देश भर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध संस्था विश्व संवाद केंद्र आधुनिक नारदों को पुरस्कार दे रहा है। केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बहुमत से आने के बाद से यह चलन ज़ोर पकड़ा है और खोज-खोज कर संघप्रिय राष्ट्रवादी पत्रकारों को पुरस्कार दिए जा रहे हैं। नारद जयंती का सप्ताह होने के कारण बंगाल से लेकर पंजाब और यूपी तक ये कार्यक्रम अपने शबाब पर हैं, लेकिन एक नारद के साथ बदकिस्मती से इसी बीच घोर नाइंसाफ़ी हो गई है।
कभी तहलका के संपादक रहे और उसी के संसाधनों से चुपके-चुपके नारद न्यूज़ नाम की संस्था खड़ी कर के राष्ट्रवादी एजेंडे के तहत तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का स्टिंग करने वाले मैथ्यू सैमुअल को सीबीआइ ने दोबारा तलब कर डाला है। स्टिंग ऑपरेशन की जांच के सिलसिले में उन्हें 19 मई को सीबीआइ के सामने पेश होने को कहा गया है लेकिन उन्होंने ऑपरेशन का बहाना बनाकर पेश होने से इनकार कर दिया है।
सीबीआइ भ्रष्टाचार के मामले में जांच करते हुए सैमुएल को इससे पहले भी तलब कर चुकी थी। सीबीआइ द्वारा इस मामले में केस दाखिल करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी हवाला कानून के तहत केस दर्ज किया है। सैमुएल का यह स्टिंग ऑपरेशन टीएमसी के नेताओं और एक आइपीएस अफसर के खिलाफ किया गया था जब वे किसी काल्पनिक कंपनी के किसी अधिकारी से कथित रूप से रिश्वत ले रहे थे जिसके बदले में उन्हें उसे फायदा पहुंचाना था।
सैमुएल ने इस स्टिंग के तीन टेप जारी किए थे जिनमें टीएमसी के शीर्ष नेताओं को पत्रकारों से रिश्वत लेते दिखाया गया था जो कारोबारी का चोला ओढ़कर उनके पास सौदे के लिए गए थे। ये टेप 14 मार्च, 2016 को पश्चिम बंगाल विधानसभ चुनाव से ठीक पहले जारी किए गए थे, हालांकि उनका चुनाव परिणामों पर कोई असर नहीं पड़ा।
इस कृत्य के बाद टीएमसी के तमाम नेताओं समेत नारद न्यूज़ के सीईओ सैमुएल तो जांच के घेरे में आ गए, लेकिन नारदों को पैदा करने और पोसने का आरएसएस का अभियान और तेज़ हो गया। बंगाल के मीडिया में घुसपैठ करने के लिए संघ ने नारद को औज़ार बनाते हुए पहली बार इस साल वहां ‘राष्ट्रवादी’ पत्रकारों को चुन-चुन कर सम्मानित किया है।
दैनिक प्रभात ख़बर में प्रकाशित समाचार के मुताबिक शनिवार को नारद जयंती पर आरएसएस के शाखा संगठन विश्व संवाद केंद्र द्वारा कोलकाता के महाजाति सदन के एनेक्सी हॉल में आयोजित कार्यक्रम में तीन ‘राष्ट्रवादी पत्रकारों’ को सम्मानित किया गया है। इन तीन ‘राष्ट्रवादी पत्रकारों’ में ‘कच्चा’ नाम के सोशल मीडिया के ग्रुप भी हैं, जिन्होंने मालदा के कालियाचक और हावड़ा के धूलागढ़ में कथित रूप से हुए सांप्रदायिक दंगों के फोटो व वीडियो पोस्ट किए थे और उनकी पूरे देश में चर्चा हुई थी। विश्व संवाद केंद्र के संयोजक विप्लव राय ने प्रभात खबर को बताया कि कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार डॉ पार्थ चट्टोपाध्याय व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ मनमोहन वैद्य को उपस्थित रहने के लिए आमंत्रित किया गया था।
बंगाल के सात शहरों में नारद जयंती के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इनमें उत्तर बंगाल में कूचबिहार, सिलीगुड़ी, मालदा और रायगंज जबकि दक्षिण बंगाल में कोलकाता, आसनसोल और खड़गपुर शामिल हैं।
पत्रकार कृष्णप्रताप सिंह ने इस मौके पर फ़ैज़ाबाद से नारद जयंती पर पत्रकारों को सम्मानित करने की पूरी राजनीति का उद्घाटन एक बेहतरीन लेख में किया है जिसे आप नीचे पढ़ सकते हैं।
इस ‘नारद-नारद’ के पीछे क्या है?