देश आर्थिक मंदी के उस दौर में पहुंच गया है जहां लोग अब बिस्कुट भी नहीं खा रहे हैं! पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का सपना देखने वाले देश में पांच रुपए का बिस्कुट खरीदने से कतरा रहे हैं लोग. तमाम क्षेत्रों में नौकरी में कटौती और कर्मचारियों छंटनी के बीच देश की सबसे बड़ी बिस्कुट बनाने वाली कंपनी पार्ले प्रोडक्ट्स अपने यहां से 8 से 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है. कंपनी ने मंगलवार को कहा कि अगर खपत में इसी तरह से मंदी बनी रही तो कंपनी को कर्मचारियों को निकालना होगा. कंपनी ने कहा कि ये मंदी इस बात का इशारा है कि अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं चल रही है.
Parle, founded in 1929, employs about 100,000 people. In 2003, its flagship biscuit brand Parle-G was considered the world’s largest selling biscuit brand.https://t.co/ZFnkP5FKmE
— The Indian Express (@IndianExpress) August 21, 2019
अर्थव्यवस्था में गिरावट कारों से लेकर कपड़ों तक हर चीज की बिक्री में सेंध लगा रही है, जिससे कंपनियों को उत्पादन कम करने पर मजबूर होना पड़ रहा है.
कंपनी के कैटेगरी हेड मयंक शाह के अनुसार पारले ने 100 रु प्रति किलो या उससे कम कीमत वाले बिस्कुट पर जीएसटी घटाने की मांग की है. ये आमतौर पर 5 रु. या कम के पैक में बिकते हैं. अगर सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो उन्हें 8 से 10 हजार कर्मचारियों को निकालना पड़ेगा, बिक्री घटने से उन्हें भारी नुकसान हो रहा है.
शाह ने बताया कि कन्जंपशन घटने के कारण रिटेलर्स भी प्रॉडक्ट्स लेने से पीछे हट रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘बिस्कुट पर अधिक जीएसटी लागू होने से कन्ज्यूमर डिमांड घटी है. सरकार इसके लिए कोई कदम नहीं उठा रही, जिससे हालात बदतर हो गए हैं. हमारे कई ऐसे बिस्कुट हैं जिन्हें मिड और लो-इनकम ग्रुप के उपभोक्ताओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है. वे हमारे जैसे ब्रांड्स के कोर कंज्यूमर हैं.
1929 में स्थापित पारले के दस 10 प्लांट (संयंत्रों) में स्थाई और अनुबंध के तौर पर लगभग 1 लाख लोग काम करते हैं.
दूसरी बिस्कुट कंपनी ब्रिटानिया के एमडी वरूण बैरी ने हाल ही में एक कॉन्फ्रैंस कॉल में कहा था कि ग्राहक 5 रुपए वाला पैकेट खरीदने में भी दो बार सोच रहा है. उन्होंने कहा कि ये इकोनॉमी की गंभीर स्थिति का संकेत है. उन्होंने कहा कि ह सिर्फ 6 फीसदी की दर से ग्रोथ कर रहे हैं और बाजार इससे भी कम.अप्रैल से जून की तिमाही में नुस्ली वाडिया की इस कंपनी का मुनाफा 3.5 फीसदी गिरकर 249 करोड़ रुपए हो गया.
पिछले महीने मार्केट रिसर्च कंपनी नील्सन ने एफएमसीजी कंपनियों के लिए 2019 में ग्रोथ का टारगेट 11-12 फीसदी से घटाकर 9 से 10 फीसदी कर दिया.