UP: रॉबर्ट्सगंज में दिनदहाड़े युवती अगवा, पुलिस बना रही है पिता पर केस वापस लेने का दबाव

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रॉबर्ट्सगंज कोतवाली में FIR दर्ज नहीं होने पर पीड़िता के पिता ने दर्ज कराई ऑनलाइन ई-एफआईआर

शिवदास / सोनभद्र

सोनभद्र। भाजपा सरकार ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का नारा देकर बेटियों की सुरक्षा का भले ही दावा कर रही हो लेकिन उत्तर प्रदेश की उसकी योगी सरकार में बेटियां दिन भी सुरक्षित नहीं हैं। रॉबर्ट्सगंज कोतवाली अंतर्गत रॉबर्ट्सगंज नगर के उत्तर मुहाल स्थित शनि देव मंदिर के पास से शुक्रवार को दिन-दहाड़े एक नाबालिग लड़की के अपहरण का मामला प्रकाश में आया है। साथ ही मामले में पुलिस प्रशासन की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।

रॉबर्ट्सगंज कोतवाली अंतर्गत एक गांव निवासी नाबालिग पीड़िता के पिता ने शनिवार को ऑनलाइन दर्ज ई-एफआईआर में आरोप लगाया है कि शुक्रवार की दोपहर उनकी बेटी रॉबर्ट्सगंज से दवा लेकर घर वापस आ रही थी। उसी समय उत्तर मुहाल स्थित शनि देव मंदिर के पास सड़क पर मार्शल सवाल चार व्यक्तियों ने जबरदस्ती उनकी बेटी को पकड़कर गांड़ी में बैठा लिया और उसका मुंह और आंख बंदकर चंदौली जिले के नौगढ़ थाना अंतर्गत सुर्रा के जंगल में ले गए। इस दौरान अपहरणकर्ताओं ने उनकी बेटी के साथ छेड़छाड़ किया और उसके सिर पर थप्पड़-थप्पड़ मारा।

उन्होंने आरोप लगाया है कि सुर्रा के जंगल में जब अपहरणकर्ता उनकी बेटी के साथ छेड़खानी कर रहे थे, तभी बहुअरा गांव निवासी लवकुश पटेल वहां पहुंच गया जिसे उनकी बेटी ने पहचान लिया। फिर अपहरणकर्ता और लवकुश आपस में बातचीत कर हंसने लगे। पीड़िता के पिता का आरोप है कि लवकुश पटेल और शेष अन्य व्यक्तियों ने आपस में मारपीट करने की झूठा वीडियो शूट कर मोबाइल पर भी भेजा है।

पीड़िता के पिता के दावों की मानें तो उक्त तहरीर उन्होंने रॉबर्ट्सगंज कोतवाली में भी दी थी लेकिन तत्काल उसपर एफआईआर दर्ज नहीं की गई। इसके बाद उन्होंने ऑनलाइन ई-एफआईआर दर्ज कराया है जो रॉबर्ट्सगंज कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक को स्थानांतरित कर दिया गया है। घटना के संबंध में संवाददाता ने पीड़िता से बात की तो विस्तृत में पूरी घटना की जानकारी दी जिसे आप नीचे के क्लिक करके देख सकते हैं…

गौर करने वाली बात है कि घटना के तीन दिनों बाद भी अपहरणकर्ता पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि उनपर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो गांव के कई लोग मोबाइल से आरोपी के संपर्क में हैं। इसके बावजूद पुलिस अपहरणकर्ताओं समेत नामजद आरोपी तक नहीं पहुंच पा रही है।


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