दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की असफलता का दोष दिवंगत शीला दीक्षित पर लगाते हुए दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने से पहले पीसी चाको ने गुरुवार की सुबह अपने बयान में दिल्ली में कांग्रेस की स्थिति को लेकर बयान दिया था. पीसी चाको ने कहा था कि 2013 से ही दिल्ली में कांग्रेस की खराब हालत की शुरुआत हो गई थी. आम आदमी पार्टी के उदय के साथ ही कांग्रेस का परंपरागत वोटबैंक उसकी ओर शिफ्ट हो गया, जो आज भी लौटा नहीं है.
PC Chacko tenders his resignation from the post of Delhi Congress in-charge. https://t.co/4sj1YzVKs6
— ANI (@ANI) February 12, 2020
चाको के इस बयान को कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है.
Sheila Dikshit ji was a remarkable politician & administrator. During her tenure as Chief Minister, Delhi was transformed & Congress was stronger than ever.
Unfortunate to see her being blamed after her death. She dedicated her life to @INCIndia & the people of Delhi https://t.co/XwQPlHE6cw
— Milind Deora | मिलिंद देवरा ☮️ (@milinddeora) February 12, 2020
इससे पहले दिल्ली में हार की जिम्मेदारी लेते हुए दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दिया था. सुभाष चोपड़ा ने कहा है कि अध्यक्ष होने के नाते मैं लोगों को समझाने में नाकाम रहा, हार की जिम्मेदारी लेता हूं. अरविंद केजरीवाल को बधाई, लेकिन अपने काम की वजह से नहीं चतुराई और विज्ञापनों की वजह से जीते हैं.
कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने कहा था -‘मैंने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. अब आलाकमान को मेरे इस्तीफे पर निर्णय लेना है.’’
Subhash Chopra tenders his resignation from the post of Delhi Congress chief. #DelhiResults (file pic) pic.twitter.com/jfzlUlqQ27
— ANI (@ANI) February 11, 2020
गौरतलब है कि दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में आप ने 62 सीटों पर जीत हासिल की है.उसकी वोट हिस्सेदारी 53.57 प्रतिशत रही. भाजपा ने आठ सीटों पर जीत हासिल की और उसे 38.51 प्रतिशत वोट मिले. कांग्रेस का खाता नहीं खुला और उसकी वोट हिस्सेदारी 4.26 प्रतिशत रही.
कांग्रेस लगातार दूसरी बार विधानसभा में अपना खाता नहीं खोल सकी. कांग्रेस के सिर्फ तीन उम्मीदवार- गांधी नगर से अरविंदर सिंह लवली, बादली से देवेंद्र यादव और कस्तूरबा नगर से अभिषेक दत्त ही अपनी जमानत बचा पाए हैं, बाकी सबकी जमानत तक जब्त हो गई. पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत शीला दीक्षित के नेतृत्व में 15 साल तक शासन करने वाली कांग्रेस लगातार दूसरी बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक भी सीट जीतने में नाकाम रही.