दैनिक जागरण के अनुवादक ने ऐसा ‘सांय-सांय’ किया कि IFFI का पूरा विज्ञापन ही लहरा गया!

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दिल्‍ली के पाठकों ने अगर 20 नवंबर यानी सोमवार का स्‍थानीय दैनिक जागरण देखा हो और पेज संख्‍या 11 पर छपे डीएवीपी के सरकारी विज्ञापन पर नज़र गई हो, तो उनके मन में कुछ सवाल ज़रूर चल रहे होंगे होगी कि आखिर यह अख़बार कैसे निकल रहा है। इसमें कौन से लोग काम करते हैं। यहां काम कर रहे लोगों की योग्‍यता क्‍या है। क्‍या वे मंगल ग्रह से आए हैं। आदि-इत्‍यादि।

दरअसल, भारत सरकार के दृश्‍य एवं प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) ने गोवा में 20 तारीख से शुरू हुए अंतरराष्‍ट्रीय फिल्‍म फेस्टिवल का विज्ञापन सोमवार को प्रकाशन के लिए अखबारों को अंग्रेज़ी में भेजा था। अख़बारों की जिम्‍मेदारी होती है कि वे उसे अपनी भाषा में अनुवाद करवा कर के छापें। दैनिक जागरण के दिल्‍ली सिटि संस्‍करण में हिंदी में यह विज्ञापन पेज नंबर 11 पर छपा है।

प्राथमिक की हिंदी जानने वाला पाठक भी इस विज्ञापन को देखकर चकरा जाएगा। एक नमूना देखें, जो विज्ञापित होने वाले आयोजन यानी फिल्‍म म‍होत्‍सव का शीर्षक है : ”सिनेमा भविष्‍य समारोह”। अंग्रेज़ी में लिखा है, ”Celebrating the future of Cinema”.  कायदे से इसका आसान हिंदी अनुवाद होता- ”भविष्‍य के सिनेमा का उत्‍सव/जश्‍न”। यह तो सिर्फ शुरुआत हे।

मामला केवल अनुवाद तक ही सीमित रहता तो बात थी। आयोजन के शुभारम्‍भ का वक्‍त सायं 4 बजे है जो काफी बड़े अक्षरों में दैनिक जागरण में छपा है ”सांय 4 बजे”। अनुस्‍वार को ‘य’ की जगह ‘सा’ पर लगा दिया गया है जिससे अर्थ का अनर्थ हो गया है और पूरा फिल्‍म महोत्‍सव गोया सांय-सांय कर उठा है।

वैसे तो तकरीबन पूरा विज्ञापन ही गलत अनुवाद का अप्रतिम उदाहरण है, लेकिन कुछ वाक्‍य बेहद दिलचस्‍प हैं, जिनकी अंग्रेज़ी और हिंदी का मिलान कर के पाठकों के लिए हम प्रस्‍तुत कर रहे हैं।

अंग्रेज़ी:  The Mixed Reality Sidebar, featuring Virtual and Augmented Reality

हिंदी: मिश्रित वास्‍तविक साइडबार की विशेषता, वास्‍तविक एवं संवर्द्धित वास्‍तविकता

(यहां हिंदी के अनुवादक पर तरस खाने को मन होता है क्‍योंकि ऐसी अंग्रेज़ी का हिंदी अनुवाद करने की काबिलियत हिंदी के पत्रकारों में औसतन नहीं पायी जाती)

इसके बावजूद अंग्रेज़ी के कुछ आसान वाक्‍यों में भी भयंकर असंतुलन और अबूझपन है।

अंग्रेज़ी: Closing Film- Pablo Cesar’s Indo-Argentine co-production “Thinking Of Him”

हिंदी: पब्‍लोकेसर की इंडो-अर्जेंटाइन को-प्रोडक्‍शन ”थिंकिंग ऑफ हिम”

यहां सब कुछ ठीक है लेकिन निर्देशक का नाम पाब्‍लो सीज़र की जगह पब्‍लोकेसर कर दिया गया है। लगता है कि अख़बारी अनुवादकों को भी अब सरकार की तरह हर चीज़ में केसर ही केसर दिखने लगा है।

बहरहाल, पूरा विज्ञापन मिलान कर के पढ़ जाएं और सोचें कि हिंदी के अख़बार कैसे निकल रहे हैं। विज्ञापन के अंत तक आते-आते आप पाएंगे कि ”समारोह” को भी ”समाहरोह” कर दिया गया है। अब यह तो बेहद अक्षम्‍य और आपराधिक होना चाहिए।

माना कि पूरा विज्ञापन गूगल के सहारे अनुवाद किया गया होगा लेकिन अगर हिंदी के एक साधारण शब्‍द की वर्तनी भी गलत छप रही है, तो इसका दोष पूरे संपादकीय विभाग के सिर जाना चाहिए। आम तौर से किसी भी विज्ञापन का अनुवाद छपने से पहले एक बार संपादकीय विभाग को दिखा दिया जाता है। या तो ऐसा नहीं किया गया या फिर संपादकीय विभाग इस ब्‍लंडर के लिए पूरे तौर पर जिम्‍मेदार है।


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