जेएनयू देशद्रोह मामले में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से कहा कि कन्हैया कुमार व अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अधिकारियों से कोई मंजूरी नहीं मिली है. जेएनयू सेडिशन मामले में जांच अधिकारी ने आज मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) को बताया कि दिल्ली सरकार के गृह विभाग से पुलिस को जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार व अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी अब तक नहीं मिली है.
JNU sedition case: Delhi Police today informed Patiala House Court that the sanction of chargesheet is still pending and Home Department has not given the sanction yet.
— ANI (@ANI) July 23, 2019
सीएमएम मनीष खुराना ने गृह विभाग द्वारा दायर एक रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेते हुए कहा कि मामले में मंजूरी के मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए दिल्ली सरकार के स्टैंडिंग काउन्सिल, विधि विभाग, की राय प्राप्त करने के बाद एक महीने का समय चाहिए. दिल्ली सरकार के वकील ने कहा है कि आरोप पत्र जल्दबाजी में दाखिल किया गया है और उसमें बहुत गड़बड़ी है.
अदालत ने मंजूरी पर निर्णय की प्रतीक्षा करने के लिए मामले को स्थगित करते हुए संबंधित डीसीपी को निर्देश दिया कि वह मामले की मंजूरी की स्थिति पर रिपोर्ट प्रस्तुत करें.
No information from Delhi Govt on sanction to pursue #JNU Sedition case, Delhi Police tells Court @kanhaiyakumar https://t.co/qflWtUe41T
— Bar and Bench (@barandbench) July 23, 2019
इस बीच ख़बरों के मुताबिक, दिल्ली सरकार के विधि विभाग के स्टैंडिंग काउन्सिल राहुल मेहरा के अनुसार गृह विभाग ने मामले में मंजूरी के लिए दिल्ली पुलिस के अनुरोध को ठुकराने का फैसला किया है. मेहरा के अनुसार “सरकार और उसकी नीतियों की आलोचना करना राजद्रोह नहीं है और इस तरीके की कार्यवाही लोकतंत्र के लिए घातक है.
इससे पहले दिल्ली पुलिस द्वारा चार्जशीट दाखिल किये जाने के बाद 19 जनवरी 2019 को भी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दीपक शेरावत ने दिल्ली पुलिस को सभी संबंधित मंज़ूरियां लेने के लिए 6 फरवरी तक का वक्त दिया था.तब अदालत ने पुलिस से पूछा था कि कानूनी विभाग की मंजूरी के बगैर आरोप-पत्र दायर क्यों किया?
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने इस मामले में इसी साल 14 जनवरी को आरोप पत्र दाखिल किया था. दिल्ली सरकार से मंजूरी नहीं मिलने के कारण अब तक इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया जा सका है.
चार्जशीट में कन्हैया कुमार के अलावा उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और सात अन्य को जेएनयू कैंपस में 2 फरवरी, 2016 को कथित रूप से “राष्ट्रविरोधी” नारे लगाने के लिए नामित किया गया है.
इन सभी पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 124A, 143,147,149,120B और 323 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
गौरतलब है कि देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार होने के लगभग तीन सप्ताह बाद मार्च 2016 में कन्हैया को दिल्ली उच्च न्यायालय ने अंतरिम जमानत दे दी थी.इसके तुरंत बाद, एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने मामले में उमर खालिद और अनिर्बानभट्टाचार्य को अंतरिम जमानत दी थी. इस मामले की अगली सुनवाई अब 18 सितंबर को होगी.