कोविड-19: JNU-DU में हॉस्टल खाली करने का आदेश, JNUTA छात्रों के साथ

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जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में कोविड-19 के अलर्ट पर हॉस्टल खाली करने के प्रशासन के निर्देश पर विरोध जारी है.जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन का कहना है कि इस दौरान स्टूडेंट्स के लिए सफर खतरनाक है और महंगा भी. विश्वविद्यालय प्रशासन ने बीते 19 मार्च को नोटिस जारी कर छात्रों को अगले आदेश तक हॉस्टल खाली कर घर चले जाने को कहा था. छात्रों का कहना है कि ट्रेनों में जाने से कोरोना का ख़तरा अधिक है, वहीं उनके घर जाने से घरवालों को भी खतरा हो सकता है. आज रात हॉस्टल में आखिरी खाना मिलेगा, उसके बाद अगले आदेश तक मेस बंद रहेंगे. 

मीडिया विजिल से बात करते हुए जेएनयू के एक छात्र ने बताया कि, करीब 70 फीसदी बच्चे हॉस्टल खाली कर चले गये हैं, जो नहीं जा सकें वही यहीं रुके हैं.  उनका कहना है कि अभी तक प्रशासन ने हॉस्टल जबरन खाली कराने की कोशिश नहीं की, लेकिन उनका प्रेशर है. इन छात्रों का कहना है कि उन्होंने प्रशासन से अगले कुछ दिनों का राशन देने की मांग की, जिसे प्रशासन ने ठुकरा दिया है. वहीं, जेएनयू शिक्षक संघ ने जरूरतमंद छात्रों को आवास और भोजन उपलब्ध कराएगा. इसके लिए हेल्प डेस्क गठित करने का फैसला लिया गया है.

जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन ने स्टूडेंट्स का साथ देते हुए कहा है कि एचआरडी मिनिस्ट्री ने कोरोना वायरस को देखते हुए हॉस्टल बंद करने की बात नहीं की है. एसोसिएशन ने कहा है कि रजिस्ट्रार के 48 घंटे के भीतर हॉस्टल खाली करने के निर्देश से स्टूडेंट्स परेशान हैं. एसोसिएशन ने जरूरतमंद स्टूडेंट्स को रहने, खाने या सफर करने से जुड़ी मदद की पेशकश की है.

एसोसिएशन के प्रेजिडेंट डॉ डीके लोबियाल ने कहा, जो भी स्टूडेंट्स मुश्किल का सामना कर रहे हैं, वे जेएनयूटीए को लिख सकते हैं.यूनियन ने स्टूडेंट्स से अपील की है कि जो घर नहीं जा सकते, वो अपने हॉस्टल वॉर्डन को लिखित दें.

वहीं, जामिया और डीयू में भी हॉस्टल खाली करने के आदेश जारी हुए हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय रजिस्टर ने भी नोटिस जारी कर जल्द से जल्द हॉस्टल खाली करने का आदेश दिया है.

इनमें विदेश छात्र भी शामिल हैं. डीयू के एक छात्र ने बताया कि कई हॉस्टल खाली करवा दिए गये हैं और कईयों को अगले 48 घंटे में खाली करने को कहा गया है.


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