हाइकोर्ट के दो अवकाश प्राप्त जज, दो रिटायर्ड आइएएस अफसर, तीन अवकाश प्राप्त आइपीएस अफसर और वरिष्ठ अधिवक्ताओं, पत्रकारों व सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक उच्चस्तरीय टीम तमिलनाडु के तूतीकोरिन में 22 मई 2018 को हुई गोलीबारी की नृशंस घटना की जांच करने जून के पहले सप्ताह में गई थी. टीम ने दिल्ली लौट कर अपनी प्राथमिक जांच रिपोर्ट एक प्रेस विज्ञप्ति के रूप में जारी की थी जिसकी खबर मीडियाविजिल ने विस्तार से प्रकाशित की.
आज उसी टीम की सम्पूर्ण जांच रिपोर्ट का लोकार्पण चेन्नई के लोयोला परिसर में रिटायर्ड जस्टिस ए.पी. शाह ने किया.
“दी डे तूतीकोरिन बर्न्ट” नाम कि इस विस्तृत जांच रिपोर्ट के लोकार्पण का आयोजन ”कोआर्डिनेटिंग कमेटी फॉर पीपुल्स इंक्वेस्ट इनटु थूतुकुडी पुलिस फायरिंग” और एंटी-स्टरलाईट पीपल्स मूवमेंट के बैनर तले किया गया. लोकार्पण कार्यक्रम का स्वागत भाषण जांच कमिटी के अध्यक्ष और थूतुकुड़ी बार एसोसिएशन के संयोजक ए.डब्लू.डी. तिलक ने दिया. जस्टिस ए.पी. शाह ने रिपोर्ट को प्रेस के सामने जारी किया.
कार्यक्रम के मुख्य वक्ताओं में जिंदल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर शिव विश्वनाथन, मद्रास हाई कोर्ट की अधिवक्ता गीता रामाशेशन, पत्रकार कविता मुरलीधरन, पूर्व आइएएस क्रिस्टोदास गाँधी, मद्रास हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज हरी प्रान्तमन शामिल रहे.
मुख्य वक्तव्य जस्टिस ए.पी. शाह ने दिया जिसका विषय था: “डेमोक्रेसी एंड डिसेंट इन तमिलनाडु”.
कोआर्डिनेटिंग कमेटी फॉर पीपुल्स इंक्वेस्ट इनटु थूतुकुडी पुलिस फायरिंग की टीम 2-3 जून, 2018 को थूतुकुड़ी और उसके आसपास के इलाकों में 22 मई को हुई गोलीबारी, मौतों, हिरासत और उत्पीड़न की जांच करने गई थी। इस घटना में 15 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई थी और सौ से ज्यादा लोग गंभीर रूप से ज़ख्मी हुए। ये सभी स्टरलाइट के कॉपर संयंत्र का विरोध कर रहे थे।
सम्पूर्ण जांच रिपोर्ट नीचे पढ़ी जा सकती है. जांच रिपोर्ट के अहम बिन्दुओं और निष्कर्षों के लिए देखें:
वेदांता: प्रशासन द्वारा पहले आंदोलन तोड़ने की साज़िश, फिर 144 पर भ्रम और अंत में 15 हत्याएं
कोआर्डिनेटिंग कमेटी फॉर पीपुल्स इंक्वेस्ट इनटु थूतुकुडी पुलिस फायरिंग कि आज लोकार्पित जांच रिपोर्ट अंग्रेजी में
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