पंचकूला के रेड बिशप के हाल में एक्शनएड, एफ़राह एवं राज्य बल सुरक्षा आयोग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित संगोष्ठी में शिक्षा विद, शिक्षा कार्यकर्ता और शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाले विशेषज्ञों ने सरकार की नई शिक्षा नीति पर असंतोष ज़ाहिर किया है।
संगोष्ठी में पंजाब वक्फ बोर्ड के चेयरमैन श्री जुनैद रज़ा खान,हरियाणा राज्य बाल सुरक्षा आयोग के सदस्य डॉ प्रतिभा, डॉ सतविंदर कौर (प्रोफेसर पंजाब यूनिवर्सिटी ), नन्द किशोर वर्मा (शिक्षा विभाग, हरियाणा सरकार), तथा पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के शिक्षाविदों ने अपनी बात रखी।
संगोष्ठी में सभी प्रतिभागियों ने कहा कि नयी शिक्षा नीति में बहुत सारी कमियां हैं। इसका हमारे शिक्षा व्यवस्था पर दूरगामी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा यह प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देता है और सरकार अपनी ज़िम्मेदारियों से भाग रही है। सभी को सामान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पाने के संवैधानिक अधिकारों को भी यह शिक्षा नीति किसी भी प्रकार से चर्चा में नहीं लाता है।
चर्चा के दौरान पंजाब वक्फ़ बोर्ड के चेयरमैन श्री जुनैद रज़ा खान ने कहा कि आज हर कोई प्राइवेट शिक्षा की बात कर रहा है और उसकी तरफ भाग रहा है। लेकिन हर कोई इस सच्चाई से अनभिज्ञ है कि प्राइवेट शिक्षा सिस्टम कभी भी सरकारी शिक्षा के जितना बेहतरीन नहीं हो सकता , इसीलिए हम सबको नयी शिक्षा नीति को समझने और इस पर अपने विचार रखना चाहिए ताकि सरकार एक अच्छी शिक्षा नीति लाये।
डॉ. सतविंदर पाल कौर (प्रोफ़ेसर, डिपार्टमेंट ऑफ़ एजुकेशन, पंजाब यूनिवर्सिटी) ने इस शिक्षा नीति से ‘कॉमन स्कूल सिस्टम’ को शामिल नहीं किये जाने पर नाराजगी व्यक्त किया। कॉमन स्कूल सिस्टम जिसकी संकल्पना इस बात पर की गयी थी की एक समान शिक्षा व्यवस्था जहाँ जिलाधिकारी का बच्चा और मज़दूर का बच्चा एक साथ पढ़ाई कर सकता है, इस विचार को इस शिक्षा नीति ने शामिल नहीं करके अपनी मंशा ज़ाहिर कर दी है।
तनवीर काज़ी (रीजनल मैनेजर, एक्शनएड ) ने कहा की एक्शनएड देश के सभी राज्यों में नयी शिक्षा नीति पर चर्चा कर रहा है तथा सैकड़ों शिक्षाविदों और एक्सपर्ट्स से चर्चा करके सरकार को एक व्यापक सुझाव देगा।