कोरोना महामारी और लॉकडाउन की भारत में सबसे बड़ी कीमत चुकाने वाले किसानों-मजदूरों के पक्ष में अखिल भारतीय किसान महासभा और अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा ने एक दिवसीय विरोध दिवस आयोजित किया. जिसके तहत देश भर में हजारों किसान-मजदूरों ने धरना दिया. इस राष्ट्रव्यापी विरोध कार्यक्रम में बिहार मनरेगा मजदूर सभा और भाकपा-माले ने भी हिस्सा लिया. लोगों ने लॉकडाउन का पालन करते हुए अपने घरों, गांव और संगठन के कार्यालयों पर धरने में शामिल हुए.
विरोध दिवस के इस कार्यक्रम में किसानों व मजदूरों की मांगों को मोदी सरकार द्वारा जानबूझ कर न मानने व लगातार मजदूरों व किसानों के हितों पर महामारी के नाम में हमला करने की निन्दा की गई. इन संगठनों ने आम जनता से अपील की कि नफरत और घृणा की सत्ता प्रायोजित राजनीति को खारिज करते हुए ऐसे संकट में भी अफवाहों, झूठ और वैमनस्य की खेती करने वालों को करारा जवाब दिया जाय.
इस कार्यक्रमों के जरिये हर गांव में फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद की गारंटी करने, प्राकृतिक आपदा, आगजनी और लॉकडाउन से बर्बाद फसलों का प्रति एकड़ 25 हजार रुपये मुआवजा देने की मांग की गई. कार्यक्रम के जरिये प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित घर वापसी, प्रत्येक गरीब परिवारों को 10 हजार रुपया गुजारा भत्ता, मनरेगा मजदूरों को 500 रुपये न्यूनतम मजदूरी और 200 दिन काम की गारंटी करने की भी मांग की गई.
पटना में अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव व पूर्व विधायक राजाराम सिंह, वरिष्ठ नेता केडी यादव, उमेश सिंह, भोजपुर में विधायक सुदामा प्रसाद, विक्रमगंज में पूर्व विधायक अरुण सिंह, सिवान में किसान नेता व पूर्व विधायक अमरनाथ यादव, जहानाबाद के निघवा में राज्य सचिव रामाधार सिंह, वैशाली में राज्याध्यक्ष विशेश्वर यादव, मुजफ्फरपुर में जितेंद्र यादव, अरवल में राजेश्वरी यादव, पीरो में पूर्व विधायक चंद्रदीप सिंह आदि नेताओं ने धरना दिया.
अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजाराम सिंह ने कहा कि ये कार्यक्रम पूरे बिहार में लगभग सौ केंद्रों पर कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें हजारों किसानों ने तख्तियों के साथ धरना दिया और ईमेल के जरिये अपनी मांग प्रधानमंत्री तक पहुंचाने की कोशिश की है. हमें उम्मीद है कि इन मांगों पर अविलम्ब कार्रवाई होगी और किसानों को राहत दी जाएगी.
उन्होंने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी करने, बर्बाद फसलों मुआवजा देने, बिजली के निजीकरण की मुहिम पर तत्काल रोक लगाने और कोरोना, लॉक डाउन में भूख व पुलिस दमन से हुई मौतों पर 20 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की. उन्होंने कहा कि ये धरना नफरत नहीं भाईचारा को मजबूत करने, कोरोना को पराजित करने, जिला स्तर पर कोरोना की नि:शुल्क जांच व इलाज, आईसीयू वार्ड व वेंटिलेटर का प्रबन्ध करने आदि मांगों पर किया गया है.
अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मज़दूर सभा (खेग्रामस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद एवं खेग्रामस के राष्ट्रीय महासचिव धीरेन्द्र झा ने कहा है कि कोरोना लॉकडाउन ने ग्रामीण गरीबों-मज़दूरों को भुखमरी के कगार पर धकेल दिया है, वहीं मनरेगा मज़दूरों से न्यूनतम से भी कम मज़दूरी पर काम लेने का सरकारी आदेश निर्गत हैं.
धीरेंद्र झा ने पटना में खेग्रामस कार्यालय में धरना दिया व अपनी बात रखते हुए कहा कि 10 हजार रु गुजारा भत्ता, सभी मजदूरों को 3 महीना का राशन व दैनिक मजदूरी 500 रु करने की गारंटी सरकार अविलम्ब करे. उनके साथ मनरेगा मजदूर सभा के राज्य सचिव कॉमरेड दिलीप सिंह भी धरना पर बैठे.
#aiarla_demands 3months free ration,10000₹lockdown allowances to all rural poor households and mnrega daily wage 500₹and 200days https://t.co/h437dHeoV5 return of all migrant workers. pic.twitter.com/WSbPk9z47w
— Dhirendra Jha (@dhirendra_ml) April 27, 2020
मज़दूर नेताओं ने कहा है कि राशन में महज़ चावल-गेहूं दिया जा रहा है जबकि भोजन के अन्य जरूरी सामान खरीदने की स्थिति में एक बड़ी आबादी नही है. उन्होंने कहा कि सभी गरीबों-मज़दूरों को तीन महीने का राशन और प्रति परिवार 10 हज़ार रुपये गुजारा भत्ता मिलना चाहिए. मनरेगा को कोरोना राहत अभियान सहित तमाम कृषि कार्यों से जोड़ना चाहिए और उन्हें 500 रुपये दैनिक मज़दूरी और 200 दिन काम मिलना चाहिए.
कार्यक्रम में खेग्रामस नेता व विधायक सत्यदेव राम, विधायक महबूब आलम, बीरेंद्र गुप्ता, गोपाल रविदास, जीबछ पासवान, अकलू पासवान, उपेंद्र पासवान, कामता सिंह, पंकज सिंह, दिलीप सिंह, शत्रुघ्न सहनी, जयनारायण यादव आदि राज्य के विभिन्न हिस्से में अभियान में शामिल हुए. संघटन के आह्वान पर सैंकड़ों धरने हुए. पटना के अलावा भोजपुर, अरवल, जहानाबाद, सिवान, दरभंगा, संमस्तीपुर, बेगूसराय, नालंदा, गया, गोपालगंज, मधुबनी आदि केंद्रों पर भी कार्यक्रम हुए.
पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, पंजाब, आन्ध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक, त्रिपुरा, असम, उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, बिहार व राजस्थान समेत लगभग सभी राज्यों में हजारों किसानों व ग्रामीण मेहनतकशों ने सरकारी उपेक्षा के विरोध में धरना दिया.
पश्चिम बंगाल में बांकुरा, नदिया, बर्धमान, हुगली आदि जिलों में हजारों ग्रामीणों ने अपनी आवाज उठाई, तो राजस्थान के खेती बहुल जिले झुंझनू और आदिवासी बहुल इलाकों बांसवाड़ा व उदयपुर में भी यही आवाज उठी. तो दार्जिलिंग के किसान व चाय बागान मजदूर भी एकजुट हो अपनी बात कहने के लिए आगे आये.
उड़ीसा के केन्द्रपाड़ा और रायगढा जैसे इलाकों से भी किसान व आदिवासी इस विरोध में शामिल रहे. असम में डिब्रूगढ़ से लेकर उत्तर प्रदेश के चंदौली, आन्ध्र के काकीनाडा और पंजाब के गुरदासपुर व मानसा जैसे इलाकों में किसानों ने धरने में हिस्सा लिया.
झारखण्ड के सभी जिलों में ग्रामीण अपने घरों व दरवाजों पर या खेत में लाॅकडाउन नियमों का पालन करते हुए पोस्टरों पर अपनी मांगे लिख कर खड़े हुए दिखे, झारखण्ड के गिरिडीह ज़िला में भी झमकिस और मनरेगा मज़दूर सभा के नेतृत्व में कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम में गरीब मज़दूर परिवारों को 3 महीने का राशन, 10हज़ार रुपये गुजारा भत्ता और मनरेगा में 200 दिन काम व 500 रुपये मज़दूरी की मांग की गई.
अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रव्यापी धरना के तहत भाकपा माले जिला कार्यालय आरा में किसानों ने धरना दिया. इसमें विधायक सुदामा प्रसाद, माले नेता राजू यादव के अलावा अन्य किसान नेता शामिल हुए. मुजफ्फरपुर में किसान नेता जितेंद्र यादव ने धरना का नेतृत्व किया. दाउदनगर में किसान नेता जनार्दन सिंह धरना पर रहे.
वहीं पटना जिला के सदर प्रखंड के फतेहपुर ग्राम में किसानों के धरना का नेतृत्व राज्य सह सचिव उमेश सिंह ने किया. धरना में किसान नेता अवध किशोर सिंह, विद्यानंद सिंह,विनय कुमार सिंह,रमेश सिंह,जितेंद्र कुमार आदि शामिल हुए. नौबतपुर के अमरपुरा गांव में किसान महासभा के जिला सचिव कृपा नारायण सिंह के नेतृत्व में किसान-धरना पर बैठे. इसमें प्रखंड अध्यक्ष किसान नेता मधेश्वर शर्मा, बृजमोहन शरण सिंह, नलिन कुमार वर्मा, शिव जन्म राम,संतोष पंडित आदि प्रमुख थे. अलावल पुर में किसान नेता अशोक यादव के नेतृत्व में उमेश यादव, बिनोद वर्मा, विजेन्द्र ठाकुर, लाल मोहन चौधरी धरना पर बैठे. फतुहा में शैलेन्द्र यादव के नेतृत्व में धरना दिया गया.
बिहटा के कन्हौली मे अखिलभारतीय किसान महा सभा के राष्ट्रीय आहवान पर एक दिवसीय धरना दिया गया. लौकडाउन का पालन करते हुए कां राजेश प्रसाद बिहटा सचिव कां जगरनाथ चौधरी मोहमद आसिफ बिजेंदर महतो श्रवन पंडित माधुरी गुप्ता लालती देवी जसोदा देवी गप्पु कुमार धरना मे शामिल हुए.
अरवल में किसान नेता राजेश्वरी यादव के नेतृत्व में राजेपुर गांव में धरना दिया गया. अन्य गांवों में भी धरना दिया गया. सुपौल जिले के किसनपुर प्रखंड के मलार पंचायत में धरना का नेतृत्व रामचंद्र शर्मा,मुकेश यादव,परमिला देवी और अन्य लोगों ने किया.