मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखने वाले रामचंद्र गुहा, मणिरत्नम और अपर्णा सेन सहित 49 नामी लोगों के खिलाफ गुरुवार को मुजफ्फरपुर में राजद्रोह का केस दर्ज किया गया है. वकील सुधीर कुमार ओझा की ओर से दो महीने पहले दायर की गई एक याचिका पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सूर्य कांत तिवारी के आदेश के बाद यह प्राथमिकी दर्ज हुई है.
FIR lodged against nearly 50 celebrities, including Ramchandra Guha, Mani Ratnam and Aparna Sen, who had written an open letter to PM #NarendraModi raising concern over the growing incidents of mob lynchinghttps://t.co/oqAjml5ESc
— The Hindu (@the_hindu) October 4, 2019
ओझा ने कहा कि सीजेएम ने 20 अगस्त को मेरी याचिका स्वीकार की थी. 3 अक्टूबर को सदर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई. मोदी को लिखे खुले पत्र में हस्ताक्षर करने वाले 49 हस्तियों को याचिका में आरोपी बनाया गया है. उन पर आरोप है कि इन लोगों ने देश की छवि को धूमिल किया और अलगाववादी प्रवृत्ति को बढ़ावा दिया. साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के प्रभावशाली कार्यों को कमतर आंका.
An FIR has been lodged against the 49 celebrities celebrities, including the likes of #ManiRatnam, #AnuragKashyap, #AparnaSen, #ShyamBenegal and #ShubhaMudgal, who had written an open letter to PM #NarendraModi raising concern over the growing incidents of #moblynching. pic.twitter.com/uJ6i7aVrrp
— IANS (@ians_india) October 4, 2019
अर्पणा सेन, श्याम बेनेगल समेत 49 के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज, 3 अगस्त को सुनवाई
पुलिस के मुताबिक, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, राजद्रोह, शांति भंग करने जैसे धाराएं लगाई गई हैं.
Muzaffarpur police has lodged an FIR against 49 personalities, including Ramachandra Guha, Mani Ratnam, Aparna Senand Anurag Kashyap, who had written an open letter to PM Modi over mob killing.https://t.co/KQwrPbpKGe
— The New Indian Express (@NewIndianXpress) October 4, 2019
कला, साहित्य और अन्य क्षेत्रों से जुड़ी 49 हस्तियों ने 23 जुलाई काे मोदी के नाम खुला पत्र लिखा था. इसमें मुस्लिम, दलित और अन्य समुदायों के खिलाफ भीड़ द्वारा की जा हिंसा (मॉब लिंचिंग) पर रोक लगाने की मांग की गई थी. इस चिट्ठी में अपर्णा सेन, कोंकणा सेन शर्मा, रामचंद्र गुहा, अनुराग कश्यप, शुभा मुद्गल जैसे अलग-अलग क्षेत्र के दिग्गजों के हस्ताक्षर थे.
Sudhir K Ojha, Advocate: Have filed criminal case before a Bihar court against 9 people including Aparna Sen,Revathi, Konkana Sen that the 49 people who wrote to PM alleging intolerance in country had deliberately tried to tarnish country's image. Hearing is on Aug 3 (27/07) pic.twitter.com/p54wYavmqF
— ANI (@ANI) July 28, 2019
पत्र में प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए कहा गया था, ‘‘मई 2014 के बाद से जबसे आपकी सरकार सत्ता में आई, तब से अल्पसंख्यकों और दलितों के खिलाफ हमले के 90% मामले दर्ज हुए. आप संसद में मॉब लिंचिंग की घटनाओं की निंदा कर देते हैं, जो पर्याप्त नहीं है. सवाल यह है कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई?’’
इन चर्चित लोगों पर केस दर्ज होने पर सोशल मीडिया पर सेलिब्रिटीज ने गुस्सा जाहिर किया है.
एक्टर स्वरा भास्कर ने इसे तानाशाही बताया है.
All hail the 4th Reich! https://t.co/QUHRTAfefx
— Swara Bhasker (@ReallySwara) October 4, 2019
साकेत गोखले ने लिखा है कि वे मुज़फ्फरपुर जिला मजिस्ट्रेट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाना चाहते हैं.
I intend to approach the Supreme Court against Muzaffarpur Chief Judicial Magistrate Chief Judicial Magistrate Surya Kant Tiwari for ordering a sedition FIR against 48 celebs who wrote a letter to PM Modi.
The SC has laid down CLEAR rules on when IPC 124A can be applied. (1/2)
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) October 4, 2019
पूर्व IAS जौहर सरकार ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘मोदी-स्टाइल लोकतंत्र का मतलब है कि अपराधों को रोकने के लिए कदम उठाने की बजाय, पीएम को लिंचिंग रोकने पर चिट्ठी लिखने वाली हस्तियों पर FIR और राजद्रोह का केस कर दो.’
Modi-style democracy means that instead of taking steps to stop crimes, FIR and Sedition Charges are filed against celebrities who wrote to PM to stop lynching on Muslims! Wah ! https://t.co/YhqyyKn1cC
— Jawhar Sircar (@jawharsircar) October 4, 2019
पत्रकार आदित्य राज कौल ने सवाल उठाते हुए पूछा कि ये FIR किस आधार पर दर्ज की गई है?
Crazy. Counter it with arguments and politically. FIR on what grounds? https://t.co/xDL801gdnE
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) October 4, 2019