मीडिया में एक बार फिर राम नाम की हवा चलने वाली है। योगी आदित्यनाथ 15 घंटे का दिवाली महोत्सव अयोध्या में करवा रहे हैं जिसकी कवरेज के लिए पत्रकार पहले ही अयोध्या पहुंच चुके हैं। पहली बार योगी के साथ राज्यपाल राम नाईक भी अयोध्या में होंगे जहां दीपोत्सव के साथ ”रामराज्याभिषेक” होगा। लोकतंत्र में राम राज्य का अभिषेक किसी अख़बार के लिए संकट का विषय नहीं है। मंगलवार को सभी स्थानीय अखबारों ने इसका विज्ञापन छपा है।
इधर सुब्रमण्यम स्वामी ने बयान दे दिया है कि अगली दिवाली तक अयोध्या में राम मंदिर बन जाएगा। उनके मुताबिक सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए 2018 में कानून लाएगी और 2019 तक इसे तैयार कर दिया जाएगा। दो दिन बाद दिवाली है। चैनलों ने माहौल को देखते हुए अपना राम पर मौलिक शोध कर लिया है।
इंडिया टीवी प्रचार कर रहा है कि मंगलवार की शाम वह राम मंदिर के होने के सबूत दिखाएगा। ट्विटर पर अयोध्या ट्रेंड कर रहा है। इस ट्रेंड में इंडिया टीवी ने अपना प्रचार घुसा दिया है।
Watch a Special Show on #RamTemple in #Ayodhya Tonight at 7.55 on @indiatvnews pic.twitter.com/iMazP7VEhM
— Rajat Sharma (@RajatSharmaLive) October 16, 2017
उधर उत्तर प्रदेश पर्यटन भी राम नाम लेने में पीछे नहीं छूटना चाहता, सो उसने ”14 वर्ष के वनवास के बाद भगवान राम की घर वापसी” के मौके पर दीप जलाने का आह्वान किया है। इसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय ने रीट्वीट किया है।
To celebrate the homecoming of Lord Rama after 14 years of exile, the people of #Ayodhya lit up their houses with diyas. #Deepotsav pic.twitter.com/Qc7NxsZd8s
— UP Tourism (@uptourismgov) October 17, 2017
सबसे दिलचस्प प्रचार uttarpradesh.org नाम की वेबसाइट पर चल रहा है जहां ख़बर लगी है कि उन्होंने राम के वंशजों को ढूंढ निकाला है। वेबसाइट का कहना है कि जयपुर का राजसी घराना ही भगवान राम का वंशज है। इसके मुताबिक भवानी सिंह राम के पुत्र कुश के 309वें वंशज थे। इस तरह इस वेबसाइट ने प्रकारांतर से यह बताने की कोशिश की है कि राम कोई भगवान नहीं थे बल्कि एक ज़माने के राजा-रजवाड़े ही थे।
पटना में सुब्रमण्यम स्वामी ने 16 अक्टूबर को एक आयोजन में कहा था कि सीतामढ़ी में जानकी का एक तीर्थ भी स्थापित किया जाएगा। राम और जानकी को लेकर अख़बारों में कितना उत्साह है, उसे इस कार्यक्रम की कवरेज में देखा जा सकता है।
https://twitter.com/MaheshJoshi_MJ/status/919993527274160128
वैसे, मीडिया का राम प्रेम नया नहीं है। मार्च में जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था राम मंदिर विवाद से जुड़े पक्ष बातचीत कर के अपना मामला खुद सुलझा लें, उसी वक्त आजतक ने ख़बर चला दी कि राम मंदिर के बनने का रास्ता साफ़ हो चुका है। किसी ने दिखाया कि मोदी ने राम मंदिर बनने का एलान किया है तो किसी ने योगी के मत्थे बयान को मढ़ा था।
स्थानीय अखबार भक्तिमय हो चुके हैं। दैनिक जागरण ‘नव्य अयोध्या’ को बसाने की तैयारी वाली ख़बर में अयोध्या के गुप्तार घाट को ऐसी जगह लिखता है जहां ”श्रीराम ने जलसमाधि ली थी”।
जुलाई में एनडीटीवी ने खबर चलाई थी कि राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थर पहुंचने शुरू हो चुके हैं। पिछले छह महीने से रह-रह कर राम मंदिर के बारे में उत्साहजनक खबरें मीडिया में आती रही हैं, लेकिन इस बार दिवाली में वहां हो रहा सरकारी आयोजन अखबारों-चैनलों के लिए विज्ञापन के रूप में वरदान बनकर आया है।