बीजेपी कैंडिडेट कपिल मिश्रा के ‘मिनी पाकिस्तान’ वाले ट्वीट पर चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया है.विवादास्पद ट्वीट लेकर रिटर्निंग अधिकारी ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है.कपिल मिश्रा को यह नोटिस ऐसे वक्त में मिला है, जब उनके ट्वीट को लेकर चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने ट्वीटटर से मिश्रा के ट्वीट को हटाने को कहा है.
BJP leader Kapil Mishra, on 23rd January, had tweeted '…On 8th February there will be a contest between India and Pakistan on the streets of Delhi.' #DelhiElections2020 https://t.co/RII7su01pn pic.twitter.com/s9eztEUMXG
— ANI (@ANI) January 24, 2020
कपिल मिश्रा ने दिल्ली चुनाव को लेकर सीरिज में ट्वीट किया था, जिनमें से एक में ‘मिनी पाकिस्तान’ वाला था और दूसरे में उन्होंने कहा था कि 8 फरवरी को भारत-पाकिस्तान का मैच होगा.
#UPDATE Delhi Chief Electoral Officer's office requests Election Commission of India to begin the process for removal of Kapil Mishra's tweet. Election Commission has asked Twitter directly to remove the tweet. https://t.co/BRBBo1Jixa
— ANI (@ANI) January 24, 2020
नोटिस में गुरुवार को कपिल मिश्रा से उनके द्वारा किए गए ट्वीट्स को लेकर जवाब मांगा गया है. नोटिस में कहा गया है कि कपिल मिश्रा के कृत्य से आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन होता है और इस कानून के अंतर्गत यह दंडनीय अपराध है. उनसे पूछा गया है कि कारण बताएं कि आपके खिलाफ क्यों न कार्रवाई शुरू की जाए?
आज सुबह कपिल मिश्रा ने एक और ट्वीट किया और लिखा-सच बोलने में डर कैसा, सत्य पर अडिग हूं. अब खबर है कि कपिल मिश्रा ने चुनाव आयोग को अपना जवाब दे दिया है. विवादित ट्वीट पर आयोग ने उन्हें नोटिस थमाया था, जिसपर अब बीजेपी नेता ने कहा कि उनके ट्वीट को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. उन्होंने किसी की धर्म, जाति या विशेष समुदाय को निशाने पर नहीं लिया था.
ट्वीट को तोड़-मरोड़ कर कैसे पेश किया जाता है ? यह बात शायद बीजेपी आईटी से ही बेहतर बता सकता है.
माननीय चुनाव आयोग के नोटिस को मेरा जवाब 👇 pic.twitter.com/7eT7YqoUAJ
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) January 24, 2020
कपिल मिश्रा ने लिखा कि मेरा बयान किसी राजनीतिक रैली में नहीं दिया गया है, सिर्फ एक राय है. जिससे चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन नहीं होता है. उन्होंने लिखा कि मनीष सिसोदिया ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया है, इस प्रदर्शन में महिलाओं को आगे रखा गया है. साथ ही नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ माहौल बनाने का काम किया जा रहा है.