मध्य प्रदेश: नर्मदा घाटी में डूब के साथ-साथ बढ़ रहे हैं भूकंप के धमाके

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देश नर्मदा घाटी में जल से डूब का खतरा तो देख ही रहा है लेकिन यही जल ज़मीन के नीचे घाटी को किस प्रकार धीरे धीरे खत्म कर रहा है उस तबाही का अंदाज़ा भी नही लगाया जा सकता है। नर्मदा घाटी में डूब से तो लोगों के घरों और जान-माल पर संकट छाया ही हुआ है परन्तु भूकंप के झटके उससे ज्यादा दहला देने वाले महसूस किए जा रहे हैं। जिन गांवों में डूब आ रही है या आने वाली है उसके अलावा भी दूर- दराज के गांवों में बहुत तेज़ भूकंप आ रहा है।

सांकेतिक चित्र

नर्मदा पट्टी पहले से ही भूकंप के लिए संवेदनशील थी। सरदार सरोवर बांध के बनने से भूकम्प का खतरा और बढ़ गया है। इसके दुष्परिणाम भी अब सामने आने लगे हैं।

कल 16 सितंबर को शाम 6-7 बजे के आस -पास मदिल गांव में 5-6 भूकंप से धमाके हुए और फिर रात भर में कई बार ये धमाके सुनाई दिए। धमाके इतने बड़े थे कि मकान की छतों से ठप्पर और टिन भी नीचे गिरे हैं। मदिल के अलावा राजपुर तहसील के देवझिरी, साकर और भमोली गांवों में भी ये झटके रातभर महसूस किए गए। मकान और अन्य बिल्डिंग्स ढहने के डर से गांव के लोग रात भर सो नहीं पाए।

इससे पहले डूब प्रभावित एकलवारा और सेगांवा गांव जो आधे डूब भी चुके हैं वहां लगातार लोग भूकंप के धमाके झेल रहे हैं। एक तरफ सरदार सरोवर की डूब और दूसरी तरफ भूकंप के ये धमाके लोगों की स्थिति को और भयावह बना रहे हैं। ऐसे सैकड़ों परिवार भी हैं जो डूब से बाहर बताए गए थे पर अब पानी घरों में घुसने से घर की दीवारें जर्जर हो चुकी हैं और ढह रहीं हैं। जिन दीवारों में दरारें हैं वो भूकंप के झटकों से गिर रही हैं।

मदिल तहसील के निवासी नर सिंह का कहना है कि पिछले एक महीने से उनके गांव में भूकंप के झटके आ रहे हैं परंतु कल पूरी रात 5-10 मिनट के अंतराल में ये धमाके होते रहे, घर के मटके, नाजुक समान तक टूट गया और छतों में रखा सामान और टिन भी नीचे गिरे।

गांव के बच्चे और परिवार के सदस्य पूरी रात दहशत में बैठे रहे। गांव के लोग इस डर में थे कि कहीं सभी मकान न ढह जाए।कच्चे घरों की ईंटें, मटके और छतों पर रखे सामान का नुकसान हुआ। इतनी भयानक स्थिति होते हुए भी प्रशासन का ध्यान इस तरफ नहीं है, राज्य सरकार ने भूकंप मापक यंत्र को जांचने के लिए अपनी कोई राज्य स्तरीय टींम नहीं लगायी है बल्कि केंद्र से आई टीम इसकी जांच कर रही है जिनको इस क्षेत्र की पूरी समझ तक नहीं है। जो भूकंप मापन यन्त्र लगाए हैं उनकी रिपोर्ट तक जाहिर नहीं की जा रही है। ऐसे में नर्मदा बचाओ आन्दोलन और नर्मदा घाटी के लोग सरकार से मांग करते हैं कि तुरंत इन क्षेत्रों का दौरा किया जाए और जो भूकंप मापन यन्त्र लगे हुए हैं उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। जिन गांवों में इससे गंभीर स्थिति बन रही है वहां जाकर तुरंत कार्यवाही करके विकल्प ढूँढा जाए।


NAPM द्वारा जारी 

 

 

 


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