण
गुजरात में सबसे ज्यादा 27 प्रतिशत वयस्क महिलाएं कुपोषित हैं, जम्मू-कश्मीर में ये आंकड़ा 12 प्रतिशत है।
महिलाओं की न्यूनतम मजदूरी
जम्मू-कश्मीर में महिलाओं की औसत मजदूरी 209 रूपया है जबकि गुजरात में सिर्फ 116 रूपया है।
जम्मू कश्मीर बनाम भाजपा शासित राज्य
गुजरात के अलावा झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, जहां भाजपा की लंबे समय तक सरकार रही है उनके भी आंकड़े जम्मू-कश्मीर की तुलना में खराब, बहुत खराब हैं जबकि इन राज्यों में न तो धारा 370 लगी है, न धारा 35ए। न ही ये राज्य आतंकवाद से प्रभावित रहे हैं और न ही ये राज्य मुस्लिम बाहुल्य आबादी वाले राज्य हैं। फिर क्या कारण है कि लंबे समय तक भाजपा शासित राज्य मानव विकास सूचकांक के पैमाने पर जम्मू-कश्मीर से बहुत पीछे हैं?
भारत के राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में ‘मानव विकास सूचकांक- 2017’
रैंक | राज्य | HDI (2017) |
34 | झारखंड | 0.589 |
33 | मध्यप्रदेश | 0.594 |
31 | छत्तीसगढ़ | 0.600 |
21 | गुजरात | 0.667 |
17 | जम्मू और कश्मीर | 0.684 |
मानव विकास सूचकांक राज्यों की सूची (1995 से 2018 तक)
संयुक्त राष्ट्र की विधि से निकाली जानेवाली ‘मानव विकास सूचकांक’ में भी देश के राज्यों की सूची (1995 से 2018 तक) जम्मू-कश्मीर लंबे समय तक भाजपा शासित राज्यों से ऊपर है।
रैंक | राज्य | HDI 1995 | HDI 2000 | HDI 2005 | HDI 2010 | HDI 2015 | HDI 2018 | वृद्धि 1995–2018 |
11 | जम्मू और कश्मीर | 0.493 | 0.530 | 0.591 | 0.646 | 0.675 | 0.684 | 0.191 |
15 | गुजरात | 0.489 | 0.526 | 0.573 | 0.608 | 0.651 | 0.667 | 0.178 |
24 | छत्तीसगढ़ | 0.525 | 0.555 | 0.581 | 0.570 | 0.586 | 0.600 | 0.075 |
26 | मध्यप्रदेश | 0.419 | 0.450 | 0.493 | 0.533 | 0.577 | 0.594 | 0.175 |
27 | झारखंड | 0.557 | 0.557 | 0.583 | 0.572 | 0.578 | 0.589 | 0.032 |
भारत | 0.460 | 0.493 | 0.536 | 0.581 | 0.624 | 0.640 | 0.180 |
उपभोग व खर्च आधारित मानव विकास सूचकांक
खपत और व्यय के आधार पर मानव विकास सूचकांक की सूची में लंबे समय तक भाजपा शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर से नीचे हैं। ये आंकड़ा भारत सरकार द्वारा 2007-08 में प्रकाशित किया गया था।
रैंक | राज्य | उपभोग आधारित HDI (2007–08) |
10 | जम्मू और कश्मीर | 0.542 |
11 | गुजरात | 0.527 |
19 | झारखंड | 0.376 |
20 | मध्य प्रदेश | 0.375 |
23 | छत्तीसगढ़ | 0.358 |
*उपरोक्त आँकड़े इंडिया ह्युमन डेवलपमेंट रिपोर्ट, ‘सोशियो-इकोनॉमिक्स स्टेटिस्टिक्स’ रिपोर्ट-2010, जेंडरिंग ह्युमन डेवलपमेंट इंडेक्स, योजना आयोग भारत सरकार की रिपोर्ट पर आधारित है।