नेशनल प्रेस क्लब का वार्षिक ‘जॉन ऑबुचॉन प्रेस फ़्रीडम अवार्ड’ 2019, कश्मीर के पत्रकार आसिफ सुल्तान को दिए जाने की घोषणा हुई है. साथ ही अमेरिकी रिपोर्टर मैकेंज़ी मेस को भी उनके साहसिक रिपोर्टिंग के लिए यह सम्मान दिया जायेगा.
Journalist Aasif Sultan, jailed in #Kashmir, wins @PressClubDC's 2019 John Aubuchon #PressFreedom Award.
Sultan was imprisoned in August 2018 and is accused of aiding insurgents even though he merely reported on them. @NPCPresident @CPJAsia #AasifSultanhttps://t.co/OmkugJPa4j
— Committee to Protect Journalists (@pressfreedom) August 22, 2019
अमेरिका के नेशनल प्रेस क्लब ने इस वर्ष के वार्षिक जॉन ऑबुचॉन प्रेस फ़्रीडम अवार्ड के लिए भारत से कश्मीरी पत्रकार आसिफ सुल्तान को उनके निष्पक्ष और साहसिक पत्रकारिता के लिए चुना गया है.
सुल्तान को बीते साल अगस्त, 2018 में उनकी रिपोर्टिंग के आधार पर जेल में डाल दिया गया था और उन पर विद्रोहियों का समर्थन करने का आरोप लगाया गया था. सुल्तान को उनकी रिपोर्टिंग के लिए लगभग 1 तक जेल में कैद रखा गया . पुलिस ने उनके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और नोटबुक को जब्त कर लिया था. सुल्तान के संपादक ने बताया कि पुलिस ने उनके स्रोतों के बारे में पूछताछ की और उन्हें एक मुखबिर बनने के लिए कहा था. किन्तु सुल्तान ने खबरी बनने से इंकार कर दिया था.
नेशनल प्रेस क्लब द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में पुरस्कार के घोषणा के साथ कश्मीर की हालात पर चिंता व्यक्त की गई है. विज्ञप्ति में सुल्तान का जिक्र कर कहा गया है कि कश्मीर में प्रेस और नागरिकता के लिए बिगड़ती परिस्थितियों को दर्शाता है. इस विज्ञप्ति में हाल ही में मोदी सरकार द्वारा कश्मीर पर लिए गये फैसले के बाद प्रेस ब्लैक आउट का जिक्र किया गया है.
क्लब के अध्यक्ष एलिसन कोडजक ने कहा, “भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अमेरिका के साथ उसके करीबी रिश्ते हैं.” किन्तु पत्रकारों के मानवाधिकारों के उल्लंघन को स्वीकार नहीं किया जा सकता. कश्मीर के लोगों को सूचना के अधिकार से वंचित रखना अस्वीकार्य है.
अमेरिकी रिपोर्टर मैकेंज़ी मेस ने 2018 में मेन्स ने सैन फ्रांसिस्को खाड़ी में वहां के कांग्रेस सदस्य डेविन न्यून्स के जहाज क्रूज़ पर कथित नशीली दवाओं के उपयोग और वेश्यावृत्ति के बारे में एक रिपोर्ट लिखी. जबकि अपनी रिपोर्ट में मेस ने किसी विशेष जहाज या नाव का जिक्र नहीं किया था फिर भी उस रिपोर्ट से वहां के प्रभावशाली लोग नाराज हो गये और मैकेंज़ी मेस को विरोध और धमकी का सामना करना पड़ा. बावजूद उसके वह चुपचाप अपना काम करती रहीं.
इसी तरह 2017 में भी मेस की एक कहानी लिखी जिसमें फ्रेस्नो स्कूल बोर्ड के प्रमुख का जिक्र था. इस पर वे भड़क गये और उन्होंने मैकेंजी को सोशल मीडिया पर “प्रचार की मिनिस्ट्रेस” और फेक न्यूज़ मेस लिख कर मेस का नम्बर वहां पोस्ट कर दिया और अपने समर्थकों को मेस के खिलाफ भड़का दिया. उसके बाद उन्हें ऑनलाइन ट्रोलिंग, उपद्रव और मुकदमें की धमकियों का सामना करना पड़ा.
क्लब विजेताओं को 17 अक्टूबर को अपने वार्षिक चौथे एस्टेट डिनर में 2019 ऑबुचॉन पुरस्कार प्रदान करेगा.
नेशनल प्रेस क्लब पत्रकारों के लिए दुनिया का अग्रणी पेशेवर संगठन है और दुनिया भर में कुछ 3,000 पत्रकारों, संपादकों और पेशेवर संचारकों का प्रतिनिधित्व करता है.