हिंदू राव अस्पताल में नर्स कोरोना पॉजिटिव
दिल्ली के हिंदू राव अस्पताल में एक नर्स कोविड 19 की जांच में पॉजिटिव पायी गयी है, जिसके बाद अस्पताल अस्थाई रूप से सील करके सेनिटाइज़ किया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार नर्स के संपर्क में आये लोगों की पहचान करने के बाद ही अस्पताल में दोबारा सेवाएं शुरू होंगी। हिंदू राव अस्पताल उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आता है। कोरोना जांच में एक नर्स का पॉजिटिव आना अस्पताल प्रशासन द्वारा चिकित्साकर्मियों को दिये जा रहे सुरक्षा उपकरण और सुविधाओं पर भी सवाल उठाता है। बताया जाता है कि नर्स को पिछले 5-6 दिनों से कोरोना वायरस के लक्षण महसूस हो रहे थे और जांच कराने पर उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। चौंकाने वाली बात ये भी है कि नर्स का सैंपल जांच के लिए भेजे जाने के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने नर्स से सेवाएं लेनी जारी रखी। पिछले दो हफ़्तों से अलग-अलग स्थानों पर उसकी शिफ्ट लगायी गयी थी। अब इस वजह से संक्रमण फ़ैलने के खतरे को देखते हुए नर्स के संपर्क में आये लोगों की भी पहचान की जा रही है। दिल्ली में इस वक़्त कोरोना संक्रमण के कुल मामले 2600 से अधिक हो गये हैं और रोज़ाना तेज़ी से बढ़ते जा रहे हैं, जो चिंताजनक स्थिति की गवाही देते हैं। अभी-भी दिल्ली में कोरोना संदिग्धों से लिए गये 3700 से अधिक सैंपल हैं, जिनकी रिपोर्ट आनी बाकी है।
अस्पताल के डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ़ ने सामूहिक इस्तीफ़े की पेशकश की थी
आपको बता दें कि कुछ समय पहले ही हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों ने और नर्सिंग स्टाफ़ ने सामूहिक इस्तीफ़े की पेशकश की थी। उनका कहना था कि “अस्पताल में हमें कोरोना संक्रमित लोगों का इलाज करना है, लेकिन ज़रूरी पीपीई किट, सेनिटाइज़र और मास्क नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है। यहाँ तक कि हमें मास्क ख़रीदने के लिए भी अपनी जेब से ही पैसा खर्च करना पड़ रहा है। इन स्वास्थ्यकर्मियों के सामूहिक इस्तीफ़े की पेशकश के बाद ज़रूरी उपकरण मुहैया कराने की जगह सीएमओ ने उनका इस्तीफ़ा अस्वीकार करते हुए कहा था कि “इस महामारी के समय जो भी इस्तीफ़ा देगा, उसके ख़िलाफ़ संबंधित विभाग में कार्रवाई होगी।”
फ्रंटलाइन वॉरियर्स में तेजी से फैलता कोरोना संक्रमण
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना की लड़ाई में अगुवाई कर रहे लोगों को फ्रंटलाइन वॉरियर कहा था, लेकिन कोरोना वायरस से लड़ाई में इन फ्रंटलाइन वॉरियर, जिनमें डॉक्टर, नर्स जैसे अन्य स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस और मीडियाकर्मी शामिल हैं, उनका भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाना बड़े ख़तरे की निशानी है। पूरे देश में अभी तक सैंकड़ों स्वास्थ्यकर्मी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। महाराष्ट्र में अब तक 90 से ऊपर पुलिसकर्मियों में कोरोना संक्रमण मिल चुका हैं, जिसमें से 34 अकेले मुंबई में ही हैं। कोरोना वायरस की वजह से एक सिपाही की मृत्यु भी हो चुकी है। मुंबई में ही 53 और तमिलनाडु में 27 इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े मीडियाकर्मियों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। देश के अलग-अलग हिस्सों से इस तरह की संक्रमण की घटनाएँ लगातार सामने आ रही हैं, जिससे सरकार और प्रशासन द्वारा इन फ्रंटलाइन वॉरियर्स को दी जा रही सुरक्षा सुविधाओं पर सवाल उठने लाज़मी हैं।