कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ 5 नवंबर को देशव्यापी रोड ब्लॉक, 26-27 नवंबर को ‘दिल्ली चलो!’

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देश भर के 500 किसान संगठनों ने मोदी सरकार के कृषि कानूनों और बिजली बिल 2020 के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के कार्यक्रमों का ऐलान किया है। किसान संगठनों ने 5 नवंबर को देशव्यापी ‘रोड ब्लॉक’ और 26-27 नवबंर को ‘दिल्ली चलो’ का ऐलान किया है। किसान संगठनों ने सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ने के लिए किसान संगठनों के संयुक्त मंच का भी गठन किया है।

मोदी सरकार के किसान विरोध कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में आगे की रणनीति तय करने के लिए दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज में देशभर के किसान संगठनों की हुई बैठक में ये फैसले लिए गए। संगठनों का कहना है कि इस बार किसान अपनी मांगो के लिए सड़क पर उतर गए हैं, अब वह पीछे नहीं हटेंगे।

देश के प्रमुख किसान मंचों ने, जिनके घटक संगठन 500 से अधिक हैं, जिसमें अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) का वर्किंग ग्रुप और सरदार बल्बीर सिंह राजेवाल और गुरनाम सिंह के नेतृत्व वाले संगठन शामिल हैं, ने आज दिल्ली के गुरूद्वारा रकाबगंज में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निम्न घोषणाएं की:

1- देश भर में किसान विरोधी, जनविरोधी तीन खेती के कानून तथा बिजली बिल 2020 के विरुद्ध एक व्यापक संयुक्त मंच का गठन किया गया है। इसका नेतृत्व एक समन्वय करेगा। इसमें वीएम सिंह, बल्बीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह, राजू शैट्टी, योगेन्द्र यादव रहेंगे। यह समिति निम्न दोनों कार्यक्रम का अयोजन करेंगी।

A- 5 नवम्बर को अखिल भारतीय रोड ब्लाक का आयोजन किया जाएगा।

B- 26-27 नवम्बर 2020 को ‘दिल्ली चलो’ का आयोजन किया जाएगा।

2- यह संघर्ष 3 खेती के कानून तथा बिजली बिल 2020 पर केन्द्रित रहेगा।

3- इस विरोध के लिए राज्य तथा क्षेत्रीय स्तर पर बहुत व्यापक जन गोलबंदियां की जाएंगी तथा इन मांगों पर आंदोलन विकसित किया जाएगा।

4- अखिल भरतीय स्तर पर यह आंदोलन सरकारी कार्यालयों पर, केन्द्र सरकार समेत तथा भाजपा व उनके सहयोगी दलों के विरूद्ध तथा कारपोरेट को लक्षित करेगा।

5- किसान संगठनों की बैठक में केन्द्र सरकार द्वारा पंजाब में सवारी गड़ियों के न चलने की स्थिति में माल गाड़ियों के संचालन को रोकने की कड़ी निन्दा की। यह जनता के विरुद्ध ब्लेकमेलिंग का तरीका है और किसी जनवादी सरकार के लिए शर्मनाक काम है।


एआईकेएससीसी मीडिया सेल द्वारा जारी

 


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