क्या आपने पत्रकारों को पेड़ लगाते देखा है? वो भी आज़ादी के जश्न के मौके पर? ग़ाजि़याबाद के इंदिरापुरम में यह दुर्लभ नज़ारा 15 अगस्त को देखने को मिला जब रोज़ रात प्राइम टाइम में टीवी के परदे पर दिखने वाले कुछ नामचीन चेहरे लबे सड़क डिवाइडर पर चढ़कर मिट्टी में पौधा रोपते पाए गए।
इंडिया टीवी के संपादक अजीत अंजुम से लेकर वरिष्ठ पत्रकार एन.के. सिंह और दैनिक भास्कर के राजनीतिक संपादक पीयूष बबेले तक भरी दोपहर तीन बजे पसीना छोडते हुए देश सेवा व प्रकृति सेवा में अपने क्षेत्र में नीम के पेड़ की रोपाई कर रहे थे। इस कार्यक्रम की पहल स्थानीय निवासी और समाज सेवी आर.के. सिंह ने की थी।
एन.के. सिंह ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन सामूहिकता को बढ़ावा देते हैं और महानगर के जीवन में अलग-अलग पड़ चुके नागरिकों के मन में सहकारिता का भाव जगाते हैं।
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मौके पर इंदिरापुरम रामलीला कमेटी के अध्यक्ष खान साहब से लेकर स्थानीय सोसायटियों के आरडब्लूए के अध्यक्ष, दुकानदार, रेहड़ी-पटरी वाले और व्यापारी शामिल रहे। ऐसी समरसता कम देखने को मिलती है जब आपके पड़ोस में रोज़ का सौदा देने वाला दुकानदार, मिस्त्री, चौकीदार और मीडिया की चमक-दमक के बादशाह एक साथ एक मुहिम में शामिल हों।
वैशाली और इंदिरापुरम को अलग करने वाली नहर के समीप सुचेता कृपलानी मार्ग पर स्थित डिवाडर में करीब सौ पौधे रोपे गए जिसमें इन सब का सामूहिक योगदान रहा। कार्यक्रम का नारा था ”आज़ादी के 70 साल, 70 पेड़”।
”देश बचाओ, प्रकृति बचाओ” की परिकल्पना के तहत ज़ी न्यूज़ डॉट कॉम के संपादक दयाशंकर मिश्र, इकनॉमिक टाइम्स के पत्रकार रवींद्र कुमार, राजीव रंजन, स्पेशल कवरेज न्यूज़ के राजनीतिक संपादक माजिद अली खान समेत कई गणमान्य और प्रतिष्ठित लोगों ने प्रकृति को बचाने में अपना-अपना योगदान दिया।
क्षेत्र के प्रमुख समाज सेवियों और नागरिकों की ओर से रखे जाने वाले सामाजिक कार्यक्रमों की कड़ी में यह पहला आयोजन था।